जब हज़रत हम्ज़ा शहीद हुए तो ख़ुद पैग़म्बरे इस्लाम ने उन्हें नमूना बनाना चाहा। यह जो पैग़म्बरे इस्लाम ने उन्हें “शहीदों का सरदार” कहा था...यह आदर्श बनाना है और यह उस दौर के लिए ही नहीं था बल्कि हमेशा के लिए, पूरी तारीख़ के लिए और सभी मुसलमानों के लिए है। इमाम ख़ामेनेई 25 जनवरी 2025
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