धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन सिद्दीक़ी ने मजलिस पढ़ी। उन्होंने हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा अहलेबैत को शुद्ध प्रकाश और अल्लाह के इश्क़ में पूरी तरह फ़ना हो जाने वाली हस्ती बताया। उन्होंने कहा कि पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी ने अपनी पूरी ज़िंदगी दीन और विलायत के लिए समर्पित कर दी और ज़ुल्म के ख़िलाफ़ डट गयीं।

इस मजलिस में जनाब महमूद करीमी ने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का मर्सिया और नौहा पढ़ा।