इस मजलिस में जनाब हादी मोवह्हिद अमीन ने क़ुरआन मजीद की तिलावत की जिसके बाद धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन महदी असलानी ने सच बात को बयान करने की कला शीर्षक के तहत मजलिस पढ़ी और क़ुरआन की आयतों के आधार पर सच बात को बयान करने की कला को हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की नुमायां ख़ुसूसियतों में बताया और कहा कि क़ुरआन इस राह में संघर्ष और रेज़िस्टेंस को, सिर्फ़ परलोक पर यक़ीन के आधार पर मुमकिन बताता है।

इस मजलिस में जनाब हद्दादियान ने हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा का मर्सिया पढ़ा।