21/08/2023
"सरबाज़े रूज़े नहुम" (नवें दिन का सिपाही) इस्लामी इन्क़ेलाब के इंसान की दास्तान है।
15/07/2023
ईमान की वजह से क़ुरआन की तिलावत सुनना एक ज़िम्मेदारी है और दूसरी बात ‎यह है ‎कि यह ‎ख़ुदा की रहमत के लिए तैयार होने के अर्थ में है। इमाम ख़ामेनेई