इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम ने अपने शागिर्द से फ़रमाया कि अगर तुम्हारे पास क़ीमती हीरा हो तो सारी दुनिया कहती रहे कि यह पत्थर है, मगर चूंकि तुम्हें इल्म है कि यह हीरा है तुम दुनिया वालों की बात का एतेबार नहीं करोगे। इसी तरह अगर तुम्हारे हाथ में पत्थर है और सारी दुनिया कहती रहे कि यह क़ीमती हीरा है तो तुम दुनिया की बात नहीं सुनोगे क्योंकि तुम्हें इल्म है कि वह पत्थर है।
जब क़ीमती जवाहरात आपके पास हैं तो सारी दुनिया कहती रहे कि यह तो बेकार चीज़ है, आप का इल्म कहेगा कि नहीं यह बहुत क़ीमती चीज़ है। हमारी क़ौम को इल्म है, वह समझ चुकी है, इसी लिए मज़बूत क़दमों से डटी हुई है।
इमाम ख़ामेनेई
13 फ़रवरी 2004