ख़तरनाक फ़िसलन की ओर से सावधान रहें। इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम ने सहीफ़ए सज्जादिया की एक दुआ में जहाँ इस्लामी सिपाहियों के लिए दुआ की है, वहीं जिन चीज़ों पर ख़ास ताकीद की है उनमें से एक यह है कि ऐ अल्लाह! फ़ितना पैदा करने वाले माल की मोहब्बत और याद से उनके दिलों को सुरक्षित कर दे। (सहीफ़ए सज्जादिया, दुआ नंबर-27) फ़ितना पैदा करने वाले माल की मोहब्बत इनके दिलों से निकाल दे। धन दौलत बहुत ख़तरनाक और फ़ितना फैलाने वाले हैं और बहुत से लोग इस पर फिसल जाते हैं। हमने तारीख़ में बड़े बड़े लोगों को देखा कि जिस वक़्त उनके क़दम इस जगह पर पहुंचते हैं, फिसल जाते हैं, इसलिए बहुत ख़बरदार रहने की ज़रूरत है। शरीअत में ख़बरदार व सावधान रहने को ही तक़वा कहते हैं। यह जो क़ुरआन मजीद में शुरू से आख़िर तक जगह जगह इतना ज़्यादा तक़वे पर ताकीद की गयी है इसका मतलब यही अपनी निगरानी, अपनी देखभाल है। इंसान का मन ज़्यादा से ज़्यादा की इच्छा रखता है, (और इच्छाओं से हार जाता है।)।
इमाम ख़ामेनेई
16/4/2004