न्यायपालिका प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहसिनी एजेई ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई को एक ख़त लिखा था जिसमें उन्होंने इन क़ैदियों की सज़ा को माफ़ करने या कम करने और सज़ा को बदलने का सुझाव रखा था। 

इस प्रस्ताव से पहले इन क़ैदियों की फ़ाइलें की समीक्षा आयोग को दी गई थीं। इस सुझाव को संविधान की धारा 1108 के अनुच्छेद 11 के तहत आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुबूल किया।