चुनाव, मैदान में अवाम की मौजूदगी की निशानी और अवाम के इरादे व निर्णय का चिन्ह है। इसलिए हर उस इंसान का क़ौमी फ़रीज़ा है कि चुनाव में शरीक हो जो चाहता है कि मुल्क तरक़्क़ी करे काम करे और बड़े लक्ष्य तक पहुंचे।

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