राष्ट्रपति और उनके साथ मौजूद लोगों की शहादत जैसी मौत पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की ओर से संवेदना और आम शोक का एलान
बिस्मिल्लाह अर्रहमान अर्रहीम
बेशक हम सिर्फ़ अल्लाह के लिए हैं और उसी की तरफ़ पलटकर जाने वाले हैं (सूरए बक़रह, आयत-156)
बहुत दुख और अफ़सोस के साथ मुजाहिद आलिम, अवाम के हमदर्द, लायक़, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के ख़ादिम हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन जनाब सैयद इब्राहीम रईसी और उनके सम्मानीय साथियों (रिज़वानुल्लाह अलैहिम) की शहादत जैसी मौत की तल्ख़ ख़बर मिली। यह दुखद घटना, सेवा की एक कोशिश के दौरान घटी, इस महान व बलिदानी इंसान के सरकारी ओहदों का पूरा दौर चाहे वह थोड़ी मुद्दत का उनका राष्ट्रपति काल हो या उससे पहले का दौर हो, पूरी तरह अवाम, मुल्क और इस्लाम की मुसलसल सेवा में गुज़रा।
अज़ीज़ रईसी जानते ही नहीं थे कि थकन क्या चीज़ होती है। इस तल्ख़ हादसे में ईरानी क़ौम ने अपने एक ईमानदार, क़ीमती और दिल से प्यार करने वाले सेवक को खो दिया। उनके लिए अवाम की भलाई और उनकी मर्ज़ी जो अल्लाह की मर्ज़ी का प्रतीक है, हर चीज़ से ज़्यादा अहमियत रखती थी और इसी लिए कुछ लोगों की नाशुक्री और कुछ दुर्भावना रखने वालों के ताने उन्हें विकास व तरक़्क़ी और मसलों के हल के लिए दिन रात कोशिश से रोक नहीं पाते थे।
इस गंभीर हादसे में तबरीज़ के लोकप्रिय व मोतबर इमामे जुमा हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन आले हाशिम, मुजाहिद व कर्मठ विदेश मंत्री जनाब अमीर अब्दुल्लाहियान साहब, पूर्वी आज़रबाइजान के इंक़ेलाबी व दीनदार गवर्नर जनाब मालिक रहमती साहब, क्रू मेंबर और साथ मौजूद कुछ दूसरे लोग भी अल्लाह की वादिए-रहमत से जा मिले। मैं पाँच दिन के आम शोक का एलान करता हूं और अज़ीज़ ईरानी क़ौम की सेवा में संवेदना व्यक्त करता हूं।
संविधान की धारा 131 के मुताबिक़, जनाब मुख़बिर साहब, कार्यपालिका के प्रमुख का पद संभालेंगे और उन्हें चाहिए कि विधिपालिका और न्यायपालिका के प्रमुखों के सहयोग से ज़्यादा से ज़्यादा 50 दिन में नए राष्ट्रपति के चयन को सुनिश्चित बनाएं।
आख़िर में, मैं जनाब रईसी साहब की माँ, उनकी विद्वान व अज़ीम पत्नी और राष्ट्रपति के दूसरे परिजनों और राष्ट्रपति के साथ मौजूद दूसरे लोगों के सम्मानीय घर वालों ख़ास तौर पर जनाब आले हाशिम साहब के पिता की सेवा में दिल से संवेदना व्यक्त करता हूं और अल्लाह से उनके लिए सब्र और मरहूमीन के लिए अल्लाह की रहमत की दुआ करता हूं।
सैयद अली ख़ामेनेई
20/05/2024