इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने इस पैग़ाम में विशेषज्ञ असेंबली को इस्लामी गणराज्य का प्रतीक बताया और शरीअत, तर्क, ग़ायब और ज़ाहिर को एक दिशा पर लाने के सिलसिले में क़ुरआन और इस्लाम की मारेफ़त के तार्किक उपाय की ओर इशारा करते हुए पूरी दुनिया के इंसानों को कि जिनका ज़मीर ज़िंदा है दावत दी कि वो धर्म विरोधी या धर्म से दूर भागने वाले सिस्टमों की कड़वी सच्चाई पर ध्यान देने के साथ ही इस्लामी शासन की व्यापक, ठोस, मुश्किल को हल करने वाली और साथ ही आकर्षक व हैरतअंगेज़ तदबीर पर भी ग़ौर करें। 

उन्होंने इसी तरह मरहूम राष्ट्रपति और तबरीज़ के सम्मानीय इमामे जुमा को भी श्रद्धांजलि पेश की है। 

इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का यह पैग़ाम आज सुबह उनके दफ़्तर के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहम्मदी गुलपायगानी ने विशेषज्ञ असेंबली की बैठक में पढ़ा।