"और मदद, ख़ुदावंद क़दीर व हकीम के अलावा किसी और की जानिब से नहीं है।" (सूरए आले इमरान, आयत-126) और अल्लाह ईरानी क़ौम को, सच्चाई को, हक़ को निश्चित तौर पर फ़तह देगा इंशाअल्लाह।