ईरानी क़ौम ने इस वाक़ए में अपनी महानता का अपनी अज़ीम शख़्सियत का परिचय दिया और यह दर्शा दिया कि ज़रूरत पड़ने पर इस क़ौम से एक सुर सुनाई देगा और बेहम्दिल्लाह ऐसा हुआ।