ईलुद फ़ित्र के मौक़े पर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 1542 क़ैदियों की सज़ाएं माफ़ या कम करने पर रज़ामंदी दी है।
सुप्रीम लीडर ने अलग-अलग अदालतों और सशस्त्र सेना की अदालत से और इसी तरह विभागीय कार्यवाही के तहत सज़ा पाने वाले 1542 लोगों को माफ़ी देने या उनकी सज़ाएं कम करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है।
न्यायपालिका के प्रमुख हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मोहसेनी एजई ने ईदुल फ़ित्र के मौक़े पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई को एक ख़त लिख कर 1542 क़ैदियों की सज़ा माफ़ करने या उन सज़ाओं में कमी या तबदीली का सुझाव रखा था, जिस पर उन्होंने रज़ामंदी दी। माफ़ी से विशेष कमीशन में इन लोगों की फ़ाइलों की समीक्षा की गयी थी और उन्हें माफ़ी या सज़ा में कमी का पात्र पाया गया।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने इस सुझाव को संविधान की धारा 110 के ग्यारहवें अनुच्छेद के तहत रज़ामंदी दी।