तेहरान में ईदे फ़ित्र की मुख़्य नमाज़ इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में बुधवार की सुबह अवाम की बड़ी तादाद की शिरकत से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की गयी।
उन्होंने नमाज़ के बाद पहले ख़ुतबे में इस्लामी जगत और ईरानी क़ौम को ईदे फ़ित्र की मुबारकबाद पेश की और रमज़ान मुबारक के आध्यात्मिक ज़ख़ीरे की रक्षा पर बल देते हुए कहा कि अल्लाह की कृपा से समाज के जवान धर्म में रुचि रखते हैं जो मुल्क के लिए एक बड़ा अवसर है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने नमाज़ के दूसरे ख़ुतबे में ग़ज़ा के रक्तरंजित वाक़यों को रमज़ान मुबारक में मुसलमान क़ौमों के लिए कड़वाहट का सबब बताया और इस मुबारक महीने में ज़ायोनी हुकूमत के अपराधों के जारी रहने की ओर इशारा करते हुए कहा कि चूंकि ये घटिया हुकूमत प्रतिरोध का कुछ बिगाड़ नहीं सकती इसलिए वो माँ की गोद में बच्चे और अस्पतालों में मरीज़ों को क़त्ल करती है और बढ़ी ढिठाई से पूरी दुनिया की आँखों के सामने 30000 से ज़्यादा औरतों, बच्चों और जवानों को शहीद करती है।
उन्होंने पश्चिमी हुकूमतों ख़ास तौर पर अमरीका और ब्रिटेन की ओर से ज़ायोनी अपराधियों की सैन्य, राजनैतिक और आर्थिक मदद की घोर निंदा करते हुए कहा कि इन हुकूमतों ने ग़ज़ा के वाक़ए में पश्चिमी सभ्यता के घिनौने चेहरे को दुनिया के सामने ज़ाहिर कर दिया।
आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने कहा कि हमने और पश्चिमी सभ्यता की आलोचना करने वालों ने इससे पहले बारंबार कहा था कि इस सभ्यता का स्वभाव अध्यात्म और मानवीय मूल्यों से दुश्मनी का है और क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत की सपोर्टर हुकूमतों के क्रियाकलापों ने ग़ज़ा के छह महीने के वाक़यों में इस हक़ीक़त को ज़ाहिर कर दिया है।
उन्होंने पश्चिमी दावेदारों की ओर से मानवाधिकार की रक्षा के नारों की ओर इशारा करते हुए सवाल किया कि क्या 30000 से ज़्यादा बेक़ुसूर और निहत्थे शहीद, इंसान नहीं हैं तो फिर पश्चिम वालों की कोई आवाज़ क्यों सुनाई नहीं देती?
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने दमिश्क़ में ईरान के काउंसलेट पर घटिया ज़ायोनी हुकूमत के हमले की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब वो हमारे काउंसलेट पर हमला करते हैं तो ये ऐसा ही है जैसे उन्होंने हमारी सरज़मीन पर हमला किया है और दुनिया में यही सोच राएज है। घटिया हुकूमत ने इम मामले में ग़लती की है जिसकी सज़ा उसे मिलनी चाहिए और उसे सज़ा मिलेगी।
उन्होंने ईरानी क़ौम को ज़ायोनी हुकूमत के हमले में शहीद होने वालों और इसी तरह सीस्तान व बलोचिस्तान में सुरक्षा के फ़रीज़े को अंजाम देने के दौरान शहीद होने वालों का सोगवार बताया और आख़िर में अल्लाह से बड़े क़ौमी इम्तेहानों में ईरानी क़ौम की कामयाबी की दुआ की।