इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शनिवार को देश विदेश के साइंस के ओलंपियाडों में मेडल जीतने वालों और असाधारण प्रतिभा के मालिक कुछ स्टूडेंट्स से मुलाक़ात में, इन स्टूडेंट्स को बहुत ज़्यादा गहरी व वास्तविक उम्मीद का सबब बताया।
उन्होंने बल दिया कि मुझे नौजवानों और उनके जोश व जज़्बे पर पूरा भरोसा है और मैं आपको महासंपत्ति समझता हूं जिसकी क़ीमत आपके गर्व के क़ाबिल मेडलों से कहीं ज़्यादा है।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने मुल्क में बदलाव लाने यहाँ तक कि इतिहास की धारा मोड़ने और सौ फ़ीसदी पसंदीदा माहौल बनाने में प्रभावी, असाधारण प्रतिभा के धनी नौजवानों की सलाहियत को बहुत अहम बताया और कहा कि मानवीय तत्वों ने, राजनेताओं और अधिकारियों के अर्थ में नहीं बल्कि वैचारिक, नैतिक और आध्यात्मिक सलाहियत वालों के अर्थ में, ईरान के इतिहास के एक दौर में इस देश को गर्व करने के क़ाबिल कामयाबी व महानता तक पहुंचाया।
उन्होंने ईरान में क़रीब 200 बरस पर आधारित ब्रिटेन और अमरीका के राजनैतिक प्रभुत्व के दौर की ओर इशारा करते हुए कहा कि उस दौर में हमारी संस्कृति और वैज्ञानिक तरक़्क़ी क़रीब क़रीब तबाह हो गयी और राजनैतिक लेहाज़ से ईरान को निचले स्तर पर रोके रखा गया लेकिन इंक़ेलाब ने मैन पावर पर भरोसा करके जिनमें ज़्यादातर जवान थे, उस राजनीति की बिसात पलट दी और मुख़्तलिफ़ मैदानों में ज़बरदस्त तरक़्क़ी की।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने सन 2000 के दशक में ज़बरदस्त इल्मी व साइंटिफ़िक अभियान के आग़ाज़ होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि मौजूदा हालात में हमें एक इल्मी व साइंटिफ़िक छलांग की ज़रूरत है ताकि हम विश्व स्तर पर इल्म व साइंस की फ्रंटलाइन पर पहुंच सकें और यह चीज़ हमारे प्रतिभावान नौजवानों की कोशिश और उसके लिए माहौल बनाने से मुमकिन होगी।
उन्होंने मुल्क की राजनैतिक स्वाधीनता को अच्छी तरह महसूस होने वाली हक़ीक़त बताया और कहा कि दुनिया के अहम मुद्दों के बारे में इस्लामी गणराज्य ईरान अहम पोज़ीशन, नज़रिया और तर्क रखता है जिसे हमारे विरोधी तक अहमियत देते हैं।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने बल दिया कि इस राजनैतिक स्वाधीनता को नुक़सान नहीं पहुंचना चाहिए और जो भी सरकार सत्ता में आए वह इसकी रक्षा करे।
उन्होंने चुनाव और उसमें अवाम की भरपूर भागीदारी पर बल देते हुए, चुनाव में अवाम की ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में शिरकत को बहुत अहम बताया।