23/01/2024
तेहरान प्रांत के 24 हज़ार शहीदों पर सेमीनार के आयोजकों ने रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
07/01/2024
संगदिल अपराधी, अवाम का अपने अज़ीम कमांडर शहीद क़ासिम सुलैमानी के मज़ार की ज़ियारत का इश्क़ और शौक़ बर्दाश्त न कर पाए। वो याद रखें कि सुलैमानी की रौशन राह के सिपाही भी उनकी इस पस्ती और अपराध को बर्दाश्त नहीं करेंगे।  ईरान के किरमान नगर में शहीदों के क़ब्रिस्तान के रास्ते में आतंकी घटना में शहीद सुलैमानी के बहुत से श्रद्धालुओं की शहादत पर रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई का शोक संदेश। 3 जनवरी 2024
04/01/2024
शहीद होने की शर्त है ज़िंदगी शहीदों के अंदाज़ में गुज़रे।
09/10/2023
शहीदों के नाम का तक़ाज़ा ही बाक़ी रहना और अमर हो जाना है। यानी अल्लाह की राह में क़ुरबानी की ख़ुसूसियत ही यह है कि वह दुनिया में बाक़ी रहती है। इमाम ख़ामेनेई 27 सितम्बर 2023
08/10/2023
हमदान प्रांत के 8 हज़ार शहीदों को श्रद्धांजलि पेश करने के लिए दूसरे नेशनल सेमीनार के प्रबंधकों ने 27 सितम्बर 2023 को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस मौक़े पर अपनी तक़रीर में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने हमदान प्रांत के अवाम के ख़ूबियों, इस्लामी क्रांति और आठ साल तक चले पाकीज़ा डिफ़ेंस के दौरान इसी तरह अलग अलग अहम मौक़ों पर हमदान के लोगों के योगदान को रेखांकित किया। यह स्पीच 8 अक्तूबर 2023 को सेमीनार हाल में दिखाई गई। (1)
28/09/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने गुरुवार 28 सितंबर 2023 को पाकीज़ा डिफ़ेन्स के शहीदों और घायलों को श्रद्धांजलि पेश करने के दिन, एक पैग़ाम जारी किया है, जो इस प्रकार है:
27/09/2023
शहीदों का पैग़ाम ख़ौफ़, ग़म व दुख को नकारने का पैग़ाम है... अल्लाह की राह में शहीद होने वालों का पैग़ाम, बशारत व ख़ुशख़बरी है ख़ुद अपने लिए भी और उनके लिए भी जिन से वो ख़ेताब करते हैं। यह जो इमाम ख़ुमैनी ने फ़रमाया कि जो क़ौम शहादत की राह पर चलती है, वह किसी की क़ैदी नहीं बनती, इसी वजह से है। इमाम ख़ामेनेई 12/12/2018
20/08/2023
इस्लामी गणराज्य के अर्दबील प्रांत के शहीदों पर राष्ट्रीय सेमिनार की आयोजन कमेटी के सदस्यों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात 13 अगस्त 2023 को हुयी थी।
26/06/2023
शहीदों के परिवारों से इस्लामी इंकेलाब के नेता का ख़ेताबः सारे शहीद आइडियल हैं। हमारे नौजवान को आइडियल की ज़रूरत होती है। यह शहीद हमारे मुल्क और हमारे नौजवानों के ज़िंदा आइडियल शुमार होते हैं। उनका नाम ज़िंदा रहना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई ‎ 25 जून 2023‎
26/06/2023
जेहादे अकबर! नफ़्स से संघर्ष सबसे बड़ा जेहाद है। अगर हम इस आयाम से भी देखेंगे तब भी हम पाएंगे कि शहीदों के बाप, शहीदों की माएं, शहीदों की बीवियां, जेहादे अकबर के सबसे ऊंचे दर्जे पर हैं।
25/06/2023
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने आज रविवार की सुबह तेहरान में शहीदों के सैकड़ों माँ-बाप और बीवियों से मुलाक़ात में, शहीदों को मुल्क की तारीख़ का महानायक क़रार दिया और क़ुरआन, जेहाद, इंसानियत और सामाजिक पहलुओं से शहीदों के घरवालों के उच्च स्थान की व्याख्या की। उन्होंने कला के क्षेत्र में सरगर्म लोगों और मीडिया से शहीदों की याद को ज़िन्दा रखने और नौजवान नस्ल के लिए आइडियल तैयार करने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा कोशिश करने की अपील की।
19/11/2022
इस्फ़हान प्रांत के अवाम ने सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। इस्फ़हान के सैकड़ों लोगों ने शनिवार को तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
18/11/2022
शहीद और शहादत उन चीज़ों में है जो राष्ट्रीय पहचान को नुमायां मक़ाम पर ले जाती हैं और राष्ट्रीय पहचान को बुलंदी प्रदान करती हैं। अपने जज़्ब़-ए-शहादत की वजह से ईरानी क़ौम दूसरी क़ौमों की निगाहों में ख़ास अज़मत की मालिक बनी। इमाम ख़ामेनेई 17 नवम्बर 2022
18/11/2022
क़ुम में तराना पेश करने वाली टीम के सारे सदस्यों की शहादत आठ वर्षीय जंग का बड़ा अहम वाक़या था। नई उम्र के बच्चे तराना पेश कर रहे थे, (अमरीका समर्थित) सद्दाम हुकूमत के विमान आकर बमबारी कर देते हैं और तक़रीबन सारे लोग शहीद हो जाते हैं। इमाम ख़ामेनेई 17 नवम्बर 2022
17/11/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने क़ुम सूबे के शहीदों पर सेमीनार के ज़िम्मेदारों से मुलाक़ात में शहीदों पर सेमीनार की दो ख़ासियतों पर ज़ोर दिया एक तो शहीदों की याद बाक़ी रखना और दूसरे उनके पैग़ाम को सुना जाना।
17/11/2022
क़ुम प्रांत के शहीदों पर सेमीनार के आयोजकों ने 30 अक्तूबर को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की और अपने कार्यक्रमों का ब्योरा सुप्रीम लीडर को दिया। इस मौक़े पर तक़रीर करते हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुम, शहीद, शहादत, शहीद के ज़िक्र और उसके पैग़ाम जैसे विषयों पर बड़ी अहम गुफ़तुगू की। इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की यह तक़रीर आज 17 नवम्बर 2022 को सेमीनार में दिखाई गई। तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
29/10/2022
मुझे जब भी कभी शहीदों के घरवालों से मुलाक़ात का शरफ़ हासिल होता है और मैं अक़ीदत से उनसे मुलाक़ात करने जाता हूं तो कुछ माँए कहती हैं कि हम रोते नहीं हैं ताकि दुश्मन हमें कमज़ोर न समझे। इन दिलों में कितनी अज़मत छिपी हुई है!? इमाम ख़ामनेई 31 अगस्त 1999
23/08/2022
शहीद के ख़ून को ज़िंदा रखने की मशक़्क़त ख़ुद शहादत पेश करने से कम नहीं है। इमाम सज्जाद अलैहिस्सलाम ‎का 30 तक चलने वाला जेहाद और हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा का कई साल का संघर्ष इसकी मिसाल है। इस ‎ख़ून को ज़िंदा रखने के लिए मशक़्क़तें उठाईं। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎7 मई 1997‎
28/06/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से न्यायपालिका के प्रमुख और अधिकारियों ने तेहरान में मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने समाजों में अल्लाह की अटल परंपराओं की ओर इशारा करते हुए कहाः सन 1981 की बड़ी कटु घटनाओं के मुक़ाबले में ईरानी राष्ट्र और इस्लामी गणराज्य व्यवस्था की हैरतनाक कामयाबी की वजह दुश्मन से न डरना, उसके मुक़ाबले में डट जाना और सतत कोशिश थी।
25/05/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शहीद धर्मगुरुओं को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित होने वाले सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में धर्मगुरुओं की शहादत की भावना और इसकी अहमियत पर रौशनी डाली। इस्लामी क्रांति के नेता की यह तक़रीर 13 जनवरी 2020 को हुई। (1)
25/05/2022
इस्लामी क्रांति के लीडर ने बुधवार की सुबह ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी के सभापति और सांसदों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में उन्होंने ख़ुर्रमशहर की फ़तह को एक कटु समीकरण के एक मधुर समीकरण में बदलने और राष्ट्रीय मुक्ति के व्यवहारिक होने का प्रतीक क़रार दिया और इस बदलाव के मुख्य कारकों की तरफ़ इशारा करते हुए कहाः कठिन, पेचीदा और कटु हालात से गुज़रने और जीत व कामयाबी तक पहुंचने का नियम, जेहादी क्रियाकलाप, ठोस इरादा, कामों में नयापन, क़ुर्बानी, दूरदर्शिता और सबसे बढ़ कर निष्ठा और अल्लाह पर भरोसा है।
16/01/2022
शहीद क़ासिम सुलैमानी की दूसरी बरसी पर वेबसाइट Khamenei.ir ने आईआरजीसी के चीफ़ कमांडर जनरल हुसैन सलामी से बातचीत में शहीद सुलैमानी की ज़िंदगी और उनकी शहादत के असर की समीक्षा की है।
13/01/2022
जिन लोगों ने सुलैमानी को शहीद किया, ट्रम्प और उनके जैसे लोग, वह इतिहास में दफ़्न हो जाएंगे, लेकिन सुलैमानी अमर हैं। उनके दुश्मन विलुप्त हो जाएंगे, अलबत्ता इंशाअल्लाह दुनिया में ख़मियाज़ा भुगतने के बाद। इमाम ख़ामेनेई 1 जनवरी 2022
09/01/2022
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क़ुम वासियों के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर क़ुम के अवाम की सभा को विडियो लिंक के ज़रिए संबोधित किया। इस मौक़े पर सुप्रीम लीडर की स्पीच टीवी व रेडियो चैनलों से लाइव टेलीकास्ट हुयी।  19 देय 1356 बराबर 9 जनवरी 1978 क़ुम के अवाम के ऐतिहासिक आंदोलन की आज सालगिरह है। 
09/01/2022
ख़ुद हमारे इस ज़माने में भी हमारे इन्हीं शहीद, शहीद सुलैमानी की शहादत सच में एक तारीख़ी और अजीब घटना बन गई। तेहरान में शव यात्रा, किरमान में शव यात्रा, तबरेज़ में शव यात्रा और अनेक शहरों में शव यात्रा। मशहद में शवयात्रा, इराक़ में वह वैभूवपूर्ण शव यात्रा और अगर यह प्रोग्राम होता कि इस शहीद के पवित्र शव को सीरिया व लेबनान ले जाया जाए तो वहां भी यही होता, अगर पाकिस्तान ले जाते तो वहां भी यही घटना घटती। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
07/01/2022
जब भी जंग में हमें कठिन हालात का सामना होता था, तब हमारा सहारा सिर्फ हज़रत ज़हरा होती थीं। हम बीबी ‎ज़हरा से मदद मांगते थे। मैंने उनकी ताक़त, उनकी मामता जंग के मैदान में देखी!‎
04/01/2022
मैं अपने अज़ीज़ शहीद सुलैमानी को कभी भूल नहीं पाउंगा। इमाम ख़ामेनेई 16 दिसम्बर 2020
03/01/2022
इस्लामी दुनिया में उनके नाम और ज़िक्र का बढ़ता असर साबित करता है कि प्रिय सुलैमानी हक़ीक़त में इस्लामी दुनिया की सतह की हस्ती हैं।  इमाम ख़ामेनेई 1 जनवरी 2022
03/01/2022
शहीद सुलैमानी को दोनों मंज़िलें मिलीं। वह विजयी भी हुए और शहादत भी मिली। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2020
03/01/2022
मैं हमेशा दिल से और ज़बान से उनकी तारीफ़ करता था लेकिन उन्होंने जो हालात पैदा कर दिए और मुल्क बल्कि पूरे इलाक़े के लिए जिस तरह की स्थिति उत्पन्न की उसे देखकर अब मैं उनको नमन करता हूं। इमाम ख़ामेनेई 8 जनवरी 2020
02/01/2022
मैं अपने अज़ीज़ शहीद सुलैमानी को कभी भूल नहीं पाउंगा। इमाम ख़ामेनेई 16 दिसम्बर 2020 
02/01/2022
सरदार क़ासिम सुलैमानी, इस अज़ीज़ के ख़ून की बरकत से प्रतिरोधक मोर्चा दो साल पहले की तुलना में आज ज़्यादा सक्रिय और ज़्यादा आशावर्धक हो चुका है। इमाम ख़ामेनेई 1 जनवरी 2022
02/01/2022
शहीद क़ासिम सुलैमानी की ज़िंदगी पर एक नज़र, उनके बचपन से लेकर उनकी शहादत तक, मार्शल आर्ट सीखने से लेकर सीरिया को दाइश से मुक्त कराने तक!
02/01/2022
सरदार सुलैमानी के जुलूस-ए-जनाज़ा में करोड़ों ईरानी आवाम की शिरकत से साबित हुआ कि शहीद सुलैमानी वास्तविक राष्ट्रीय शख़्सियत थे और हैं। इमाम ख़ामेनेई 1 जनवरी 2022
02/01/2022
उनके ‎एक शहीद दोस्त के नवासे का ऑप्रेशन होने वाला था, शहीद ‎अस्पताल पहुंच गए और जब तक ऑप्रेशन पूरा नहीं हो ‎गया, वे वहीं मौजूद रहे। उस बच्चे की मां ने कहा कि जनाब ‎ऑप्रेशन पूरा हो गया, अब आप चले जाइये, जाकर अपने ‎काम निपटाइये। उन्होंने कहाः नहीं, तुम्हारे पिता यानी इस ‎बच्चे के नाना मेरी जगह जा कर शहीद हुए हैं, अब मैं उनकी ‎जगह यहां खड़ा रहूंगा। वे तब तक वहां खड़े रहे जब तक ‎बच्चा होश में नहीं आया। जब उन्हें पूरा इत्मेनान हो गया ‎तब वे वहां से गए।
01/01/2022
आम लोगों ने शहीद सुलैमानी की क़द्रदानी की, यह उनके ख़ुलूस का नतीजा है। इस अज़ीम इंसान के अंदर एक ख़ास निष्ठा थी। आयतुल्लाह ख़ामेनेई 3 जनवरी 2020