आप ने श्रद्धांजलि के प्रोग्रामों की व्याख्या में अच्छी बातें पेश कीं... किताब के लिए कोई पढ़ने वाला होना, जिस फ़िल्म के लिए कोई देखने वाला होना चाहिए, इस के लिए कोशिश की ज़रूरत है; यानी अगर आप अपने काम को कुशलतापूर्वक अंजाम न दें, उसकी पैरवी न करें, काम के मुख़्तलिफ़ आयाम को मद्देनज़र न रखें, तो यह जो कोशिश अंजाम पायी है, वह अपने नतीजे को नहीं पहुंचेगी...किसी अच्छे काम को करने की सोच और अच्छे काम को अंजाम देने की प्लानिंग, उस काम का आधा हिस्सा है; बाक़ी आधा हिस्सा जो ज़्यादा अहम है, वह पैरवी है, उस काम के लिए अमल करना है और आप को इसे अंजाम देना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 16 दिसम्बर 2025 अलबुर्ज़ प्रांत के शहीदों पर सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में
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