दुश्मन चाहता है कि इस्लामी संप्रदायों के बीच विवाद रहे, ख़ास तौर पर इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी के बाद दुश्मन, इंक़ेलाबी और इस्लामी ईरान और दूसरी क़ौमों के बीच फूट डालना चाहता है लेकिन यह इंक़ेलाब क़ुरआन की बुनियाद पर, तौहीद की बुनियाद पर, शुद्ध इस्लाम की बुनियाद पर, सभी मुसलमानों के बीच एकता व भाईचारे की बुनियाद पर आने वाला एक इस्लामी इंक़ेलाब है। यह बात हमारी क़ौम ने शुरू से ही कही है और इमाम ख़ुमैनी ने भी खुल्लम खुल्ला बयान किया है। हमने कहा है कि हमारे मुसलमान भाई जहाँ भी हैं और उनका मज़हब जो भी है, वैसे ही रहें लेकिन सभी एक दूसरे के भाई बने रहें और इस्लाम, तौहीद और क़ुरआन की राह में साम्राज्यवाद से -जो इस्लाम, तौहीद और क़ुरआन का दुश्मन है- संघर्ष करें।
इमाम ख़ामेनेई
27/9/1991