18/01/2022
साम्राज्यवाद का स्वभाव इस्लामी गणराज्य जैसी चीज़ को कि जिसका सब कुछ दीन से लिया गया है, बर्दाश्त ही नहीं कर सकता। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
18/01/2022
दीनी ग़ैरत और स्वाभिमान का स्रोत बुनियादी तौर पर बसीरत है और बसीरत, अक़्ल और गहरी समझदारी का एक पहलू है जो दीनदारी की गहराई का पता देती है। अकसर मामलों में आप दीनी ग़ैरत को अक़्ल और समझदारी के साथ पाएंगे। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
19/01/2022
अमरीका में ग़लत अंदाज़े लगाने का सिलसिला लगातार जारी है। दुश्मन के नीति निर्धारक संस्थान वाक़ई ग़ाफ़िल और नाकारा हैं। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
20/01/2022
जितना मुमकिन हो हमें आपसी फूट की वजहों को कम करना चाहिए। अलबत्ता सोच, तौर तरीक़े, शैली और आदतों में फ़र्क़ पाया जाता है। मगर इन सब को एक दूसरे के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल लेने की वजह नहीं बनने देना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
21/01/2022
हमें यह बात हमेंशा मद्देनज़र रखनी चाहिए कि दुनिया में हमारी दुश्मनी के मोर्चे में वे दुश्मन भी हैं जो मतभेद की आग भड़काने में ख़ास महारत रखते हैं। वे “फूट डालो राज करो” के उस्ताद हैं। इमाम ख़ामेनेई 9 जनवरी 2022
22/01/2022
हज़रत ज़हरा पूरी रात इबादत और गिरया करती हैं। इमाम हसन अ.स. सवाल करते हैं कि आपने पूरी रात इबादत की और सिर्फ़ दूसरों के लिए दुआ की। हज़रत ज़हरा स.अ. कहती हैं कि बेटा पहले पड़ोसी फिर घर वाले। इमाम ख़ामेनेई 15 फ़रवरी 2020
23/01/2022
धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इतिहास रचने वाली तीन तरह की इबादतों के मुक़ाबले में तीन तरह के गुनाहों की व्याख्या की और हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के महान किरदार का ज़िक्र किया।
23/01/2022
इस ईद और जन्म दिन की मुबारकबाद पेश करता हूं। यह भी इस्लाम का एक करिश्मा है कि हज़रत ज़हरा (स.अ.) इस छोटी सी ज़िंदगी में कायनात की औरतों की ‎सरदार बन गईं। यह कैसी शक्ति और कैसी अंदरूनी ताक़त है जो इंसान को छोटी सी मुद्दत में ज्ञान, बंदगी, ‎पाकीज़गी और आध्यात्मिक बुलंदी के महासागर में तब्दील कर देती है। यह भी इस्लाम का करिश्मा है। ‎ इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎5 जूलाई 2007‎
23/01/2022
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) के शुभ जन्म दिवस पर इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता से वक्ताओं, शायरों और ‎मरसिया ख़्वानों की मुलाक़ात
23/01/2022
हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर रविवार 23 जनवरी 2022 को देश के वक्ताओं, शायरों और अहलेबैत की शान में क़सीदा पढ़ने वालों के एक ग्रुप ने आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की।
23/01/2022
हज़रता फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर 23 जनवरी 2022 को देश के वक्ताओं, शायरों और अहलेबैत की शान में क़सीदा और नौहा पढ़ने वालों के एक ग्रुप ने आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में मुलाक़ात की। इस मौक़े पर इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने लोगों के बीच स्पीच दी। सुप्रीम लीडर ने अपनी स्पीच के दौरान हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.) की शख़्सियत के कुछ अहम पहलुओं जैसे सामाजिक सरगर्मियां और अवाम की निःस्वार्थ सेवा की तरफ़ इशारा किया।(1) सर्वोच्च नेता की स्पीचः
29/01/2022
उनका तज़केरा तो क़ुरआने मजीद और मोतबर हदीसों ने किया है। उनकी बहुत सी फ़ज़ीलतों को बयान किया है कि जिन्हें समझने के लिए भी हमें बहुत ज़्यादा सोचने और ग़ौर करने की ज़रूरत है। यह जो रवायत है कि जिबरईल, पैग़म्बरे इस्लाम के स्वर्गवास के बाद हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.अ.)  के पास आते थे, यह रवायत सही है। इमाम ख़ामेनेई 23 जनवरी 2022
29/01/2022
किस तरह एक बड़ा मिलिट्री कमांडर एक ही वक़्त में सामाजिक कार्यकर्ता, पर्यावरण का मोहाफ़िज़ और मेहरबान दोस्त हो सकता है?
29/01/2022
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेईः “किसी ने कहा था कि ‘शहीद सुलैमानी’ दुश्मनों के लिए ‘जनरल सुलैमानी’ से ज़्यादा ‎ख़तरनाक हैं। उसने बिल्कुल सही समझा। अमरीका की हालत आप देखिए! अफ़ग़ानिस्तान से फ़रार होता है, इराक़ से ‎बाहर निकलने का दिखावा करने पर मजबूर है। यमन और लेबनान को देखिए। शाम में भी धराशायी हो चुका है।”‎ ‎1 जनवरी 2022
30/01/2022
कारख़ानों के मालिकों और आर्थिक मैदान के लोगों से इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई के संबोधन के महत्वपूर्ण बिंदुः
30/01/2022
स्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने आज रविवार को, देश के कुछ उद्योगपतियों और कारखानों के मालिकों से मुलाक़ात की।
31/01/2022
“हल अता” सूरे में अल्लाह, हज़रत फ़ातेमा ज़हरा और उनके परिवार के बारे में तफ़सील से बात करता है, यह बहुत अहम बात है। वाक़ई यह एक परचम है जिसे क़ुरआने मजीद, हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के घर पर लहराता है। इमाम ख़ामेनेई 23 जनवरी 2022
01/02/2022
  15 साल बाद हवाई अड्डे पर इमाम ख़ुमैनी से आयतुल्लाह ख़ामेनेई की मुलाक़ात के यादगार पल
01/02/2022
इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक संदेश जारी करके वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाहिल उज़मा अलहाज शैख़ लुत्फ़ुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी के निधन पर शोक जताया है।
02/02/2022
''हमारा नज़रिया यह है कि इन्क़ेलाब, पैग़म्बरे इस्लाम के मिशन की एक कड़ी है।''
02/02/2022
इस्लामी क्रांति की सफलता की 43वीं सालगिरह और इस उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले दस दिन के ‎देश व्यापी ‎जश्न की शुरुआत के अवसर पर इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ‎सैयद अली ख़ामेनेई बहिश्ते ज़हरा नामक क़ब्रस्तान में स्थित इमाम ख़ुमैनी के पवित्र मज़ार पर पहुंचे ‎और ‎नमाज़ व क़ुरआन पढ़ कर, ईरानी राष्ट्र के महान नेता को श्रद्धांजली दी।   इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने 28 जून 1981 की घटना के शहीदों के मज़ारों पर उपस्थित हो कर ‎अल्लाह से उनके दर्जों की बुलंदी ‎की दुआ की। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई इसके बाद अन्य शहीदों के क़ब्रस्तान, गुलज़ारे शोहदा गए।
02/02/2022
हमारा इंक़ेलाब उस सरकार के ख़िलाफ़ महान अवामी इंक़ेलाब था जो एक निंदनीय सरकार की सारी बुराइयों में लिप्त थी। भ्रष्टाचारी थी, बाहरी ताक़तों की पिट्ठू थी, बग़ावत के ज़रिए थोपी गई थी और नाकारा भी थी।
03/02/2022
इमाम ख़ुमैनी ने इस्लामी शिक्षाओं को बयान किया। हुकूमत का अर्थ बयान किया। इंसान का अर्थ समझाया और अवाम को यह बताया कि उनके साथ क्या हो रहा है और क्या होना चाहिए। जिन तथ्यों को ज़बान पर लाने की लोग हिम्मत नहीं करते थे, इमाम ख़ुमैनी ने उन तथ्यों को दबे लफ़्ज़ों में नहीं खुले आम बयान किया।
30/01/2022
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनई ने 30 जनवरी 2022 को देश के कुछ उद्योगपतियों और कारखानों के मालिकों से मुलाक़ात की। इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने इंटरप्रीन्योर्ज़ और उद्योगपतियों को, अमरीका के साथ आर्थिक युद्ध में, पवित्र रक्षा के पवित्र सिपाहियों के समान बताया और इस युद्ध में हार स्वीकार करने पर आधारित अमरीकी अधिकारियों के बयानों का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे मेहनती अधिकारियों को चाहिए कि वह औद्योगिक प्रगति का रोडमैप तैयार करके, उत्पादन को सही दिशा दें और उसकी निगरानी और समर्थन करके, नुक़सान को कम से कम करने और रोज़गार सृजन की रफ्तार को तेज़ करने की अपनी कोशिश जारी रखें ताकि इसका असर आम लोगों की ज़िंदगी में नज़र आए। इस स्पीच का तरजुमा पेश हैः
04/02/2022
इमाम ख़ुमैनी एक अवामी शख़्सियत थे और अवाम पर उन्हें बड़ा भरोसा था। 1962 की बात है जब इमाम ख़ुमैनी इस क़द्र मशहूर नहीं थे, उन्होंने क़ुम में अपनी एक तक़रीर में तत्कालीन सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर तुमने अपना रवैया न बदला तो क़ुम के मरुस्थल को अवाम से भर दूंगा। कुछ ही महीने गुज़रे थे कि इमाम ख़ुमैनी ने फ़ैज़िया मदरसे में निर्णायक भाषण दिया। जनता बंदूक़ों और टैंकों के मुक़ाबले में डट गई।
05/02/2022
इमाम ख़ुमैनी वाक़ई बड़े फ़ौलादी इरादे वाले इंसान थे। वह इंसान थे जिसे अपनी राह की सच्चाई पर सौ प्रतिशत यक़ीन हो। जैसा कि क़ुरआन में पैग़म्बर के बारे में आया है कि रसूल उस चीज़ पर पूरा अक़ीदा व ईमान रखते हैं जो उनके परवरदिगार की तरफ़ से उन पर नाज़िल की गई है (बक़रा 285)। सच्चे और साफ़गो इंसान थे। सियासत बाज़ी से दूर थे। बड़े ज़ेहीन और दूरदर्शी इंसान थे।
03/02/2022
पैग़म्बरे इस्लाम के चचा और इस्लाम के महान मुजाहिद हज़रत हमज़ा पर सेमीनार का आयोजन करने वाली समिति के सदस्यों ने इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 25 जनवरी 2022 को होने वाली इस मुलाक़ात में बोलते हुए सर्वोच्च नेता ने हज़रत हम्ज़ा अलैहिस्सलाम की क़ुरबानियों और उनकी ख़ूबियों के बारे में बताया और पैग़म्बरे इस्लाम के उन सहाबियों के जीवन को प्रकाश में लाने पर ज़ोर दिया जिनके जीवन के मूल्यवान पहलुओं के बारे में शोध कार्य नहीं किया गया है। (1) सुप्रीम लीडर की स्पीचः
03/02/2022
रजब का महीना, रूहानी पाकीज़गी की बहार है। इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎20 अप्रैल 2016
05/02/2022
इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम और उनके ज़माने के ख़लीफ़ाओं के बीच होने वाले जंग में जिसे ज़ाहिरी और निहित दोनों रूप में फ़तह मिली, वह इमाम अली नक़ी अलैहिस्सलाम थे। उनके बारे में बात करते समय यह बिंदु हमारे मद्देनज़र रहना चाहिए।
07/02/2022
पंद्रहवीं सदी में पूरी दुनिया में मुसलमानों और ईसाइयों के बीच एक तरह से ताक़त के लिहाज़ से बराबरी थी, यानि इन दोनों में से किसी को भी दूसरे पर ताक़त और दौलत के हिसाब से बढ़त नहीं थी। लेकिन वेस्ट में जो कुछ हुआ उसकी वजह से सोलहवीं सदी के बाद यह बराबरी ख़त्म होने लगी और ताक़त के लिहाज़ से वेस्ट, मुसलमानों से आगे बढ़ने लगा। दूर से कंट्रोल किये जाने वाले हथियारों, बंदूक़ों, तोप और इस तरह के हथियारों ने वेस्ट को मुसलमानों से ज़्यादा ताक़तवर बनाने में अहम रोल अदा किया।
07/02/2022
हज़रत हम्ज़ा (अ.स.) वाक़ई पैग़म्बरे इस्लाम के मज़लूम सहाबी हैं। इस बड़ी हस्ती को आज तक सही तौर पर पहचाना नहीं गया। उनका नाम ज़्यादा नहीं लिया जाता। उनके बारे में बहुत ज़्यादा मालूमात नहीं है। वह वाक़ई मज़लूम हैं।
08/02/2022
अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) अपने चचा, भाई और चचेरे भाई के साथ बैठे और एक बाद का अहद किया कि हम इस राह में शहीद हो जाने तक बिना डरे आगे बढ़ते रहेंगे, शहीद हो जाने तक जेहाद करते रहेंगे। इसके बाद अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) फ़रमाते हैं, मेरे यह साथी मुझसे आगे निकल गए और मैं पीछे रह गया। ख़ुदा की क़सम मैं मुंतज़िर हूं।
08/02/2022
इस्लामी क्रांति कि कामयाबी के शुरू के दिनों में इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह से एयरफ़ोर्स के कमांडरों की बैअत या वफ़ादारी के संकल्प की ऐतिहासिक घटना की सालगिरह पर, इस्लामी गणराज्य ईरान की एयरफ़ोर्स के कमांडर और जवान, आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात कर रहे हैं।
08/02/2022
इस्लामी इंक़ेलाब से संबंधित ऐतिहासिक घटना के मौक़े पर वायु सेना के कमांडरों और जवानों की इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात
08/02/2022
  इस्लामी गणराज्य ईरान की वायु सेना के कमांडरों और जवानों के बीच सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की स्पीच के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुः
08/02/2022
एयरफ़ोर्स और फ़ौज की एयर डिफ़ेन्स इकाई के कमांडरों की एक टीम की ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।
10/02/2022
  इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी की सालगिरह की पूर्व संध्या पर सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 3388 क़ैदियों की सज़ा की माफ़ी या उसमें कमी पर के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।