12/12/2021
  हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिन और नर्स डे के उपलक्ष्य में कुछ नर्सों और मेडिकल विभाग के शहीदों के परिवारों ने रविवार 12 दिसम्बर 2021 की सुबह इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।
12/12/2021
हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के शुभ जन्म दिन और नर्स डे के अवसर पर नर्सों और कोरोना से संक्रमितों के इलाज के दौरान शहीद हो जाने वाले मेडिकल स्टाफ़ के परिजनों ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की। 12 दिसम्बर 2021 को तेहरान की इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में होने वाली इस मुलाक़ात में आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा के व्यक्तित्व के बड़े अहम पहलुओं पर रौशनी डाली। सुप्रीम लीडर ने अपने संबोधन में नर्सों की सेवाओं की सराहना की और उसकी अहमियत और जीवनदायक आयामों को बयान किया।(1) तक़रीर निम्नलिखित हैः
11/12/2021
अगर कोई ‎किसी बीमार के पास पूरी ज़िम्मेदारी के साथ दो घंटे बैठे, तब उसकी समझ में आएगा कि उस नर्स ‎का क्या हाल होता होगा जिसे अलग अलग रोगियों के साथ दिन और रात के कई कई घंटे बिताने ‎होते हैं?‎
10/12/2021
हमारी सोचने की शक्ति की इतनी बुलंद उड़ान नहीं है, वह हिम्मत और हौसला नहीं है कि हम यह कह सकें कि ‎इस महान हस्ती की जीवनशैली हमारा आदर्श है। हमारी यह हैसियत नहीं। लेकिन बहरहाल हमारे क़दम उसी दिशा ‎में बढ़ें जिस दिशा में हज़रत ज़ैनब के क़दम बढ़े हैं। हमारा मक़सद इस्लाम का गौरव होना चाहिए, इस्लामी समाज ‎की गरिमा होना चाहिए, इंसान की प्रतिष्ठा होना चाहिए।
09/12/2021
आशूरा के मैदान में घटने वाली सैन्य घटना ज़ाहिरी तौर पर हक़ के सिपाहियों की हार पर ख़त्म हुई ‎लेकिन जो चीज़ इस बात का कारण बनी कि यह ज़ाहिरी सैन्य पराजय, एक निश्चित व अमर विजय ‎में बदल जाए वह हज़रत ज़ैनब का तरीक़ा था, हज़रत ज़ैनब ने दिखा दिया कि ज़नाना पाकीज़गी व ‎हया को मुजाहेदाना इज़्ज़त और एक बड़े जेहाद में बदला जा सकता है। इमाम ख़ामेनेई 21 अप्रैल 2010
08/12/2021
अगर औरत का आइडियल हज़रत ज़ैनब और हज़रत फ़ातेमा सलामुल्लाह अलैहा हों, तो उसका काम ‎है सही समझ, परिस्थितियों को समझने में होशियारी और बेहतरीन कामों का चयन, चाहे उसके लिए ‎क़ुर्बानी देनी हो और हर चीज़ बलिदान करना पड़े। इमाम ख़ामेनेई 13 नवम्बर 1991
08/12/2021
अगर हज़रत ज़ैनब सलामुल्लाह अलैहा न होतीं तो कर्बला भी न होती। अगर हज़रत ज़ैनब की ‎बहादुरी न होती तो कर्बला की घटना इस तरह फैल नहीं सकती थी और इस तरह तारीख़ में अमर ‎न हो पाती। इमाम ख़ामेनेई 16 फ़रवरी 2011‎
07/12/2021
जंजान के शहीदों की याद मनाने वाली कमेटी के सदस्यों और कुछ शहीदों के घरवालों ने इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से 16 अक्तूबर 2021 को मुलाक़ात की।
03/12/2021
  इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने वरिष्ठ धर्मगुरू आयतुल्लाह सैयद रज़ी शीराज़ी के निधन पर एक शोक संदेश जारी किया है।
02/12/2021
ईरान की स्वयंसेवी फ़ोर्स, जिसे बसीज कहा जाता है, वह फ़ोर्स है जो देश की रक्षा से लेकर वैज्ञानिक, सामाजिक, ‎सांस्कृतिक और अवाम की ख़िदमत तक हर मैदान में सक्रिय है। आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई 27 नवम्बर 2019 ‎की अपनी एक तक़रीर में कहते हैं कि ‘बसीज’ के दो पहलू हैं। एक फ़ौजी मैदान में संघर्ष का पहलू है। ‎दूसरा साफ़्ट वार के मैदान में जिद्दोजेहद का पहलू है। यह फ़ोर्स हर जगह मौजूद है और और इससे वह ‎हस्तियां जुड़ी हैं जो नौजवानों के लिए आइडियल हैं।
02/12/2021
  ईलाम प्रांत के शहीदों की याद में सेमीनार के आयोजकों से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर की तक़रीर
02/12/2021
ईलाम प्रांत के तीन हज़ार शहीदों की याद में सेमीनार की आयोजक कमेटी के सदस्यों से मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर की तक़रीर, जो 21 नवम्बर 2021 को हुई थी, गुरुवार 2 दिसम्बर 2021 की सुबह इस सेमिनार के आयोजन स्थल पर जारी की गई। स्पीच का अनुवाद पेश हैः
02/12/2021
ईरान के ईलाम प्रांत के शहीदों पर सेमीनार का आयोजन करने वाली कमेटी के सदस्यों ने 21 नवम्बर 2021  को इस्लामी क्रांति के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। तेहरान की इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में होने वाली इस मुलाक़ात में सर्वोच्च नेता ने ईलाम प्रांत, शहीद और शहादत के विषय पर महत्वपूर्ण बिंदु बयान किए और अहम निर्देश दिए। सुप्रीम लीडर की यह स्पीच 2 दिसम्बर 2021 को सेमीनार स्थल पर जारी की गई।
30/11/2021
फ़िलिस्तीन तो यक़ीनन आज़ाद होगा और फ़िलिस्तीनियों को ‎वापस मिलेगा। वहां फ़िलिस्तीनी हुकूमत बनेगी। इसमें कोई ‎शक नहीं। लेकिन अमरीका और पश्चिम की बदनामी का ‎दाग़ मिटने वाला नहीं है। इमाम ख़ामेनेई 27 फ़रवरी 2010
29/11/2021
एलिट वह है जो अपनी सलाहियत की क़द्र करता है। ग़फ़लत में डालना साम्राज्यवादी ताक़तों का हथियार। अंग्रेज़ों ने भारत का उद्योग तबाह कर दिया। ग़फ़लत छा जाए तो क़ौम आसानी से लुट जाती है। आर्टिफ़िशल इंटेलिजेन्स पर ख़ास ताकीद।
26/11/2021
प्यारे नौजवानो! ‎ ग़ैर मामूली दिमाग़ अल्लाह की नेमत है। अल्लाह की नेमत का शुक्र अदा करना चाहिए। ‎सूरए नह्ल में है कि अल्लाह की नेमत का शुक्र अदा करो अगर तुम उसी की इबादत करते ‎हो। आयतुल्लाह ख़ामेनेई ‎17 नवम्बर 2021
25/11/2021
जो‏ ‏चीज़ ग़ैर मामूली सलाहियत वाले लोगों को एलिट बनाती है वह सिर्फ़ मानसिक क्षमता नहीं है। ‎बहुत से लोगों के पास सलाहियत है, मानसिक क्षमता है, लेकिन यह बर्बाद हो जाती है। जो चीज़ एलिट को एलिट बनाती है वह मानसिक क़ाबिलियित के अलावा इस सच्चाई और ‎इस नेमत की क़द्र को समझना है।
24/11/2021
  इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर ने स्वयं सेवी फ़ोर्स (बसीज) सप्ताह के उपलक्ष्य में एक संदेश में कहा है कि देश की सभी समस्याओं का हल, ऊंचे हौसले, अक़्लमंदी, सही सोच और अल्लाह पर भरोसे से मुमकिन है।
22/11/2021
अफ़्रीक़ा में महान सभत्यताएं थीं जो अपनी क्षमताओं के बारे में ग़फ़लत बरतने की वजह से उस साफ़्ट वार की भेंट चढ़ गईं जो विस्तारवादी ताक़तों ने उन पर थोपीं। नेहरू ने अपनी किताब में भारत के बारे में इसी चीज़ का उल्लेख किया है। इमाम ख़ामेनेई Nov 17, 2021
22/11/2021
वैज्ञानिक प्रगति की हमारी रफ़तार ऐसी होनी चाहिए कि तक़रीबन पचास साल में ईरान दुनिया में ज्ञान-विज्ञान का सेंटर बन जाए और लोगों को आधुनिक ज्ञान के लिए फ़ारसी सीखने की ज़रूरत पड़े। दुनिया में किसी ज़माने में यही स्थिति थी जो दोबारा भी बन सकती है। इमाम ख़ामेनेई Nov 17, 2021
21/11/2021
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने एक शहीद की मां की जीवनी बयान करने वाली किताब ‎“तनहा गिरये कुन” (अकेले आंसू बहाओ) (1)‎ किताब की प्रस्तावना लिखी है।
21/11/2021
भविष्य में दुनिया के मैनेजमेंट में आर्टिफ़िशियल इंटैलीजेन्स का बहुत अहम रोल होगा। इस विषय पर तवज्जो और गहरा चिंतन किया जाना चाहिए। हमें इतनी मेहनत करनी चाहिए कि इस मैदान में हमारा देश दुनिया में फ़्रंटलाइन के दस देशों में अपनी जगह बनाए। इमाम ख़ामेनेई Nov 17, 2021
19/11/2021
विस्तारवादी ताक़तों की साफ़्ट जंग का एक पहलू यह होता है कि वह राष्ट्रों को उनकी क्षमता से ग़ाफ़िल रखें। या उनकी ऐसी दुर्गत कर दें कि वे ख़ुद ही अपनी क्षमताओं को नकारने लगें। जब किसी राष्ट्र पर अपनी क्षमताओं के बारे में ग़फ़लत छा जाती है तो उसको लूटना आसान हो जाता है। इमाम ख़ामेनेई Nov 17, 2021
17/11/2021
हमारे घर के सभी लोग, जब सोना चाहते हैं तो उनके हाथ में ज़रूर कोई किताब होती है।
17/11/2021
जवान साइन्टिस्ट व प्रतिभाशाली लोगों के (एलिट) ग्रुप ने 17 नवंबर 2021 को सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुलाक़ात की।
17/11/2021
17  नवम्बर को इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने देश के युवा वैज्ञानिकों व असाधारण प्रतिभाशाली लोगों के एक समूह को संबोधित किया।(1) तक़रीर का अनुवाद पेश हैः
16/11/2021
क़ुम, हज़रत फ़ातेमा मासूमा अलैहस्सलाम का पवित्र मज़ार और हरम है, वह महान हस्ती जिनके पवित्र मज़ार के क़रीब से पहली बार यह उफनता हुआ सोता उबला और इसकी बरकतें पूरी दुनिया ख़ास कर इस्लामी जगत तक पहुंचीं। इमाम ख़ामेनेई, 5 अक्तूबर 2000
16/11/2021
अहले बैत की छत्रछाया में पलने वाली हस्ती के क़दम जब क़ुम में पड़े तो यह शहर इल्म का अमर ‎स्रोत बन गया। इमाम ख़ामेनेई, ‎12-06-2021‎
14/11/2021
सामर्रा में रहते हुए इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने पूरे इस्लामी जगत से संपर्क स्थापित कर ‎लिया।
14/11/2021
आयतुल्लाह ख़ामेनेईः “हज़रत इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम उसी सामर्रा शहर में जो दरअस्ल एक छावनी के ‎समान था, अपने व्यापक प्रचारिक व ज्ञान संबंधी नेटवर्क के ज़रिए पूरी इस्लामी दुनिया से संपर्क स्थापित करने में ‎कामयाब हुए। सिर्फ़ यह नहीं था कि आप नमाज़, रोज़ा या तहारत और नजासत के मसलों का जवाब देते थे। वह ‎एक इमाम की हैसियत से उस अंदाज़ में जो इस्लाम के मद्देनज़र है अपना पक्ष रखते थे और आम जन से ‎मुख़ातिब होते थे।”‎  इमाम ख़ामेनेई 10 मई 2003‎
14/11/2021
इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने सांस्कृतिक क्रांति की उच्च परिषद के नए सदस्यों को नियुक्त किया।
06/11/2021
जिस वक़्त 13 आबान बराबर 4 नवंबर 1979 की घटना घटी, हम ईरान में नहीं थे। हम और जनाब रफ़सन्जानी साहब हज के लिए पवित्र नगर मक्का में थे। मुझे याद है कि एक रात हम मक्के में हज संस्था के प्रतिनिधि कार्यालय में छत पर बैठे या लेटे हुए थे। हम सोना चाहते थे। ईरान में रात के 12 बजे का रेडियो बुलेटिन सुन रहे थे कि रेडियो से यह ख़बर सुनी कि इमाम ख़ुमैनी की गाइडलाइन पर अमल करने वाले स्टूडेंट्स ने अमरीका के (जासूसी के अड्डे में बदल चुके) दूतावास को अपने कंट्रोल में ले लिया है।
06/11/2021
हालिवुड अमरीका और उसकी फ़ौज की जो तसवीर पेश करता है वह झूठ है। इमाम ख़ामेनेई 3 अकतूबर 2021
04/11/2021
बीसवीं सदी अमरीकी ख़्वाबों की दुनिया है, अमरीकियों का दावा था कि दुनिया उनकी उंगली पर नाचती है। इसी दावे के साथ ही 1991 में पूर्व सोवियत संघ के विघटन और दुनिया के एक ध्रुवीय हो जाने के बाद, भूतपूर्त अमरीकी राष्ट्रपति बुश सीनियर ने दुनिया में पुराना वर्ल्ड आर्डर ख़त्म होने की बात कही और बुद्धिजीवियों व राजनैतिक टीकाकारों ने भी अमरीकी चौधराहट और अमरीकी सदी के आग़ाज़ की भविष्यवाणी कर दी। सबने कहा कि अब दुनिया पर अमरीकी जीवन शैली और अमरीकी मूल्य छा जाएंगे।
02/11/2021
इस्राईल के हाथों शहीद कर दिए जाने वाले परमाणु वैज्ञानिक प्रोफ़ेसर मजीद शहरयारी के व्यक्तित्व पर एक नज़र
02/11/2021
शहीदों को श्रद्धाजलि देने के कार्यक्रम को मामूली काम नहीं समझना चाहिए। वाक़ई यह बड़ा नेक काम है। यह एक फ़र्ज़ है जो अभी अदा नहीं हुआ है। अभी तो शुरुआत है। यह काम जारी रहेंगे और उन्हें जारी रहना ही चाहिए।
01/11/2021
शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान अल्लाह चुनता है, शहादत चोटी है, हम में से बहुत ‎से हैं जो उस चोटी पर ‎पहुंचने की आरज़ू रखते हैं, तो हमें उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना ‎होगा ‎उस रास्ते पर चलना होगा ताकि चोटी तक ‎पहुंच सकें।