आशूरा के मैदान में घटने वाली सैन्य घटना ज़ाहिरी तौर पर हक़ के सिपाहियों की हार पर ख़त्म हुई लेकिन जो चीज़ इस बात का कारण बनी कि यह ज़ाहिरी सैन्य पराजय, एक निश्चित व अमर विजय में बदल जाए वह हज़रत ज़ैनब का तरीक़ा था, हज़रत ज़ैनब ने दिखा दिया कि ज़नाना पाकीज़गी व हया को मुजाहेदाना इज़्ज़त और एक बड़े जेहाद में बदला जा सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
21 अप्रैल 2010