06/04/2025
जो लोग इस मुबारक महीने से फ़ायदा उठा सके, इंशाअल्लाह वे साल भर इस रूहानी ज़ख़ीरे को बचाए रखें और अगले रमज़ान तक अपने दिलों को पाकीज़ा बनाए रखें। इंशाअल्लाह, अगला रमज़ान उनके लिए नई बुलंदी का सबब होगा! 
11/03/2025
उन्होंने अल्लाह को भुला दिया तो अल्लाह ने भी ऐसा किया कि वे अपने आप को ही भूल गए, यानी ख़ुद फ़रामोशी का शिकार हो गए। व्यक्तिगत स्तर पर इंसान के ख़ुद को भुल जाने का मतलब यह है कि इंसान अपने पैदा होने के मक़सद को भूल जाता है।
09/03/2025
कुछ बदमाश सरकारें, वार्ता पर इसरार कर रही हैं,उनका वार्ता पर इसरार मसले के हल के लिए नहीं बल्कि हुक्म चलाने के लिए है। वार्ता करें ताकि मेज़ की दूसरी ओर जो पक्ष बैठा है उस पर अपनी इच्छा थोपें।
08/03/2025
मुल्क के आला अधिकारियों ने 8 मार्च 2025 की शाम को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। यह मुलाक़ात हर साल रमज़ानुल मुबारक के महीने में होती है।
रमज़ानुल मुबारक के पहले दिन "क़ुरआन से उंस" की महफ़िल में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता 

क़ुरआन दुनिया की ताक़तों से निपटने का तरीक़ा सिखाता है

02/03/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार 2 मार्च 2025 को रमज़ान मुबारक के पहले दिन, तेहरान में "क़ुरआन से उंस" नामक महफ़िल में जिसमें मुल्क के बड़े क़ारियों, हाफ़िज़ों और क़ुरआन के नुमायां उस्तादों ने शिरकत की, व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर क़ुरआन की शिक्षाओं को अहम ज़रूरत बताया जो इंसान की बीमारियों का इलाज करने वाली हैं और ताकीद की कि क़ुरआनी समाज इस तरह व्यवहार करे कि अल्लाह की किताब का अध्यात्मिक सोता सभी लोगों के दिलों, विचारों और फिर नतीजे के तौर पर व्यवहार और अमल में रच बस जाए।
08/04/2024
अल्लाह से माफ़ी के लिए सिर्फ़ दुआ ज़रूरी नहीं है, अमल भी ज़रूरी है। वो अमल क्या है? गुनाहों से तौबा, इस्तेग़फ़ार, गुनाह को छोड़ना और भविष्य में दोबारा न करने का संकल्प, अमल ये चीज़ें हैं।
07/04/2024
सभी लोगों को सचेत करता हूं कि चौकन्ना रहिए कहीं आपका दिल टेढ़ा न हो जाए, अगर हम व्यवहारिक तौर पर टेढ़े हो गए तो अल्लाह भी हमारे दिल को टेढ़ा कर देगा, हमारा बुरा कर्म, हमारे दिल को बुरा बना देगा।
07/04/2024
मुल्क के हज़ारों स्टूडेंट्स ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से रविवार की शाम मुलाक़ात की। ये मुलाक़ात हर साल रमज़ान मुबारक में होती है।
07/04/2024
हम आपको बहुत चाहते हैं, आप ख़ुशनसीब हैं कि नाचीज़ को देखते हैं और चाहते हैं, मैं आप लोगों को नहीं देखता लेकिन आप सबको चाहता हूं।
08/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार की शाम को मुल्क के क़रीब 3000 स्टूडेंट्स और स्टूडेंट यूनियनों के प्रतिनिधियों से मुलाक़ात में जो क़रीब तीन घंटे तक जारी रही, आज से बेहतर कल को मुल्क और इस्लामी व्यवस्था का मुख़्य लक्ष्य क़रार किया और इस बुनियादी लक्ष्य को हासिल करने और मुल्क की भौतिक व आध्यात्मिक तरक़्क़ी के लिए स्टूडेंट्स और स्टूडेंट्स यूनियनों से नए नए सुझाव और इनोवेशन पर ताकीद करते हुए कहा कि विद्वान की तरबियत, इल्म का प्रोडक्शन और इन दोनों चीज़ों को दिशा देना यूनिवर्सिटी के तीन मुख्य फ़रीज़े हैं।
06/04/2024
ख़ुदा फ़रामोशी की सज़ा, ख़ुद फ़रामोशी है। ख़ुद फ़रामोशी यानी आत्म सुधार को भूल जाना, यानी अपने ऐबों को भूल जाना, ख़ुद फ़रामोशी यानी अपनी सलाहियतों को भुला देना और अपने भीतर पाए जाने वाले विकास, तरक़्क़ी, निखार और उत्थान को भूल जाना है।
06/04/2024
इंसान जब ख़ुद अपना हिसाब किताब करता है और अपने ऐबों को देखता है तो शर्मिंदा होता और उन्हें ठीक करने की कोशिश करता है। कम से कम अल्लाह का डर उसके दिल में पैदा होता है। ये वो चीज़ें हैं जो इंसान के लिए उत्थान का सबब हैं।
04/04/2024
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे आज के नौजवान वह दिन देखें जब क़ुद्स मुसलमानों के हाथों में हो और वो वहां नमाज़ अदा करें।  इमाम ख़ामेनेई 03 अप्रैल 2024
04/04/2024
क़यामत की तरफ़ तवज्जो, फ़रेब देने वाली, धोखा देने वाली दुनिया से दामन छुड़ाना और मौत आने से पहले उसके लिए तैयार रहना, पाक दिल की निशानियां हैं।
03/04/2024
मुल्क व सिस्टम के आला अधिकारियों ने बुधवार 3 अप्रैल 2024 की शाम को इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। ये मुलाक़ात हर साल रमज़ान मुबारक में होती है।
03/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 23 रमज़ान मुबारक मुताबिक़ 3 अप्रैल 2024 को मुल्क के अधिकारियों से ख़िताब किया। उन्होंने रमज़ान मुबारक से संबंधित आध्यात्मिक बिन्दु पेश किए और साथ ही मुल्क सहित क्षेत्रीय मुद्दों की समीक्षा की। ख़ेताब इस प्रकार है।
01/04/2024
पैग़म्बरे इस्लाम की निगाह में हक़ की कसौटी हज़रत अली हैं। सुन्नी और शिया रावियों ने नक़्ल किया हैः “अली हक़ के साथ और हक़ अली के साथ है, वह उधर घूमता है जिस तरफ़ वो घूमते हैं।” अगर आपको हक़ की तलाश है तो देखिए कि अली कहां खड़े हैं, क्या कर रहे हैं, उनकी उंगली का इशारा किस तरफ़ है।    इमाम ख़ामेनेई 26 जून 2010
01/04/2024
अमीरुल मोमेनीन ने हुकूमत क़ुबूल करने के लम्हे से मेहराबे इबादत में सर पर तलवार लगने तक एक दिन और एक लम्हा ऐसा नहीं गुज़ारा जिसमें आप उस हक़ और हक़ीक़त का मुतालबा करने से पीछे हटे हों जिसके लिए इस्लाम आया। न कोई रियायत, न तकल्लुफ़, न लेहाज़, न ख़ौफ़, न कमज़ोरी कुछ भी उनके आड़े नहीं आया। इमाम ख़ामेनेई 28 जुलाई 2007
31/03/2024
सिर्फ़ ईमान काफ़ी नहीं है, तक़वा ज़रूरी है। तक़वा न हो तो ईमान भी ख़तरे में पड़ जाएगा। तक़वा न हो तो मुमकिन है कि तुम अल्लाह के कलाम को भी न समझ पाओ।
31/03/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 25 मार्च 2024 को इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर शायरों और साहित्यकारों के साथ अपनी सालाना मुलाक़ात में शेर व अदब के बारे में बड़ी अहम तक़रीर की।(1)
31/03/2024
शबे क़द्र वह मौक़ा है जिसमें हम अपने दिलों को अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम के अज़ीम मरतबे से परिचित कराएं और सबक़ लें। माहे रमज़ान की फ़ज़ीलत और इस महीने में नेक बंदों की ज़िम्मेदारियों के बारे में जो कुछ ज़बान पर आता है और बयान किया जा सकता है अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम उसका मुकम्मल नमूना और उन विशेषताओं का उदाहरण हैं।  इमाम ख़ामेनेई  19 सितम्बर 2008
30/03/2024
जहाँ तक हो सके नमाज़े शब पढ़िए, नमाज़े शब छूटने ने पाए। जवानी का ये मौक़ा जो आपके पास है, दोबारा नहीं मिलता इससे अल्लाह से मोहब्बत के लिए फ़ायदा उठाइये।
30/03/2024
फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जवानों ने पैग़ाम दिया जो हमारे कानों तक भी पहुंचा कि हमारे बारे में फ़िक्रमंद होने की ज़रूरत नहीं है। हमारे लगभग 90 प्रतिशत संसाधन और क्षमताएं सुरक्षित हैं। इमाम ख़ामेनेई 12 मार्च 2024
29/03/2024
जो मस्जिद में दूसरों से पहले पहुंचने की कोशिश करते हैं, क़यामत के दिन अपने कांधों पर परचम उठाए सारे लोगों से पहले स्वर्ग में जाएंगे।
29/03/2024
यह जो ज़ायोनी हुकूमत इतने सारे सैनिक संसाधनों और दुनिया की ज़ालिम ताक़तों के समर्थन से औरतों और बच्चों का क़त्ले आम कर रही है, इस बात का चिन्ह है कि यह हुकूमत रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ का मुक़ाबला करने और उन्हें शिकस्त देने में सक्षम नहीं है।  इमाम ख़ामेनेई  28 मार्च 2024
28/03/2024
पश्चिम के समर्थन से अंजाम पाने वाले ज़ायोनी सरकार के अपराध और दरिंदगी पर ग़ज़ा के अवाम का तारीख़ी सब्र एक अज़ीम हक़ीक़त है जिसने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई।
28/03/2024
अगर हम अल्लाह को मानते हैं तो फिर बिखराव का कोई मतलब ही नहीं है और अगर वैचारिक मतभेद भी है तो उसे सच्चे ईमान और अल्लाह से सच्चे लगाव के साए में छिप जाना चाहिए।
27/03/2024
बहुत से लोग नमाज़ के लफ़्ज़ों के मानी को नहीं समझते या बहुत थोड़ा समझते हैं, वो भी अगर नमाज़ की हालत में और उसके लफ़्ज़ों को अदा करते हुए इस बात की ओर ध्यान रखें कि वो अल्लाह से बात कर रहे हैं तो इसका असर होगा। मतलब ये कि इंसान नमाज़ पढ़ते हुए मानसिक तौर पर हाज़िर रहे और अल्लाह के सामने अपनी हाज़िरी को महसूस करे तो असर होगा।
26/03/2024
शायरी एक संचार माध्यम है। आज दुनिया में चुनौतियां और झड़पें मीडिया के ज़रिए होती हैं। जंग मीडिया की जंग है। जिस के पास ताक़तवर मीडिया है वह अपने लक्ष्य पूरे करने में ज़्यादा कामयाब है। इमाम ख़ामेनेई 20 मार्च 2024
26/03/2024
दुनिया का मोह, इच्छाओं के पूरे न होने और हैवानी इच्छाओं और वासनाओं को कुचले न जाने की वजह से इंसान धीरे-धीरे ईमान से कुफ़्र की ओर झुकने लगता है। हमें इस बात की ओर से चौकन्ना रहना चाहिए कि मोमिन होने के बाद हम मुनाफ़िक़ न बन जाएं।
26/03/2024
मिल्लते ईरान का सिविलाइज़ेशनल पैग़ाम और ईरानी क़ौम को मोतबर बनाने वाला पैग़ाम दुनिया में ज़ुल्म के मुक़ाबले में उसके साहसिक रेज़िस्टेंस का पैग़ाम है। मुंहज़ोरी और विस्तारवाद के मुक़ाबले में जिसका प्रतीक आज अमरीका और ज़ायोनी हैं।इमाम ख़ामेनेई 25 मार्च 2024
26/03/2024
वाक़ई आप बेमिसाल शख़्सियत के मालिक हैं। आम तौर पर राजनेता और मुल्क चलाने वाले लोग सामाजिक व आर्थिक मामलों पर तो गहरी नज़र रखते हैं मगर शेर व साहित्य की ओर ज़्यादा ध्यान नहीं होता।
25/03/2024
करीमे अहलेबैत हज़रत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों और साहित्यकारों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की।
25/03/2024
इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों, साहित्यकारों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों ने सोमवार की रात तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से मुलाक़ात की। 25/03/2024
शायरों से मुलाक़ात में शेर के सांस्कृतिक संदेश की अहमियत पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की ताकीद

ईरानी क़ौम का पैग़ाम ज़ुल्म के मुक़ाबले में डट जाना है और आज ज़ुल्म का प्रतीक अमरीका और ज़ायोनी हैं

25/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने करीमे अहलेबैत इमाम हसन अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर शायरों और फ़ारसी ज़बान के उस्तादों और साहित्यकारों से सोमवार की रात मुलाक़ात की।
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