इंसान जब ख़ुद अपना हिसाब किताब करता है और अपने ऐबों को देखता है तो शर्मिंदा होता और उन्हें ठीक करने की कोशिश करता है। कम से कम अल्लाह का डर उसके दिल में पैदा होता है। ये वो चीज़ें हैं जो इंसान के लिए उत्थान का सबब हैं।