यह अध्यात्मिक दर्जा, यह विशाल क्षितिज, यह ऊंची चोटी पूरी कायनात की औरतों के सामने है। हज़रत फ़ातेमा ज़हरा महानता की इतनी ऊंची चोटी पर हैं और पूरी दुनिया की औरतों को ख़ेताब करती हैं और उन्हें इस रास्ते पर चलने की दावत देती हैं।   इमाम ख़ामेनेई 16 जनवरी 1990