23/09/2024
पैग़म्बर की ज़िंदगी के सबसे बड़े पाठों में से एक इस्लामी उम्मत का गठन है। आज हमें इस सबक़ की ज़रूरत है। आज हमारा स्वरूप इस्लामी उम्मत का नहीं हैं।
21/09/2024
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और 38वीं इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में शिरकत करने वालों ने शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
21/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों, इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के अनेक तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
07/10/2023
अगर इस्लामी मुल्क एकजुट हो जाएं तो कौन सा मुल्क है जो मुंहज़ोरी और चोरी नहीं कर पाएगा? अमरीका!अगर ईरान, सीरिया, इराक़, लेबनान, सऊदी अरब, मिस्र और जार्डन वग़ैरा जैसे मुल्क अपने बुनियादी मुद्दों में संयुक्त रणनीति अपनाएं तो धौंस जमाने वाली ताक़तें उनके मसलों में हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगी। इमाम ख़ामेनेई 3 अक्तूबर 2023
04/10/2023
इस्लामी जुम्हूरिया का निश्चत स्टैंड यह है कि जो सरकारें ज़ायोनी हुकूमत से संबंध बहाल करने का जुआ खेल रही हैं, नुक़सान उठाएंगी। यूरोपियों के शब्दों में हारने वाले घोड़े पर शर्त लगा रही हैं।
03/10/2023
पैग़म्बरे इस्लाम और हज़रत इमाम सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन पर अवाम, ओहदेदारों, तेहरान में मौजूद इस्लामी देशों के राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वाले विचारकों ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
03/10/2023
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने मंगलवार को मुल्क के अधिकारियों, ईरान में नियुक्त विदेशी राजदूतों, इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस में भाग लेने वालों और अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के लोगों से मुलाक़ात की।
03/10/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने पैग़म्बरे इस्लाम और उनके फ़रज़ंद इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिन के मौक़े पर देश के ओहदेदारों, इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और इस्लामी एकता सम्मेलन में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर रौशनी डाली। 3 अक्तूबर 2023 के ख़ेताब में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुरआन के अनादर की साज़िश, ज़ायोनी हुकूमत की मौत और मुसलमानों की एकता के विषय पर बात की।(1)
02/10/2023
हम दुनिया को यह सिखाना चाहते हैं, हम यह कहना चाहते हैं कि मुसलमान आपस में सहयोग करें। एक दूसरे के साथ मिलकर ज़िन्दगी गुज़ारें, इसका नमूना हमारे यहाँ सीस्तान व बलोचिस्तान में मौजूद है।
30/09/2023
मुसलमानों में एकता, क़ुरआन का निश्चित फ़ैसला है, इसे एक ज़िम्मेदारी की नज़र से देखना चाहिए। मुसलमानों में एकता कोई टैक्टिक नहीं है कि कोई यह सोचे कि ख़ास हालात की वजह से हमें एकजुट होना चाहिए।
30/09/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 24 अक्तूबर 2021 को इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस के कुछ मेहमानों से मुलाक़ात में मुसलमानों के बीच एकता के मैदान में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कुछ लोगों का ज़िक्र किया। ‏KHAMENEI.IR वेबसाइटन इस रिपोर्ट में इन हस्तियों का संक्षिप्त परिचय करा रही है।
30/09/2023
कुछ लोग सोचते हैं कि एकता एक राजनैतिक टैक्टिक है, नहीं, यह ईमान है। इमाम ख़ामेनेई 15/11/2019
28/04/2023
ज़ायोनी हुकूमत का बिखराव और अंत क़रीब है, यह, प्रतिरोध की बरकत से है, यह इस वजह से है कि फ़िलिस्तीनी जवान, अपने दुश्मन की डिटेरन्स ताक़त को लगातार कमज़ोर और ख़त्म करने में कामयाब हुआ है।
26/04/2023
फ़िलिस्तीनी अवाम के भीतर से होने वाला यह प्रतिरोध, इस बदलाव की अस्ल वजह है। जितना ज़्यादा प्रतिरोध होगा, इस्राईल उतना ही कमज़ोर होता जाएगा, उसकी तबाही और ज़ाहिर होती जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 
14/10/2022
युनिटी सप्ताह और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन  के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 14 अक्तूबर को मुल्क के आला ओहदेदारों और इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस के मेहमानों को संबोधित किया। अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत, मुल्क और दुनिया के हालात और मुसलमानों के बीच युनिटी जैसे विषयों पर रौशनी डाली। (1) तक़रीर पेश हैः
22/05/2022
फ़िलिस्तीन पर अवैध क़ब्ज़े के पूरे 70 साल के समय में ज़ायोनियों ने एक इंच ज़मीन भी बात-चीत के नतीजे में नहीं छोड़ी है। वार्ता की हैसियत क्या है? ज़ायोनी सिर्फ़ प्रतिरोध के नतीजे में पीछे हटे। पहली घटना, दक्षिणी लेबनान से पीछे हटने और फ़रार की थी। फ़िलिस्तीनियों को याद रखना चाहिए, फ़िलिस्तीनी जेहाद में शामिल संगठन याद रखें! कभी इस झांसे में न आएं कि ग़ज़्ज़ा की आज़ादी, बात-चीत के नतीजे में हुई है। बिल्कुल नहीं! वार्ता से ग़ज़्ज़ा को आज़ादी नहीं मिली। बात-चीत से कोई भी इलाक़ा आज़ाद नहीं हुआ और कभी भी इससे कोई इलाक़ा आज़ाद होने वाला नहीं है। ग़ज़्ज़ा को जिस चीज़ ने आज़ादी दिलाई, वह फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का प्रतिरोध था। ज़ायोनी पीछे हटने पर मजबूर हो गए। इमाम ख़ामेनेई 19 अगस्त 2006
23/10/2021
पैग़म्बर की हस्ती वह है जिस पर अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दुरूद व सलाम भेजते हैं। हमें अपने पैग़म्बर की बात यानी क़ुरआन पर और इस्लाम पर क़ायम रहना चाहिए।
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