पैग़म्बर की हस्ती वह है जिस पर अल्लाह और उसके फ़रिश्ते दुरूद व सलाम भेजते हैं। हमें अपने पैग़म्बर की बात यानी क़ुरआन पर और इस्लाम पर क़ायम रहना चाहिए।