09/07/2023
रावी कहता है कि मैं दाख़िल हुआ तो देखा कि इमाम मूसा इबने जाफ़र अलैहेमस्सलाम के हुजरे में तीन चीज़ें रखी हैं। एक तलवार है जो इस बात की प्रतीक है कि मक़सद, जेहाद है। मोटा और खुरदुरा लेबास जो सख़्त मेहनत, जेहादी और इंक़ेलाबी ज़िन्दगी का प्रतीक है और एक क़ुरआन है जो इस बात का प्रतीक है कि अस्ल मक़सद यही है। इमाम ख़ामेनेई 12/04/1985
07/07/2023
विलायत, ऐसी हुकूमत को कहते हैं जिसमें हुकूमत करने वाले का एक-एक शख़्स से मोहब्बत जज़्बात, विचार और आस्था का रिश्ता होता है। इमाम ख़ामेनेई
06/07/2023
ग़दीर से इस्लामी समाज के लिए हुकूमत और सत्ता का नियम तय हुआ और उसकी बुनियाद पड़ी। ग़दीर की अहमियत इसी बात में है। यह बात साफ़ हो गयी कि इस्लामी समाज, शाही हुकूमत की जगह नहीं है। व्यक्तिगत हुकूमत की जगह नहीं है, दौलत व ताक़त के ज़ोर पर हुकूमत की जगह नहीं है, एरिस्टोक्रेटिक हुकूमत की जगह नहीं है। इमाम ख़ामेनेई
04/07/2023
कुछ लोग यह ख़याल करते हैं कि इमामों की विलायत रखने का बस यह मतलब है कि हम इमामों से मुहब्बत ‎करें। वो कितनी ग़लत फ़हमी में हैं, कैसी ग़लत फ़हमी का शिकार हैं?! सिर्फ़ मुहब्बत मुराद नहीं है। वरना इस्लामी ‎दुनिया में कोई भी न होगा जो ख़ानदाने पैग़म्बर से तअल्लुक़ रखने वाले मासूम इमामों से मुहब्बत न करे।
01/07/2023
हज अमली तौर पर दिखा देता है कि नस्ली भेदभाव, इलाक़ाई भेदभाव, तबकों के बीच भेदभाव, इन्हें क़ुबूल नहीं करता, यह बहुत अहम प्वाइंट है। आज वह मुल्क जो सिविलाइज़्ड होने का दावा करते हैं, मेरी नज़र में, तहज़ीब से दूर का भी उनका नाता नहीं रहा है।
28/06/2023
हज, आज और कल के इंसान की अख़लाक़ी गिरावट के लिए साम्राज्यवाद और ज़ायोनीवाद की तरफ़ से रची गई सभी साज़िशों को नाकाम और बेअसर बना सकता है। आलमी सतह पर यह असर डालने के लिए ज़रूरी शर्त यह है कि मुसलमान पहले क़दम के तौर पर हज के हयात-बख़्श पैग़ाम को पहले ख़ुद सही तरीक़े से सुनें और उस पर अमल करने में कोई कसर न छोड़ें।
27/06/2023
अचानक यह बात मन में आयी कि मैं क्यों ठीक हो गया? यह जो अल्लाह ने मुझे सेहत दी है, इसकी कोई वजह होनी चाहिए। मुझे ख़याल आया कि यक़ीनन अल्लाह को मुझसे कुछ अपेक्षा है और उस अपेक्षा को व्यवहारिक बनाने के लिए उसने मुझे बचाया है।
26/06/2023
शहीदों के परिवारों से इस्लामी इंकेलाब के नेता का ख़ेताबः सारे शहीद आइडियल हैं। हमारे नौजवान को आइडियल की ज़रूरत होती है। यह शहीद हमारे मुल्क और हमारे नौजवानों के ज़िंदा आइडियल शुमार होते हैं। उनका नाम ज़िंदा रहना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई ‎ 25 जून 2023‎
26/06/2023
जेहादे अकबर! नफ़्स से संघर्ष सबसे बड़ा जेहाद है। अगर हम इस आयाम से भी देखेंगे तब भी हम पाएंगे कि शहीदों के बाप, शहीदों की माएं, शहीदों की बीवियां, जेहादे अकबर के सबसे ऊंचे दर्जे पर हैं।
22/06/2023
फ़िलिस्तीन की तहरीके हमास के पोलिटिकल ब्योरो के प्रमुख इस्माईल हनीया से मुलाक़ात में रहबरे इंक़ेलाबः फ़िलिस्तीन के हालात दो तीन साल पहले के मुक़ाबले में बहुत बदल चुके हैं। आज नौजवान ख़ुद बख़ुद मैदान में उतरे हैं और वो इस्लाम पर भरोसा करते हैं।
21/06/2023
शहीद की बहन: आग़ा जान! हमें अंगूठी ख़रीदने का मौका नहीं मिला, मेहरबानी करके मुझे और मेरे शौहर को एक-एक अंगूठी दे दीजिए।
19/06/2023
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने कहा कि इस्लामी गणराज्य ईरान, उज़बेकिस्तान को तुर्कमेनिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के रास्ते अंतर्राष्ट्रीय जलक्षेत्र से आसानी से जोड़ सकता है, अलबत्ता आपसी सहयोग का दायरा व्यापार और परिवहन से कहीं ज़्यादा विस्तृत है और नए तरीक़ों पर ग़ौर करके साइंस और टेक्नालोजी सहित दूसरे क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ावा दिया जा सकता है।
15/06/2023
जेहादे इस्लामी फ़िलिस्तीन ग़ज़्ज़ा की हालिया जंग के दौरान इम्तेहान में सफल रही। ज़ायोनी सरकार के अधिकारियों का इस सरकार के अपनी उम्र के 80 साल पूरे न कर पाने की ओर से चिंतित होना सही है।
12/06/2023
परमाणु प्रोडक्ट्स और सेवाओं का कमर्शियलाइज़ेशन होना चाहिए, हमारी इन कामयाबियों का दुनिया में अच्छा मार्केट मौजूद है। मुल्क की अर्थव्यवस्था के लिए इसे इस्तेमाल किया जा सकता है। इमाम ख़ामेनेई  11 जून 2023
12/06/2023
इन बरसों के दौरान, परमाणु उद्योग के अहम इंफ़्रास्ट्रक्चर तैयार किए गए हैं, मुमकिन है आप किसी मामले में कुछ समझौता करना चाहें, कोई मुश्किल नहीं है समझौता कीजिए, लेकिन इन इंफ़्रास्ट्रक्चर को हाथ न लगाया जाए।
11/06/2023
जो भी ईरान से मुहब्बत करता है, जो भी फ़्यूचर में, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर में ईरान की इज़्ज़तदार पोज़ीशन की ख़्वाहिश रखता है, उसे क़ौम में ईमान और उम्मीद को फैलाना चाहिए।
10/06/2023
दुश्मन के मंसूबे पर पानी फिर गया, लेकिन सबको यह बता गया कि दुश्मनों की मक्कारी से कभी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए।
06/06/2023
भौतिकवाद और अध्यात्म विरोधी नीतियों तले अध्यात्म को कुचला जा चुका था। इमाम ख़ुमैनी के आंदोलन ने दुनिया में अध्यात्म के रंग को फिर से निखारा।
06/06/2023
इमाम ख़ुमैनी ने तीन बड़े महान व ऐतिहासिक काम किए...एक मुल्क ईरान की सतह पर कि इस्लामी इंक़ेलाब को वजूद दिया, एक इस्लामी जगत की सतह पर कि इस्लामी जागरुकता का आंदोलन शुरू किया और एक विश्व स्तर पर अध्यात्म के माहौल को दुनिया में ज़िन्दा किया। इमाम ख़ामेनेई 
05/06/2023
आज इस्लामी जगत, इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी से पहले के दौर और इमाम ख़ुमैनी के ज़माने से पहले की तुलना में ज़्यादा सरगर्म, ज़्यादा तैयार और ज़्यादा पुरजोश है।
04/06/2023
इमाम ख़ुमैनी तीन सतह पर बदलाव लाए। मुल्क की सतह पर उन्होंने, ग़ैरों की नज़रे करम का इंतेज़ार करने वाली क़ौम को, सब कुछ करने की सलाहियत रखने वाली क़ौम में बदल दिया।
01/06/2023
ओमान के सुल्तान से मुलाक़ात में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने दो तरफ़ा तअल्लुक़ात, इलाक़ाई मुल्कों से सहयोग की ईरान की पालीसियों और इस्लामी दुनिया की एकता व समन्वय जैसे विषयों पर रौशनी डाली।
31/05/2023
अहले बैत की विलायत का नज़रिया और पैग़म्बरे इस्लाम के ख़ानदान से श्रद्धा को इस्लामी जगत में फैलाना, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम का कारनामा है।
27/05/2023
भेदभाव को ख़त्म करने की इस्लाम की ज़बान दरअस्ल अमल की ज़बान है, कहाँ? हज में। काले हैं, गोरे हैं, दुनिया के फ़ुलां क्षेत्र से आए हैं, फ़ुलां तहज़ीब के हैं, फ़ुलां तारीख़ के हैं, सब एक साथ बिना किसी भेदभाव के, एक साथ हैं, कोई भेदभाव नहीं है। ये हज के राज़ हैं, इन्हें मारेफ़त के साथ अंजाम देना चाहिए। इमाम ख़ामेनेई  17 मई 2023
24/05/2023
दुश्मन ने ख़ुर्रमशहर में और दूसरे मौक़ों पर हमारी फ़तह का राज़ देखा और समझ गया।
22/05/2023
अगर आप ने एक दिन देखा कि, अल्लाह वह दिन कभी न लाए, कोई हज पर जाने वाला नहीं है, तो आप पर वाजिब है कि हज के लिए जाएं, चाहे इससे पहले आप दस बार हज कर चुके हों। इस घर, इस असली व बुनियादी केन्द्र को कभी भी ख़ाली नहीं रहना चाहिए। "लोगों को सहारा देने वाली बुनियाद" यह इबारत बहुत अहम है।
20/05/2023
मेरी ताकीद है कि अलग अलग एज ग्रुप के बच्चों के लिए जहाँ तक मुमकिन हो किताबें तैयार करें और इस सिलसिले में हमें ग़ैरों की किताबों की ज़रूरत न पड़े। ताकि हम इंशाअल्लाह अपनी दिशा और अपने मक़सद के साथ किताबें अपने बच्चों को दे सकें।
20/05/2023
जब हम कहते हैं वेक़ार तो इसका मतलब है ख़ुशामद की डिप्लोमेसी को नकारना। दूसरों के इशारों और बयानों से आस लगाने को नकार देना। फ़ुलां मुल्क की फ़ुलां बड़ी और पुरानी राजनैतिक हस्ती ने यह बयान दे दिया, यह राय दे दी। वेक़ार यानी हम इन चीज़ों के आसरे पर न रहें। हम अपने उसूलों पर भरोसा करें।
17/05/2023
वह मक़सद इस्लामी उम्मत का इत्तेहाद है। किस के मुक़ाबले में? कुफ़्र के मुक़ाबले में, ज़ुल्म के मुक़ाबले में, इम्पेरियलिस्ट ताक़तों के मुक़ाबले में, इंसानी व ग़ैर इंसानी बुतों के मुक़ाबले में। उन तमाम चीज़ों के मुक़ाबले में जिन्हें ख़त्म करने के लिए इस्लाम आया।
15/05/2023
मुल्क का कल्चर बनाने के लिए हमेशा किताब की ज़रूरत होती है। अगरचे आज बहुत से दूसरे साधन भी आ गए हैं, जैसे सोशल मीडिया वग़ैरह है, लेकिन किताब अब भी अपनी जगह बहुत अहम और आला दर्जा रखती है।
14/05/2023
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने तेहरान में 34वें इंटरनेश्नल बुक फ़ेयर में आज तीन घंटे गुज़ारे। उन्होंने मीडिया और आर्ट के मैदान में काम करने वालों को भी किताब पढ़ने की सिफ़ारिश की।
06/05/2023
दुनिया में कोई भी शख़्स चाहे वह मुसलमान हो या न हो, फ़िलिस्तीन की घटनाओं की सच्चाई को ‎जान जाए, वह क़ाबिज़ ज़ायोनी शासन के मुक़ाबले में निकल आएगा।
03/05/2023
टीचर दर हक़ीक़त मुल्क के मुस्तक़बिल का आर्किटेक्ट है। आज आप मुल्क के ‘कल’ की तामीर कर रहे ‎हैं। ‎
02/05/2023
काम की अहमियत से मज़दूर की अहमियत समझी जा सकती है। काम, समाज की ज़िन्दगी है, काम, लोगों की ज़िन्दगी में रीढ़ की हड्डी की तरह है, काम न हो तो कुछ भी नहीं है।
02/05/2023
आप अपने बेटे के बारे में, बेटी के ‎बारे में क्या आरज़ू रखते हैं, ठीक यही चीज़ आप अपने स्टूडेंट के लिए चाहिए।
01/05/2023
मुल्क की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी मज़दूर है। हमें मज़दूर यानी इस रीढ़ की हड्डी को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए।
30/04/2023
फ़िलिस्तीन मज़लूम भी है और ताक़तवर भी। वह अमीरुल मोमेनीन अलैहिस्सलाम की तरह है, जो ताक़तवर थे, क़वी भी थे और साथ ही वाक़ई मज़लूम भी थे।
28/04/2023
ज़ायोनी हुकूमत का बिखराव और अंत क़रीब है, यह, प्रतिरोध की बरकत से है, यह इस वजह से है कि फ़िलिस्तीनी जवान, अपने दुश्मन की डिटेरन्स ताक़त को लगातार कमज़ोर और ख़त्म करने में कामयाब हुआ है।
26/04/2023
फ़िलिस्तीनी अवाम के भीतर से होने वाला यह प्रतिरोध, इस बदलाव की अस्ल वजह है। जितना ज़्यादा प्रतिरोध होगा, इस्राईल उतना ही कमज़ोर होता जाएगा, उसकी तबाही और ज़ाहिर होती जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 
25/04/2023
दुश्मन की चाल और दुश्मन की रणनीति की पहचान में हम सबको अपटूडेट रहना चाहिए। अमीरुल मोमेनीन नहजुल बलाग़ा में कहते हैं: जो ग़फ़लत करता है, उसका दुश्मन असकी ओर से गफ़लत नहीं करता! ऐसा नहीं है कि आप अपने मोर्चे पर सो रहे हैं, तो दुश्मन के मोर्चे पर भी नींद का असर होगा और वह सो गया होगा, नहीं।