दुश्मन, हुसैन इबने अली के जिस्म को घेरे हुए हैं और उनमें से हर कोई वार कर रहा है। जब हज़रत ज़ैनब क़त्लगाह पहुंचीं और उस पाक जिस्म को करबला की ज़मीन पर गिरा हुआ पाया तो अपने हाथों को इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के जिस्म के नीचे रखा और उनकी आवाज़ बुलंद हुयी ऐ अल्लाह! पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों की इस क़ुरबानी को क़ुबूल कर।