साम्राज्यवाद की प्रोपैगन्डा मशीनरी और जो लोग साम्राज्यवाद के पिट्ठू हैं वो मुसलमानों के लिए राजनीति में हस्तक्षेप को सही नहीं समझते जबकि पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम ने राजनीति की बुनियाद धर्म पर रखी है। पैग़म्बरे इस्लाम ने शासन क़ायम किया और राजनीति के सेंटर क़ायम किए। वह राजनीति जो इस्लाम के आग़ाज़ में थी वह विश्व स्तरीय राजनीति थी। पैग़म्बरे इस्लाम, इस्लामी राजनीति की ओर लोगों को बुलाते थे और (इसी बुनियाद पर) आपने शासन क़ायम किया था। यह साम्राज्यवाद की प्रोपैगंडा मशीनरी, इस्लाम को जड़ से उखाड़ने में लगी हुयी है और इस्लाम के ढांचे को, इसकी मूल शिक्षाओं से ख़ाली कर देना चाहते हैं। इस्लाम के आग़ाज़ में राजनैतिक मसले, मस्जिद में अवाम के ज़रिए, नमाज़े जुमा के इमाम के ज़रिए हल किए जाते थे और जंग की योजना इसी (मस्जिद) में तैयार की जाती थी।
इमाम ख़ुमैनी
2/1/1983