पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम के शुभ जन्म के मौक़े पर बहुत से वाक़ए हुए। बड़े ही अनोखे वाक़ए हमारी रिवायतों में भी और सुन्नी समुदाय की रिवायतों में भी नक़्ल हुए हैं, जिसमें ताक़े कसरा का टूट जाना और इस महल के 14 कंगूरों का टूट कर गिर जाना, फ़ारस के अग्निकुंड का ख़ामोश हो जाना और बुतों का मुंह के बल ज़मीन पर गिर जाना। ताक़े कसरा के टूट जाने का मसला शायद इस बात की ओर इशारा हो कि इस महान पैग़म्बर के ज़माने में ज़ुल्म के ताक़, ज़ुल्म के सभी ताक़ ख़ास तौर पर ताक़े कसरा टूट कर गिर गया। क्योंकि उस वक़्त यह ताक़े कसरा अनूशिरवान के ज़ुल्म का केन्द्र था।

इमाम ख़ुमैनी

10/12/1985