इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार की सुबह बारहवीं संसद के दूसरे चरण के चुनाव के लिए तेहरान में मतदान का आग़ाज़ होते ही इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अपना वोट डाला।
चुनाव, मैदान में अवाम की मौजूदगी की निशानी और अवाम के इरादे व निर्णय का चिन्ह है। इसलिए हर उस इंसान का क़ौमी फ़रीज़ा है कि चुनाव में शरीक हो जो चाहता है कि मुल्क तरक़्क़ी करे काम करे और बड़े लक्ष्य तक पहुंचे।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने शुक्रवार 1 मार्च को सुबह बारहवीं संसद और छठी विशेषज्ञ असेंबली के चुनावों के लिए, मतदान का वक़्त शुरू होते ही तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में आकर अपना वोट डाला।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता, आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने शुक्रवार 1 मार्च 2024 को संसद और विशेषज्ञ असेंबली के चुनावों के लिए 8 बजे सुबह मतदान का वक़्त शुरू होते ही अपना वोट डाला।
आज ईरानी क़ौम के शुभचिंतकों और दुश्मनों इसी तरह अहम राष्ट्रीय व राजनैतिक पोज़ीशन रखने वालों की निगाहें ईरान पर केन्द्रित हैं। वह देखना चाहते हैं कि ईरानी जनता इस चुनाव में क्या करती है और उसका नतीजा क्या होता है।
इमाम ख़ामेनेई
1 मार्च 2024
चुनाव राष्ट्रीय और अवामी ताक़त का प्रतीक है। अमरीका, यूरोप पर हावी नीतियां, ज़ायोनी पालीसियां, दुनिया के बड़े पूंजीपतियों और बड़ी कंपनियों की पालीसियां अवाम की भरपूर उपस्थिति से सबसे ज़्यादा डरती हैं। क्यों? क्योंकि उन्हें पता है कि अगर क़ौम मैदान में उतर पड़े तो समस्याओं पर नियंत्रण तय है।
इमाम ख़ामेनेई
28 फ़रवरी 2024
ईरान में ससंदीय और विशेषज्ञ असेंबली के चुनाव के अवसर पर इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से फ़र्स्ट टाइम वोटर्ज़ और शहीदों के परिवारों ने 28 फ़रवरी 2024 को मुलाक़ात की। (1) इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई की तक़रीरः
चुनाव इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था का अहम स्तंभ और देश के सुधार का ज़रिया है। जो लोग समस्याओं के समाधान की फ़िक्र में हैं उन्हें चाहिए कि चुनाव पर ध्यान दें।
इमाम ख़ामेनेई
18 फ़रवरी 2024
ईरान के शहर तबरेज़ के अवाम के 18 फ़रवरी सन 1978 के ऐतिहासिक आंदोलन की वर्षगांठ पर पूर्वी आज़रबाईजान प्रांत के हज़ारों लोगों ने रविवार की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने तबरेज़ के अवाम के 18 फ़रवरी 1978 के ऐतिहासिक आंदोलन की सालगिरह पर पूर्वी आज़रबाइजान प्रांत से आने वाले हज़ारों लोगों से इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में खेताब किया। 18 फ़रवरी 2024 को अपनी इस तक़रीर में आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने ऐतिहासिक आंदोलन के बारे में बात की। आपने इस्लामी इंक़ेलाब की उपलब्धियों को बयान किया और 1 मार्च 2024 को संसद और विशेषज्ञ असेंबली के चुनावों के बारे में कुछ निर्देश दिए। (1)