30/06/2025
फ़िलिस्तीन के मक़बूज़ा इलाक़ों पर ईरान की ओर से पहली बार मीज़ाईल बरसाए जाने के कुछ ही दिन के अंदर ज़ायोनी शासन के कमज़ोर होने की निशानियां ज़ाहिर हो गयीं।
29/06/2025
हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ उनके कई परतों वाले विकसित डिफ़ेंस को भेद सकीं, यह अल्लाह की बड़ी नेमतों में से एक है।
28/06/2025
शनिवार 28 जून 2025 को राजधानी तेहरान में दसियों लाख लोगों ने, ज़ायोनी शासन के हमलों में शहीद होने वाले कमांडरों, वैज्ञानिकों और उनके घर वालों की शव यात्रा में शिरकत की।
28/06/2025
इतने शोर-शराबे, इतने दावों के बावजूद, ज़ायोनी शासन इस्लामी गणराज्य के वार से क़रीब क़रीब ढह गया और कुचल दिया गया।
26/06/2025
ईरान पर दुष्ट ज़ायोनी शासन के हमले और इसमें ईरानी क़ौम की कामयाबी के बाद, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने टेलिवीजन पर 26 जून 2025 को राष्ट्र को संबोधित किया जो इस प्रकार है:
23/06/2025
ज़ायोनी दुश्मन ने बहुत बड़ी ग़लती की है, बहुत बड़ा अपराध किया है, जिसे दंडित किया जाना चाहिए और उसे सज़ा मिल रही है। इस वक़्त भी उसे सज़ा मिल रही है… ज़ायोनी शासन के हमले के बाद क़ौम के नाम इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के दूसरे पैग़ाम से 18 जून 2025
22/06/2025
ईरान के अवाम ने 20 जून 2025 को पूरे मुल्क में जुमे की नमाज़ की सभाओं और रैलियों में भाग लिया; अपने शहीदों को अलविदा कहा; आर्म्ड फ़ोर्सेज़ का भरपूर सपोर्ट किया और गगनभेदी नारों से ज़ायोनी शासन और अमरीका से अपनी नफ़रत का इज़हार किया।
14/06/2025
हम ज़ायोनिस्टों को इस बड़े जुर्म के बाद जो उन्होंने अंजाम दिया है, बच कर नहीं जाने देंगे। यक़ीनन इस्लामी जम्हूरिया ईरान की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ इस ख़बीस ज़ायोनी दुश्मन पर भारी वार करेंगी।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का ईरानी क़ौम से टेलिवीजन पर ख़ेताबः

आर्म्ड फ़ोर्सेज़, ताक़त से जवाब देंगी और घटिया ज़ायोनी शासन को बेबस कर देंगी

13/06/2025
आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने आज शुक्रवार की रात टेलिवीजन पर ईरानी अवाम को ख़ेताब फ़रमाया जो इस प्रकार हैः
21/04/2025
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने 31 मार्च 2025 को अपनी स्पीच में क्षेत्र से ज़ायोनी शासन को जड़ से उखाड़ दिए जाने को एक धार्मिक, नैतिक और इंसानी कर्तव्य बताया। इस इन्फ़ोग्राफ़ में इस कर्तव्य की अनिवार्यता को पेश किया गया है।   
30/03/2025
हज़रत मूसा ने अपनी क़ौम से कहा कि तुम अल्लाह से मदद तलब करो और सब्र व तहम्मुल से काम लो, अल्लाह मसले हल कर देगा और हल हो गए। शक न करें कि इस दृढ़ता का नतीजा दुश्मनों की हार है। दुष्ट और अपराधी ज़ायोनी शासन की हार है।
21/12/2024
ज़ायोनी सरकार अपने विचार में, ख़ुद को सीरिया के रास्ते हिज़्बुल्लाह की फ़ोर्सेज़ को घेरने और जड़ से उखाड़ने की तैयारी कर रही है, लेकिन जो उखड़ेगा वो इस्राईल है।  
24/01/2024
इस्लामी मुल्कों के अधिकारियों को जो काम करना चाहिए, वो अंजाम नहीं पाता। वो क्या है? वो ज़ायोनी शासन की जीवन की नसों को काट देना है।  
17/10/2023
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने मंगलवार 17 अक्तूबर की सुबह जीनियस व प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों से मुलाक़ात में, वैज्ञानिक सेंटरों और यूनिवर्सिटियों में इनोवेशन पर आधारित सरगर्मियों के नए चरण में दाख़िल होने के लिए, एक नई वैज्ञानिक छलांग लगाने पर बल दिया।
22/04/2023
इस्लामी इन्क़ेलाब के नेता ने शनिवार को तेहरान में इस्लामी मुल्कों के राजदूतों, मुल्क के आला ओहदेदारों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मुलाक़ात की।
07/04/2023
ज़ायोनी हुकूमत अपनी 75 साल की उम्र में कभी इतनी ख़ौफ़नाक मुसीबतों में नहीं फंसी जिनका आज उसे सामना है। संगीन सियासी अस्थिरता में गिरफ़तार है। चार साल में चार प्रधानमंत्री बदल गए। राजनैतिक एलायंस बनने से पहले टूट जाते हैं। इमाम ख़ामेनेई 4 अप्रैल 2023
14/12/2022
वेस्ट के उद्योग को चलाने के लिए ज़रूरी चीज़ तेल है जो वेस्ट एशिया में है।
11/08/2022
सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के सेक्रेट्री जनरल ज़्याद नोख़ाला के ख़त के जवाब इस्लामी जेहाद वीरता भरी द्रढ़ता को फ़िलिस्तीन के रेज़िस्टेंस नेटवर्क में इस संगठन का महत्व और बढ़ जाने, ज़ायोनी शासन की साज़िश पर पानी फिर जाने और उसकी नाक मिट्टी में रगड़ दिए जाने का सबब बताया और सभी फ़िलिस्तीनी संगठनों के बीच एकता व एकजुटता बने रहने पर ताकीद करते हुए कहा: क़ाबिज़ दुश्मन कमज़ोर और फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस मज़बूत हो रहा है।
30/04/2022
ज़ायोनी दुश्मन हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा कमज़ोर हुआ है। उसकी फ़ौज जो ख़ुद को ‎नाक़ाबिले शिकस्त बताती थी, आज लेबनान में 33 दिन और ग़ज़्ज़ा में 22 दिन और 8 दिन की ‎जंगों में शिकस्त खाकर एक ऐसी फ़ौज बन कर रह गई है जो कभी कामयाबी का मुंह नहीं देख ‎सकती। इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
29/04/2022
विश्व क़ुद्स दिवस के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने फ़िलिस्तीन के मसले के संबंध में अहम बिंदुओं पर प्रकाश डाला। 27 रमज़ान 1443 हिजरी क़मरी बराबर 29 अप्रैल 2022 को आयतुल्लाह ख़ामेनेई की यह तक़रीर टीवी चैनलों से लाइव प्रसारित की गई। तक़रीर का अनुवादः
28/04/2022
क़ुद्स शरीफ़ के मुद्दे पर मुसलमानों में सहयोग और समन्वय से ज़ायोनी दुश्मन और उसके समर्थक ‎अमरीका और यूरोप घबराए हुए हैं। सेंचुरी डील की नाकामी और उसके बाद क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार ‎के साथ कुछ कमज़ोर अरब सरकारों के रिश्ते, इस दहशत से फ़रार की नाकाम कोशिश है। इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
27/04/2022
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बल देकर कहा कि इस्लामी क्रांति ने यूनिवर्सिटी के लिए जो बड़ा काम किया वह यह था कि उसने ईरानी क़ौम को पहचान देकर यूनिवर्सिटी को उसकी पहचान दी। क्रांति से क़ौम को पहचान, आदर्श होने और स्वावलंबन का ज़ज़्बा दिया और उसके सामने क्षितिज को स्पष्ट किया।
26/04/2022
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई से युनिवर्सिटियों के छात्रों और छात्र युनियनों के प्रतिनिधियों ने इमाम ख़ुमेनी इमाम बारगाह में तफ़सीली मुलाक़ात और अलग अलग विषयों पर खुलकर अपनी राय रखी। 26 अप्रैल 2022 की इस मुलाक़ात में सुप्रीम लीडर ने छात्रों के सवालों के जवाब दिए, कुछ सिफ़ारिशें कीं और प्रमुख राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर अपनी नीतिगत बात पेश की। सुप्रीम लीडर की स्पीचः
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