08/03/2024
जो हुकूमत इस्लाम की बुनियाद पर क़ायम होती है उसकी कार्यशैली की बुनियाद हैः"न तुम ज़ुल्म करोगे और न तुम पर ज़ुल्म किया जाएगा।" (सूरए बक़रह आयत 279) इमाम ख़ामेनेई  7 मार्च 2024
09/03/2024
एक दूल्हा दुल्हन की नई ज़िन्दगी शुरू हुयी, इश्क़ व मोहब्बत से भरी, ज़िंदगी में आगे बढ़ने व तरक़्क़ी करने की चाह के साथ, लेकिन ग़ज़ा की दुल्हनों के लिए स्थिति अलग तरह की है। किसी माँ के लिए एक नवज़ात के जन्म के आग़ाज़ के क्षण उसकी ज़िंदगी के सबसे ख़ूबसूरत लम्हे होते हैं। ऐसे लम्हें जो इंतेज़ार की लंबी घड़ियों के अंत और उम्मीद और इश्क़ से भरी ज़िंदगी शुरू होने की ख़ुशख़बरी देते हैं। लेकिन ग़ज़ा की माँओं के लिए स्थिति अलग तरह की है। ज़रा कलपना कीजिए एक परिवार के लोग इकट्ठा हैं, बच्चे आस पास खेल में मसरूफ़ हैं और माँ बाप खाना तैयार करने में लगे हैं। खाना तैयार है। माँ बच्चों को आवाज़ देती है कि खाने के लिए आएं, कितना मीठा अनुभव है ये। लेकिन ग़ज़ा की माँओं के लिए स्थिति अलग तरह की है।
09/03/2024
ग़ज़ा ने पश्चिम के चेहरे से मानवाधिकार की नक़ाब हटा दी।  इमाम ख़ामेनेई  1 नवम्बर 2023
10/03/2024
हम अगर चाहते हैं कि यह मर्द समाज में एक उपयोगी व्यक्ति साबित हो तो इसके लिए बीवी को भी घर के अंदर मुफ़ीद बनना पड़ेगा वरना वह स्थिति संभव नहीं हो पाएगी। इमाम ख़ामेनेई
11/03/2024
रमज़ान मुबारक का चाँद 29 शाबान (10 मार्च) को नज़र नहीं आया, सोमवार को 30 शाबान है, और मंगलवार 12 मार्च को रमज़ान मुबारक 1445 हिजरी क़मरी का पहला दिन होगा।
11/03/2024
इस्लामी गणराज्य की आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने एक समारोह में मुल्क की फ़ौज के चीफ़ कमांडर मेजर जनरल सैयद अब्दुर्रहीम मूसवी और आईआरजीसी के चीफ़ कमांडर मेजर जनरल हुसैन सलामी को फ़तह का मेडल (मेडल ऑफ़ कंक्वेस्ट) दिया।
11/03/2024
अपनी नौजवानी की क़द्र करें। हमारी जो मसरूफ़ियतें हैं, वो आम तौर पर सांसारिक फ़ायदों से जुड़ी हैं। हमें पूरे दिन में अल्लाह से अकेले में बात करने का मौक़ा नहीं मिलता, उन हस्तियों की बात अलग है जो हमेशा हालते नमाज़ में रहती हैं।
12/03/2024
इस वक़्त दुनिया की सारी ताक़तों पर आपकी इस हुकूमत का रोब है। उनकी डींगों पर मत जाइये, उन सब पर इस्लामी गणराज्य का रोब है।
12/03/2024
पिछले बरसों की तरह इस साल भी रमज़ान मुबारक के पहले दिन इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की मौजूदगी में क़ुरआन मजीद से उन्स की महफ़िल आयोजित हुयी, जिसमें मुल्क के कुछ बड़े क़ारियों और क़ुरआन के सिलसिले में काम करने वालों ने शिरकत की।
12/03/2024
13/03/2024
ग़ज़ा में दृढ़ प्रतिरोध का चरम बिंदु जिस चीज़ ने दुनिया को दिखाया वह वहां के निवासियों का क़ुरआन से गहरा लगाव है। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
13/03/2024
ऐ अबूज़र! अल्लाह की इस तरह इबादत करो मानो तुम उसे आँखों से देख रहे हो, जान लो कि अल्लाह की इबादत का पहला स्तंभ ये है कि उसकी पाक हस्ती की पहचान हासिल करो, उसकी मारेफ़त पैदा करो।
13/03/2024
इस वक़्त ग़ज़ा में जो हो रहा है दोनों तरफ़ से अपनी इंतेहा को पहुंचा हुआ है। अपराध और वहशीपन के लेहाज़ से भी और ग़जा के अवाम के बेमिसाल सब्र के एतेबार से भी।
07/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने, इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का चयन करने और उनके क्रियाकलापों पर नज़र रखने वाली विशेषज्ञ असेंबली के सदस्यों से अपने ख़ेताब में इस्लामी गणराज्य और पश्चिम की लिबरल डेमोक्रेसी के बुनियादी फ़र्क़ पर प्रकाश डाला। आपने कुछ अनुशंसाएं भी कीं।(1)
14/03/2024
दुनिया भर के काफ़िरों और दुश्मनों के सभी मज़बूत क़िले तुम्हारे ईमान, तुम्हारे अच्छे कर्म और तुम्हारे अनुशासन के सामने ढह जाएंगे, तबाह हो जाएंगे।
14/03/2024
चंद महीनों से ज़ायोनी, अमरीका और दूसरों से मिलने वाले हथियारों और विश्वासघात भरी मदद के ज़रिए फ़िलिसतीनी रेज़िस्टेंस के ख़िलाफ़ जंग कर रहे हैं, रेज़िस्टेंस भी वहां यथावत ताक़तवर और मज़बूत क़दमों से डटी हुई है और अल्लाह की कृपा से ज़ायोनियों की नाक ज़मीन पर रगड़ देगी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
14/03/2024
वेनेज़ोएला की बोलीवारी युनिवर्सिटी में शिक्षकों और बुद्धिजीवियों ने एक प्रोग्राम में इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई के फ़िलिस्तीन के समर्थन पर आधारित पेज बंद किए जाने की आलोचना की।
15/03/2024
अफ़सोस है कि इस्लामी दुनिया में ऐसे लोग और सरकारें हैं जो ग़ज़ा के मज़लूम अवाम के दुश्मनों की मदद कर रही हैं। इंशाअल्लाह एक दिन वो पछताएंगी और अपनी ग़द्दारी की सज़ा भी पाएंगी और यह भी देखेंगी कि उन्होंने जो कुछ किया व्यर्थ था। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
15/03/2024
मेरे अहले बैत की मिसाल नूह की कश्ती जैसी है, जो उसमें सवार हुआ वो नजात पा गया और जिसने भी उससे मुंह मोड़ा वो डूब गया
16/03/2024
इस्लाम और दूसरे आसमानी धर्म, कभी भी अपने दुश्मनों के सिलसिले में उदासीन रवैया नहीं रखते। सभी पैग़म्बरों ने अपने कट्टर दुश्मनों के मुक़ाबले में इसी तरह का रवैया अख़्तियार किया है, वो तलवार उठाते थे।
17/03/2024
इस्लामी गणराज्य ईरान में बोलीविया की राजदूत श्रीमती रोमीना ग्वादलोपे पेरेज़ रामोस ने कहा है कि मेटा की ओर से इमाम ख़ामेनेई के इंस्टाग्राम और फ़ेसबुक पेज बंद किए जाने की अस्ल वजह हक़ीक़त पर आधारित बातें पोस्ट करना और फ़िलिस्तीन के पीड़ित अवाम का नैतिक सपोर्ट है।
17/03/2024
आज के काल को कल पर न टालो, जो कुछ तुम्हें लगता है कि अंजाम देना ज़रूरी है, उसे आज ही कर डालो, अगर कल हुआ तो कल के ख़ुद अपने काम होंगे।
18/03/2024
अमरीका, इस्लामी इंक़ेलाब को मानने के लिए क्यों तैयार नहीं है? इसलिए कि उसके हित ख़तरे में पड़ जाएंगे। इस वक़्त भी वो कह रहा है, खुलकर बिना किसी झिझक के कह रहा है कि ईरान के इस्लामी इंक़ेलाब और इस्लामी गणराज्य ने इलाक़े में हमारे हित को ख़तरे में डाल दिया है।
18/03/2024
आज़ ग़ज़ा में जो कुछ हो रहा है वह दोनों तरफ़ से चरम पर है। ज़ायोनी और पश्चिमी सभ्यता का अपराध और बर्बरता भी और मसले का दूसरा पहलू भी, अवाम का बेमिसाल सब्र और प्रतिरोध और हमास और फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जेहाद की ताक़त भी। इमाम ख़ामेनेई  12 मार्च 2024
19/03/2024
ख़याल रखो कि तुम्हारी लड़खड़ाहट तुम्हारे मुंह के बल गिर पड़ने का कारण न बन जाए, लड़खड़ाहट तो हो ही जाती है लेकिन ख़याल रखो कि गिर न पड़ो।
12/03/2024
रमज़ानुल मुबारक के पहले दिन 12 मार्च 2024 को इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में क़ुरआन से उन्सियत की महफ़िल के नाम से एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसमें रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने क़ुरआन और तिलावत के विषय पर तक़रीर की। उन्होंने ग़ज़ा की जंग के बारे में भी कुछ बिंदु बयान किए।
20/03/2024
इस्लामी क्रांति के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए ईरानी साल पर संदेश जारी किया।
1403 हिजरी शम्सी के नौरोज़ के पैग़ाम में इमाम ख़ामेनेई ने ग़ज़ा में जारी अपराधों को साल की सबसे कटु घटना बतायाः

अल्लाह से विनती है कि मिल्लते ईरान और सारी मुस्लिम क़ौमों के लिए मधुर परिवर्तन क़रार दे

20/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने नई हिजरी शम्सी साल 1403 के आग़ाज़ पर एक पैग़ाम जारी किया जिसमें आपने बीते साल के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अहम वाक़यों की ओर इशारा किया और नए साल का नारा निर्धारित किया।
20/03/2024
अज़ीज़ मिल्लते ईरान की सेवा में ईदे नौरोज़ और नए साल की मुबारकबाद पेश करता हूँ जो इस साल रमज़ानुल मुबारक, दिलों की बहार और अध्यात्म की बहार के साथ आया है। मैं ख़ास तौर पर क़ुरबानियां देने वालों के परिवारों और नौरोज़ मनाने वाली सभी क़ौमों की सेवा में मुबारकबाद पेश करता हूं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024  
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। क़ुद्स दिवस और 11 फ़रवरी की रैलियों में अवाम की शानदार शिरकत, शांतिपूर्ण व पारदर्शी चुनाव और विदेशी मामलों में राजनैतिक व आर्थिक सतह पर सरकार की अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियां पिछले साल की मधुर घटनाएं रहीं। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
सन 1402 ज़िंदगी के दूसरे सभी बर्सों की तरह मिठास और कड़वाहट से भरा रहा। शहीद क़ासिम सुलैमानी की बर्सी के मौक़े पर किरमान की दुखद घटना, साल के अंतिम दिनों में बलोचिस्तान में बाढ़ कटु घटनाएं थीं और सबसे कटु घटना #ग़ज़ा का वाक़ेया था जो हमारे अंतर्राष्ट्रीय मसलों में से एक है। इस साल हमारे सामने इससे ज़्यादा कड़वा कोई वाक़ेया नहीं रहा। इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024
20/03/2024
हम ख़याल रखें कि अपने काम में, अपनी बातों में, अपने वादों में सच्चे रहें, ये चीज़ अमल से समझ में आती है, ज़िंदगी में होने वाले बदलाव से समझ में आती है।
20/03/2024
नौरोज़ पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़ाम जारी किया जिसमें नए साल का नारा निर्धारित किया।
20/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का सालाना ख़ेताब, जो हर साल पवित्र शहर मशहद में हुआ करता था, इस साल तेहरान में बुधवार 20 मार्च 2024 की शाम को इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हुआ, जिसमें अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के लोग शरीक हुए।
21/03/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने नए हिजरी शम्सी साल के पहले दिन बुधवार 20 मार्च की शाम को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में अवाम के मुख़्तलिफ़ तबक़ों के हज़ारों लोगों से मुलाक़ात की।
21/03/2024
आप बहुत देखते हैं ऐसे जवानों को जो दुनिया से चले जाते हैं। तो इस सफ़र की मंज़िल निश्चित नहीं है कि आप जो आगे बढ़ रहे हैं, आप का कहाँ तक आगे बढ़ना और कहाँ गिरना तय है।
21/03/2024
ग़ज़ा के वाक़यात ने दिखा दिया कि पश्चिम की यह तथाकथित सभ्य दुनिया जो मानवाधिकार की दावेदार है उसकी सोच और उसके अमल पर कैसी तारीकी छायी है। 30 हज़ार से ज़्यादा इंसान बच्चों से लेकर बूढ़ों तक छोटी सी मुद्दत में मार डाले जाते हैं और यह सभ्य दुनिया रोकना तो दूर मदद करती है।  इमाम ख़ामेनेई  20 मार्च 2024