ऐ अबूज़र! अल्लाह की इस तरह इबादत करो मानो तुम उसे आँखों से देख रहे हो, जान लो कि अल्लाह की इबादत का पहला स्तंभ ये है कि उसकी पाक हस्ती की पहचान हासिल करो, उसकी मारेफ़त पैदा करो।

कीवर्ड्ज़