12/06/2022
अमरीका से कड़े मुक़ाबले और #वेनेज़ोएला के ख़िलाफ़ बहुआयामी हाइब्रिड जंग में वेनेज़ोएला की सरकार और क़ौम की फ़तह और जनाब मादोरो और वेनेज़ोएला के अवाम का प्रतिरोध क़ीमती है। प्रतिरोध से क़ौम और नेताओं का क़द बढ़ता है। आज वेनेज़ोएला के बारे में अमरीका की निगाह अतीत से अलग है। इमाम ख़ामेनेई 11 जून 2022
12/06/2022
अमरीका के सख़्त दबाव और बहुआयामी जंग के मुक़ाबले के ईरान और वेनेज़ोएला के कामयाब अनुभव से साबित हुआ कि उनसे निपटने का रास्ता प्रतिरोध और दृढ़ता ही है। इमाम ख़ामेनेई 11 जून 2022
11/06/2022
दुनिया की बहुत सी मुसीबतें और मुश्किलें रईसाना ज़िंदगी और दिखावे के कारण हैं। दुनिया की दौलत का बड़ा हिस्सा हर जगह इन चीज़ों पर ख़र्च हो रहा है। #हज आपको सादा जीवन गुज़ारना सिखाता है। इमाम ख़ामेनेई 8 जून 2022
10/06/2022
आज दुनिया में इंसान की मुश्किलों की जड़ क्या है? यही कि उसे मिल जुल कर रहने का तरीक़ा नहीं आता। वे एक दूसरे पर ज़्यादती करते हैं। #हज मिल जुल कर जीना सिखाता है। हज में ऐसे लोग जो एक दूसरे से कोई पहचान नहीं रखते और जिनके कल्चर अलग हैं, एक साथ रहते हैं। इमाम ख़ामेनेई 8 जून 2022
09/06/2022
दो साल के फ़ासले से अल्लाह ने हज का दरवाज़ा दोबारा खोला, यह बड़ी ख़ुशख़बरी थी। यह अल्लाह की दावत है जिसने हाजियों के लिए रास्ता खोला। किसी शख़्स की मेहरबानी नहीं, यह आप मोहतरम हाजियों के शौक़ की अल्लाह की बारगाह में क़ुबूलियत का नतीजा है। इंशाअल्लाह आप बेहतरीन हज बजा लाएं। इमाम ख़ामेनेई 8 जून 2022
05/06/2022
इमाम ख़ुमैनी, इंक़ेलाबों के इतिहास के सबसे महान इंक़ेलाब के नेता थे। सबसे ‎महान क्यों? क्योंकि सबसे मशहूर इंक़ेलाबों में फ़्रांस का इंक़ेलाब और सोवियत ‎यूनियन का इंक़ेलाब था और दोनों ही बहुत जल्द अपने रास्ते से भटक गए, ‎उनमें अवाम का कोई किरदार बाक़ी नहीं रहा, उनका इक़ेलाब ख़त्म हो गया। ‎ इमाम ख़ामेनेई 4 जून 2022
01/06/2022
हमने और हमारे देश ने कभी भी किसी देश पर हमला नहीं करना चाहा और अब भी नहीं चाहते हैं लेकिन जब हम पर हमला कर दिया गया तो उसके बाद डिफ़ेंस एक ज़रूरी क़दम है जो सभी पर धार्मिक लेहाज़ से भी वाजिब है और अक़्ली लेहाज़ से भी। मैंने भी और सभी अधिकारियों ने भी अब तक बार बार इलाक़े की इन सरकारों से कहा है कि हम आपसे जंग करना नहीं चाहते। हम ऐसे नहीं हैं कि जब हमें ताक़त मिल जाए तो किसी दूसरे देश में ग़ुंडागर्दी से हस्तक्षेप करें। ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम इलाक़े के सबसे ताक़तवर देशों में से एक हैं और इस्लाम की बरकत से, हमारे इस देश और हमारे इस राष्ट्र के पास ऐसी ताक़त है कि बड़ी ताक़तें भी उस पर हमला नहीं कर सकतीं। लेकिन इसी के साथ हम चाहते हैं कि इन सभी इस्लामी देशों के साथ और ख़ास तौर पर उन देशों के साथ जो इलाक़े में हैं, भाई बन कर रहें। हम चाहते हैं कि वो सब एक दूसरे का हाथ थामें। इमाम ख़ुमैनी 25/7/1982
31/05/2022
इस्लामी गणराज्य #ईरान पाबंदियों के बावजूद अनेक मैदानों में अच्छी प्रगति करने में सफल रहा। अगर पाबंदियां न होतीं तो यह प्रगति भी हासिल न होती। क्योंकि पाबंदियों की वजह से हमने अपनी अंदरूनी क्षमताओं का सहारा लिया। इमाम ख़ामेनेई 30 मई 2022
27/05/2022
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम दौरे बनी उमैया के आख़िरी हिस्से में सूचना संचार के विशाल नेटवर्क का नेतृत्व कर रहे थे जिसका काम आल-ए-अली (अली अलैहिस्सलाम के वंशजों) की इमामत की तबलीग़ और इमामत के विषय की दुरुस्त तसवीर पेश करना था। इमाम ख़ामेनेई 11 जून 1979
26/05/2022
ईरान की इस्लामी जुमहूरियत ने दुनिया को कंट्रोल करने के विस्तारवादी सिस्टम के मंसूबों पर पानी फेर दिया। वर्चस्ववादी सिस्टम का अर्थ है कि कुछ विस्तारवादी देश हों और कुछ शोषण के शिकार। ईरान की इस्लामी जुमहूरियत ने इस क्रम को उलट पलट दिया। इसीलिए उस पर टूट पड़े हैं। इमाम ख़ामेनेई 25 मई 2022
24/05/2022
ज़ायोनी सरकार की सांसें उखड़ रही हैं लेकिन ‎इसके बावजूद उसके अपराधों का सिलसिला जारी ‎है और अपने हथियारों से मज़लूमों पर हमले कर ‎रही है। औरतों, बच्चों, बूढ़ों और जवानों सब को ‎क़त्ल कर रही है। इमाम ख़ामेनेई‎ 29 अप्रैल 2022‎
23/05/2022
जो नौजवान, इस्लाम की ख़िदमत की नीयत से पूरी रात जागता है, ख़ुद को ख़तरों में डालता है, संघर्ष करता है, उसके अमल की क़द्र व क़ीमत का अंदाज़ा हम नहीं लगा सकते कि कितनी है, उसका इनाम क्या है! क्या अल्लाह के अलावा किसी के बस की बात है कि उस अमल का बदला दे सके? क्या दुनिया और उसकी चमक-दमक, उस इंसान का इनाम हो सकती है जो अल्लाह के लिए उठ खड़ा हुआ है और जिसने अल्लाह के लिए ख़ुद को ख़तरे में डाला है? आप अल्लाह के लिए उठ खड़े हुए, आपने अल्लाह के लिए जेहाद किया और इन शा अल्लाह आख़िर तक अल्लाह के लिए जेहाद करते रहेंगे और इस आंदोलन को अल्लाह के लिए ही विजयी बनाएंगे। ये इलाही जज़्बा आपको, जीत के साहिल तक पहुँचाएगा। इमाम ख़ुमैनी 17 सितम्बर 1979
22/05/2022
फ़िलिस्तीन पर अवैध क़ब्ज़े के पूरे 70 साल के समय में ज़ायोनियों ने एक इंच ज़मीन भी बात-चीत के नतीजे में नहीं छोड़ी है। वार्ता की हैसियत क्या है? ज़ायोनी सिर्फ़ प्रतिरोध के नतीजे में पीछे हटे। पहली घटना, दक्षिणी लेबनान से पीछे हटने और फ़रार की थी। फ़िलिस्तीनियों को याद रखना चाहिए, फ़िलिस्तीनी जेहाद में शामिल संगठन याद रखें! कभी इस झांसे में न आएं कि ग़ज़्ज़ा की आज़ादी, बात-चीत के नतीजे में हुई है। बिल्कुल नहीं! वार्ता से ग़ज़्ज़ा को आज़ादी नहीं मिली। बात-चीत से कोई भी इलाक़ा आज़ाद नहीं हुआ और कभी भी इससे कोई इलाक़ा आज़ाद होने वाला नहीं है। ग़ज़्ज़ा को जिस चीज़ ने आज़ादी दिलाई, वह फ़िलिस्तीनी राष्ट्र का प्रतिरोध था। ज़ायोनी पीछे हटने पर मजबूर हो गए। इमाम ख़ामेनेई 19 अगस्त 2006
17/05/2022
हमारे और आपके कुछ पड़ोसी देशों के नेताओं का ज़ायोनी शासन के अधिकारियों के साथ उठना-बैठना है और वे साथ में बैठ कर कॉफ़ी पीते हैं। लेकिन इन्हीं मुल्कों के अवाम क़ुद्स दिवस पर सड़कों को अपनी भारी तादाद और ज़ायोनी विरोधी नारों से भर देते हैं। यही आज इलाक़े की सच्चाई है। सीरिया के राष्ट्रपति से मुलाक़ात में इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर इमाम ख़ामेनेई 08/05/2022
15/05/2022
ज़ायोनी सरकार की सांसें उखड़ रही हैं लेकिन इसके बावजूद उसके अपराधों का सिलसिला जारी है और अपने हथियारों से मज़लूमों पर हमले कर रही है। औरतों, बच्चों, बूढ़ों और जवानों सब को क़त्ल कर रही है। इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2022
12/05/2022
मज़दूर के सिलसिले में पूंजीवादी व्यवस्था की नज़र शोषण पर आधारित है। उनके नज़दीक मज़दूर दौलत कमाने का औज़ार है। पूंजीवादी व्यवस्था की यह सोच है और वे अपनी इस सोच को छिपाते भी नहीं। आर्थिक विषयों की उनकी किताबें आप देखिए तो इसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
11/05/2022
अंतर्राष्ट्रीय जंग में सीरिया को फ़तह दिलाने में कई कारण प्रभावी रहे। एक अहम वजह ख़ुद आप (जनाब बश्शार असद) का बुलंद हौसला था। इंशाअल्लाह आप इसी जज़्बे के साथ, जंग की तबाही के बाद पुनरनिर्माण का काम पूरा कीजिए क्योंकि अभी आपको बहुत बड़े काम अंजाम देने हैं। इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
10/05/2022
हम चाहते हैं कि अपने अज़ीज़ श्रमिकों का शुक्रिया अदा करें और पैग़म्बरे इस्लाम का अनुसरण करते हुए आप के हाथ चूमें और हमारी इच्छा है कि समाज में काम और मेहनत की अहमियत ज़ाहिर हो। इमाम ख़ामेनेई 8 मई 2022
07/05/2022
ख़ानदान और परिवार की बहस में बार बार महिला की भूमिका का ज़िक्र आता है। इसकी वजह भी ज़ाहिर है। घर के अंदर औरत की पोज़ीशन केन्द्रीय हैसियत रखती है। समाज को उसकी अहमियत का एहसास होना चाहिए। घरेलू महिलाओं के कामों की अहमियत का जायज़ा लिया जाना चाहिए। कुछ महिलाएं हैं जो बाहर जाकर नौकरी वग़ैरा कर सकती थीं। कुछ उच्च शिक्षा के लिए जा सकती थीं। कुछ के पास तो उच्च शिक्षा भी थी लेकिन उन्होंने कहा कि हमें बच्चों की परवरिश करनी है, तरबियत करनी है इसलिए हम काम के लिए नहीं निकले। इस तरह की महिलाओं की क़द्र की जानी चाहिए। यहां सज्जनों ने यह भी कहा कि इन महिलाओं का बीमा होना चाहिए। बेशक होना चाहिए। उनकी माली ज़रूरतें पूरी की जानी चाहिए, उनका बीमा और दूसरी ज़रूरतें पूरी होनी चाहिए। इमाम ख़ामेनेई 4 जनवरी 2012
04/05/2022
रमज़ान के महीने को इबादतों, रोज़ेदारी, दुआ, मुनाजात, इलतेजा और विनती की हालत में गुज़ारना और फिर ईदुल फ़ित्र के वातावरण में क़दम रखना एक मोमिन इंसान के लिए वास्तविक ईद है। यह ईद दुनिया के भौतिक उत्सवों जैसी नहीं है। यह अल्लाह की रहमत व बख़शिश की ईद है। इमाम ख़ामेनेई 4 नवम्बर 2022
03/05/2022
आज ईदे फ़ित्र है। अल्लाह से ईदी लेने का दिन है। वह दिन है कि जब ईदे फ़ित्र की नमाज़ के क़ुनूत में दसियों लाख भावुक दिलों ने अल्लाह से दुआ की है कि वही नेकियां जो उसने अपने सबसे महान बंदों को प्रदान की हैं, उन्हें भी प्रदान करे और जिन बुराइयों से उसने तारीख़ के सबसे श्रेष्ठ इंसानों को दूर रखा है, उनसे उन्हें भी दूर रखे। इमाम ख़ामेनेई 26 नवम्बर 2003
02/05/2022
हमारे नौजवानों ने इस महीने में जो नूर हासिल किया है इन्शाअल्लाह, वह उसकी हिफ़ाज़त करें। इस ख़ज़ाने को पूरी ज़िदंगी या कम से कम एक साल तक अगली ईद तक और अगले रमज़ान तक संभाल कर रखें। क़ुरआने मजीद से लगाव, अल्लाह की याद , उसके ज़िक्र को, अल्लाह की पसंद के मैदानों में काम इन सब को हमें संभाल कर रखना चाहिए।
02/05/2022
रमज़ान के महीने में दिल नर्म हो जाता है, रूह पर चमक आ जाती है और जब यह मुबारक महीना ख़त्म हो जाता है तो नए साल की शुरुआत का दिन ईदे फ़ित्र का दिन आता है। यानी वह दिन जब इंसान रमज़ान के महीने की बरकतों की मदद से सत्य के रास्ते पर सफ़र करे और ग़लत रास्तों से बचे। इमाम ख़ामेनेई 2 मार्च 1995
02/05/2022
ज़ायोनी हुकूमत सियासी और फ़ौजी मैदानों में एक दूसरे से जुड़ी मुश्किलों के जाल में फंसी हाथ पैर मार रही है। हुकूमत चलाने वाला पिछला जल्लाद, सैफ़ुलक़ुद्स आप्रेशन के बाद कूड़ेदान में गया, उसकी जगह लेने वाले ओहदेदार भी हर वक़्त किसी नए आप्रेशन के डर में जी रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 29 अप्रैल 2022
02/05/2022
रोज़ेदार मोमिन इंसान शबे क़द्र से नए साल का आग़ाज़ करता है। शबे क़द्र में अल्लाह के फ़रिश्तों की तरफ़ से एक साल के लिए उसकी तक़दीर लिखी जाती है। इंसान एक नए साल में, नए चरण में और दर हक़ीक़त एक नई ज़िंदगी में और नए जन्म में प्रवेश करता है। ईदे फ़ित्र की नमाज़ एक तरह से रमज़ान के महीने में प्राप्त होने वाली अल्लाह की नेमतों का शुक्रिया है। इमाम ख़ामेनेई 20 सितम्बर 2009
01/05/2022
रमज़ान की अलविदाई दुआ में इमाम ज़ैनुलआबेदीन अलैहिस्सलाम कहते हैं कि तूने शुक्र करने की बात शुक्र करने वालों के दिलों में डाली है। तूने अपनी हम्द करने वालों को इनाम दिया जबकि हम्द की बात भी तूने ही उन के दिल में डाली।
01/05/2022
ज़ायोनी शासन के विपरीत इस्लामिक रेज़िस्टेंस फ़्रंट की ताक़त में लगातार इज़ाफ़ा रौशन मुस्तक़बिल ‎की ख़ुशख़बरी दे रहा है। सामरिक और रक्षा ताक़त में इज़ाफ़ा, उपयोगी हथियार बनाने में ‎आत्मनिर्भरता, मुजाहिदीन में आत्म विश्वास, नौजवानों में दिन ब दिन बढ़ती जागरूकता, पूरे ‎फिलिस्तीन और उस से बाहर प्रतिरोध का फैलता दायरा, मस्जिदुल अक़्सा की रक्षा में मुसलमानों का ‎हालिया आंदोलन, अटल सच्चाई है। ‎इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
30/04/2022
रमज़ान की अलविदाई दुआ में इमाम ज़ैनुलआबेदीन (अ.स.) कहते हैं कि तूने इस दरवाज़े को खोला है हमारे लिए ताकि हम उससे गुज़र कर तेरी रहमत की तरफ़ बढ़ें  और तेरी रहमतों और बख़्शिश से फ़ायदा उठाएं। यह दरवाज़ा तौबा का दरवाज़ा है। ख़ुदा की मग़फेरत की तरफ़ एक खिड़की है। अगर ख़ुदा अपने बंदों के लिए तौबा का दरवाज़ा नहीं खोलता तो हम गुनहगारों की हालत बहुत ख़राब होती।
30/04/2022
पूरी दुनिया के मुस्लिम भाईयों और बहनों को सलाम! इस्लामी दुनिया के सभी नौजवानों को सलाम! सलाम हो, फ़िलिस्तीन के बहादुर और ग़ैरतमंद नौजवानों पर! सलाम हो #फ़िलिस्तीन के अवाम पर! इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021
30/04/2022
ज़ायोनी दुश्मन हर साल पिछले साल की तुलना में ज़्यादा कमज़ोर हुआ है। उसकी फ़ौज जो ख़ुद को ‎नाक़ाबिले शिकस्त बताती थी, आज लेबनान में 33 दिन और ग़ज़्ज़ा में 22 दिन और 8 दिन की ‎जंगों में शिकस्त खाकर एक ऐसी फ़ौज बन कर रह गई है जो कभी कामयाबी का मुंह नहीं देख ‎सकती। इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
29/04/2022
परवरदिगार! रमज़ान की रातें गुज़र गयीं, रमज़ान के दिन बीत गये और हमें यह भी नहीं मालूम कि इन गुज़र जाने वाली रातों और बीत जाने वाले दिनों में हम अपने वजूद को तेरी रहमतों से सजा पाए या नहीं।  "अगर अब तक तक हम तुझे खुश करने में कामयाब नहीं हुए तो हमारी गुज़ारिश है कि अब हम से राज़ी हो जा।"
29/04/2022
फ़िलिस्तीनी चाहे ग़ज़्ज़ा में हों, क़ुद्स में हों, वेस्ट बैंक के इलाक़े में हों, चाहे 1948 में ग़ैर क़ानूनी क़ब्ज़े ‎में लिए गए इलाक़ों में हों, चाहे कैम्पों में हों, सब एक सामाजिक इकाई हैं। उन्हें एक दूसरे से जुड़े ‎रहने की स्ट्रैटेजी अपनानी चाहिए। हर इलाक़े को दूसरे इलाक़े की हिफ़ाज़त करनी चाहिए और उन ‎पर दबाव की हालत में उन सभी संसाधनों को इस्तेमाल करना चाहिए जो उनके पास हैं।
28/04/2022
दुआ, ख़ुदा के सामने बंदगी की निशानी है और इसका मक़सद, इन्सान में इबादत के जज़्बे को मज़बूत करना है। ख़ुदा के सामने उसका बंदा होने का एहसास और उसकी इबादत का जज़्बा, वही चीज़ है जिसके लिए तमाम नबियों ने कोशिश की है। उनकी कोशिश रही है कि इन्सानों के अंदर इस जज़्बे को ज़िन्दा किया जाए, इन्सान की सभी ख़ूबियों और उसके सभी अच्छे कामों की जड़, अल्लाह के सामने बंदगी का एहसास है।
28/04/2022
क़ुद्स शरीफ़ के मुद्दे पर मुसलमानों में सहयोग और समन्वय से ज़ायोनी दुश्मन और उसके समर्थक ‎अमरीका और यूरोप घबराए हुए हैं। सेंचुरी डील की नाकामी और उसके बाद क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार ‎के साथ कुछ कमज़ोर अरब सरकारों के रिश्ते, इस दहशत से फ़रार की नाकाम कोशिश है। इमाम ख़ामेनेई 7 मई सन 2021‎
27/04/2022
  दुनिया नए वर्ल्ड आर्डर की दहलीज़ पर खड़ी है। दो ध्रुवीय और एक ध्रुवीय व्यवस्था के मुक़ाबले में नया वर्ल्ड ‎आर्डर। #यूक्रेन की जंग का गहराई से जायज़ा लेना चाहिए। यह जंग केवल एक देश पर हमला नहीं, इस कार्यवाही ‎की जड़ें गहरी हैं और पेचीदा और कठिन भविष्य का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। ‎इमाम ख़ामेनेई 26 अप्रैल 2022
27/04/2022
नए संभावित वर्ल्ड आर्डर के वक़्त इस्लामी मुल्क ईरान और सभी देशों को ‎चाहिए कि इस नए वर्ल्ड आर्डर में इस अंदाज़ से अपना वैचारिक और व्यवहारिक ‎रोल अदा करें कि अपने राष्ट्रीय हितों और सुरक्षा की हिफ़ाज़त कर सकें। इस ‎सिलसिले में सबसे ज़्यादा ज़िम्मेदारी छात्रों की है। इमाम ख़ामेनेई 26 अप्रैल 2022
27/04/2022
इस साल #क़ुद्स_दिवस पिछले बर्सों से अलग है। पिछले ‎रमज़ान और इस साल रमज़ान के महीने में फ़िलिस्तीनियों ने ‎बड़ी क़ुरबानियां दीं और दे रहे हैं। ज़ायोनी हुकूमत भी जुर्म की ‎हदें पार कर रही है और अमरीका व यूरोप उसकी मदद कर रहे ‎हैं। ‎इमाम ख़ामेनेई 26 अप्रैल 2022
27/04/2022
इस्लामी जुम्हूरिया ईरान में हमारे लिए फ़िलिस्तीन का मामला, एक स्ट्रैटजिक मामला नहीं बल्कि यह हमारे ईमान, दिल और अक़ीदे का मामला है। क़ुद्स डे पर और हर साल रमज़ान के आख़िरी जुमे को जिसे इमाम ख़ुमैनी ने क़ुद्स दिवस कहा है, मुल्क के सभी शहरों में लोग सड़कों पर उतरते हैं। गर्मी हो, सर्दी हो कोई फ़र्क़ नहीं, लोग सड़कों पर आकर अपना लगाव ज़ाहिर करते हैं।
26/04/2022
दिल सिर्फ़ नमाज़, दुआओं और अल्लाह की याद से पाक होता है। अगर कोई यह समझता है कि इन चीज़ों के बिना ही वह अपने दिल को पाकीज़ा बना सकता है तो वह बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में है। आधी रातों को रोने से, ग़ौर के साथ क़ुरआन पढ़ने से , सहीफ़ए सज्जादिया की दुआएं पढ़ने से इन्सान का दिल पाकीज़ा बनता है। यह नहीं होता कि हम कहें कि जनाब जाइए अपना दिल साफ़ करके आइए फिर जो जी में आए कीजिए।
25/04/2022
किसी मुस्लिम देश के लिए यह गर्व की बात नहीं है कि अमरीकी राष्ट्रपति खुलेआम ‎कहे: ”हम उसे दूध देने वाली गाय समझते हैं!”‎अमरीका के राष्ट्रपति ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हम सऊदी अरब को ‎दूध देने वाली गाय समझते हैं। ‎किसी हुकूमत और किसी भी राष्ट्र का इससे ज़्यादा क्या अपमान होगा?! उसका ‎पैसा भी ले लें और फिर उसे दूध देने वाली गाय कहें और उसका अपमान करें! ‎इमाम ख़ामेनेई 14 अप्रैल 2018‎‎