पहलवी हुकूमत ने अमरीका की ग़ुलामी में उस ज़माने में संसद से क़ानून पास करवा दिया कि ‎अमरीकी सलाहकारों को ईरान में अदालती और सेक्युरिटी इम्युनिटी हासिल रहेगी। इसका नाम ‎कैपीचुलेशन है।‏ ‏ख़ुद अमरीकियों की नज़र में बक़ौल उनके तीसरी दुनिया के मुल्कों के साथ उनका रिश्ता राजा और ‎प्रजा का रिश्ता है। इन मुल्कों में वो ख़ुद को हर चीज़ का मालिक समझते हैं। तेल, गैस, मुनाफ़ा, पैसा सब कुछ ‎हड़प लेते हैं और क़ौमों की बुरी तरह तौहीन करते हैं। ‎इमाम ख़ामेनेई ‎3 नवम्बर 2010‎