कितने ख़ुशनसीब हैं वे लोग जो अरबईन मार्च में शामिल हैं और ज़ियारते अरबईन का शरफ़ हासिल करेंगे और अरबईन के दिन इमाम हुसैन को मुख़ातिब करके अज़ीम मज़मून रखने वाली यह ज़ियारत पढ़ेगे। हम यहां शौक़ व हसरत से इन क़दमों को देख रहे हैं। इमाम ख़ामेनेई 6 नवम्बर 2017 |  जो लोग यह सफ़र तय कर रहे हैं और यह आशेक़ाना और मोमेनाना अमल अंजाम दे रहे हैं वे वाक़ई नेक अमल अंजाम दे रहे हैं। यह यक़ीनन शआयरुल्लाह में शामिल है। हम जैसे लोग जो इस अमल से महरूम हैं, मुनासिब है कि यह जुमला दोहराएं, "काश हम आपके साथ होते तो हम भी अज़ीम कामयाबी हासिल करते।" इमाम ख़ामेनेई 30 दिसम्बर 2015