रहबरे इंक़ेलाब ने क़ुरआन की तौहीन के वाक़यात को साम्राज्यवाद की इस्लाम से गहरी दुश्मनी की निशानी क़रार दिया और दुनिया के सभी आज़ाद इंसानों को पवित्र चीज़ों और अक़ीदों की तौहीन करने और नफ़रत फैलाने की घटिया नीति का मुक़ाबला करने की दावत दी।

क़ुरआन की तौहीन के वाक़यात पर ट्वीट के रूप में सामने आने वाला आयतुल्लाह ख़ामेनेई का स्टैंड इस तरह हैः

आज़ादी के नाम पर क़ुरआन की तौहीन की जुनूनी हरकत बताती है कि साम्राज्यवाद के निशाने पर इस्लाम व क़ुरआन है। साम्राज्यवादी साज़िश के बावजूद क़ुरआन अधिक प्रकाशमय हुआ और भविष्य इस्लाम का है। मुसलमानों के साथ दुनिया के आज़ाद इंसान भी तौहीन और नफ़रत की घटिया सियासत का मुक़ाबला करें।