भविष्य अगर किसी का है तो वह इस्लाम का है, क़ुरआन का है, आप ईमान से सजे हुए नौजवानों का है, भविष्य आप मोमिन नौजवानों का है। “और अल्लाह से बढ़कर कौन बात का सच्चा है” (सूरए निसा, आयत-122) कौन है जो भविष्य के बारे में अल्लाह से ज़्यादा जानता है?!! अल्लाह ने फ़रमाया है कि भविष्य तो मोमिनों का है, नेक बंदों का है, अल्लाह की राह में संघर्ष करने वालों का है, इसमें कोई शक नहीं। यह अल्लाह का वादा है। अब अगर इसके बाद भी कोई शक और वसवसे का शिकार है, अल्लाह के इन वादों की ओर से इत्मेनान नहीं हो रहा है, सुकून नहीं मिल रहा है, तो तजुर्बे से उसके दिल को सुकून मिल जाना चाहिए। मैं यह बात बार बार कह चुका हूं और इस पर दिल की गहराई से मेरा ईमान भी है कि अगर हमसे कोई भी वादा न किया गया होता तब भी पिछले तीस-चालीस साल से ईरानी क़ौम ने जो तजुर्बे हासिल किए हैं, उनसे भी यह यक़ीन आ जाना चाहिए कि भविष्य इस क़ौम का है, उसे यक़ीन आ जाना चाहिए था कि फ़तह उसकी होगी।
इमाम ख़ामेनेई
27/05/2017