निश्चित रूप से कुछ बरस बाद देश के परमाणु बिजलीघर, देशों में ऊर्जा के सबसे अहम स्रोतों में से एक होंगे। जिस दिन तेल ख़त्म हुआ या तेल के लिए कुछ दूसरी संभावनाएं पैदा हो गईं, उस दिन परमाणु बिजलीघर जो अधिक स्वस्थ, अधिक साफ़ और ज़्यादा सस्ते हैं, देशों में प्रचलित हो जाएंगे। हमें उस दिन ज़रूरत होगी, यूरेनियम का संवर्धन उस दिन शुरू नहीं किया जा सकता, आज ही से शुरू करना चाहिए ताकि हमारी तैयारी रहे, संभावना रहे और वे यही नहीं चाहते, साम्राज्यवादी पश्चिमी यह नहीं चाहते।
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هُوَ الَّذِي أَرْسَلَ رَسُولَهُ بِالْهُدَىٰ وَدِينِ الْحَقِّ لِيُظْهِرَهُ عَلَى الدِّينِ كُلِّهِ وَكَفَىٰ بِاللَّهِ شَهِيدًا (الفتح 29)
वह वही तो है जिसने अपने रसूल को हिदायत और सच्चा दीन देकर भेजा ताकि उसको तमाम दीनों पर ग़ालिब रखे और गवाही के लिए तो बस ख़ुदा ही काफ़ी है। सूरा अलफ़त्ह आयत 29