rss https://hindi.khamenei.ir/feed/service/13524 hi इमाम महदी पर अक़ीदा और उनके ज़ाहिर होने की निशानियां https://hindi.khamenei.ir/news/8303 इतिहास में बहुत से दावेदार पैदा हुए हैं। ये दावेदार किसी एक निशानी को अपने ऊपर या किसी और पर मैच कर लेते थे। यह पूरी तरह ग़लत है। कुछ बातें जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम के ज़ाहिर होने की निशानी के तौर पर बयान की जाती हैं, निश्चित नहीं हैं। यह ऐसी बातें हैं जिनका भरोसेमंद रवायतों में ज़िक्र नहीं मिलता। कमज़ोर रवायतों में ज़िक्र ज़रूर मिलता है इसलिए उनको माना नहीं जा सकता। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011 Fri, 15 Nov 2024 10:41:00 +0330 .. /news/8303 इंतेज़ार के मसले में जाहेलाना बातों से परहेज़ किया जाए  https://hindi.khamenei.ir/news/8291 इंतेज़ार के मसले में बहुत बारीकी के साथ साइंटिफ़िक तरीक़े से काम करने की ज़रूरत है। इस सिलसिले में प्रचलित जाहेलाना बातों से सख़्ती से परहेज़ करना चाहिए क्योंकि इन बातों से इमाम महदी होने का झूठा दावा करने वालों के लिए रास्ता समतल होता है।  इमाम ख़ामेनेई  09/07/2011 Fri, 08 Nov 2024 12:52:00 +0330 .. /news/8291 अंतर्राष्ट्रीय संगठन ज़ायोनी शासन के सिलसिले में कोताही कर रहे हैं https://hindi.khamenei.ir/news/8278 मनहूस और दुष्ट ज़ायोनी सरकार के सिलसिले में दुनिया में एक बड़ी कोताही हो रही है। सरकारें, क़ौमें ख़ास तौर पर सरकारें, यूएन वग़ैरह जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन हक़ीक़त में ज़ायोनी शासन से मुक़ाबला करने के सिलसिले में कोताही कर रहे हैं। यह कृत्य जो ज़ायोनी शासन ने ग़ज़ा में किया और कर रहा है, जो कुछ उसने लेबनान में किया और कर रहा है, सबसे बर्बर युद्ध अपराध हैं। Tue, 05 Nov 2024 09:33:00 +0330 .. /news/8278 जंग के भी कुछ उसूल और सीमाएं हैं https://hindi.khamenei.ir/news/8275 जंग के भी कुछ नियम व उसूल हैं, कुछ सीमाएं हैं। ऐसा नहीं है कि जब कोई किसी से जंग कर रहा है तो वह इन सभी सीमाओं को पैरों तले कुचल दे। Mon, 04 Nov 2024 09:13:00 +0330 .. /news/8275 दिमाग़ में आने वाली हर बात को सोशल मीडिया पर डालना ग़लत है https://hindi.khamenei.ir/news/8270 हर चीज़ को जो कुछ भी किसी शख़्स के दिमाग़ में आए, उसे साइबर स्पेस पर नहीं डालना चाहिए, आप देखिए कि उसका असर क्या है, देखिए लोगों पर, लोगों की सोच पर, लोगों के जज़्बात पर उसका क्या असर होता है। Sun, 03 Nov 2024 12:22:00 +0330 .. /news/8270 लोगों में शक और डर पैदा करना अस्वीकार्य है https://hindi.khamenei.ir/news/8263 कुछ लोग अपनी ख़बर से, अपनी टिप्पणी से, घटनाओं के संबंध में अपनी समीक्षा से लोगों में शक पैदा कर देते हैं, डर पैदा कर देते हैं, यह चीज़ अल्लाह की नज़र में अस्वीकार्य है; इस संदर्भ में क़ुरआन का स्टैंड बहुत ठोस है, क़ुरआन इस बारे में साफ़ तौर पर कहता हैः "अगर मुनाफ़ेक़ीन और वे लोग जिनके दिलों में बीमारी है और मदीना में अफ़वाहें फैलाने वाली (अपनी हरकतों से) बाज़ न आए..." (सूरए अहज़ाब, आयत-60) "मुर्जेफ़ून" यही लोग हैं। मुर्जेफ़ून यानी वे लोग जो लोगों के दिलों में बेचैनी पैदा करते हैं, डर पैदा करते हैं। अगर इन लोगों ने यह हरकतें बंद न कीं तो अल्लाह पैग़म्बर से फ़रमाता हैः "तो हम आपको उनके ख़िलाफ़ हरकत में ले आएंगे..."(सूरए अहज़ाब, आयत-60) तो हम आपको हुक्म देंगे कि आप जाकर उन्हें सज़ा दें। Sat, 02 Nov 2024 09:01:00 +0330 .. /news/8263 इंतेज़ार के लिए ज़रूरी है कि लगातार तरक़्क़ी जारी रहे https://hindi.khamenei.ir/news/8261 इंतेज़ार की हक़ीक़त में एक और ख़ुसूसियत शामिल कर दी गयी है और वह ख़ुसूसियत यह है कि इंसान मौजूदा स्थिति को काफ़ी न समझे बल्कि दिन ब दिन उसमें इज़ाफ़ा, उन हक़ीक़तों और आत्मिक ख़ूबियों को अपने भीतर और समाज के स्तर पर लागू करने की कोशिश करे। यह इंतेज़ार की ज़रूरी शर्त है। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011 Fri, 01 Nov 2024 08:47:00 +0330 .. /news/8261 यह सोचना ग़लत है कि अगर मुल्क को शांत रखना है तो उसे कमज़ोर रखा जाए https://hindi.khamenei.ir/news/8260 कुछ लोग समीक्षाओं में, मसले को अजीब तरह से देखते हुए यह सोचते हैं कि अगर हम चाहते हैं कि मुल्क, सुरक्षित रहे तो हमें बड़ी ताक़तों को नाराज़ करने वाले उपकरणों के क़रीब नहीं जाना चाहिए; मिसाल के तौर पर "क्या ज़रूरी है कि हमारे पास फ़ुलां रेंज का मीज़ाइल हो कि वे लोग संवेदनशील हो जाएं!" वे सोचते हैं कि इस तरह इस शक्ल में वे मुल्क को सुरक्षित बना सकते हैं, मतलब यह है कि अस्ल में वे यूं सोचते हैं कि अगर आप चाहते हैं कि अमन में रहें तो कमज़ोर रहिए, अपने लिए ताक़त के साधन मुहैया न कीजिए, कुछ लोग इस तरह से सोचते हैं; यह ग़लत है। Fri, 01 Nov 2024 08:35:00 +0330 .. /news/8260 सुरक्षा मुसलमानों के लिए अज़ीम नेमत है https://hindi.khamenei.ir/news/8259 आप क़ुरआन मजीद पढ़िए, सुरक्षा के विषय को अल्लाह इतना ऊपर ले आता है कि इसे मुसलमानों को बहुत बड़ी नेमत के तौर पर याद दिलाता हैः "तो उनको चाहिए कि इस घर (ख़ानए काबा) के परवरदिगार की इबादत करें। जिसने उनको भूख में खाने को दिया और ख़ौफ़ में अमन अता किया।" (सूरए क़ुरैश, आयत-3 और 4) यानी उस अल्लाह की इबादत करो जिसने तुम्हे ये बड़ी नेमतें दी हैं, उसने तुम्हें सुरक्षा दी है, तुम्हारे लिए अमन से भरी सुरक्षित ज़िंदगी गुज़ारने का अवसर मुहैया किया है। Thu, 31 Oct 2024 10:44:00 +0330 .. /news/8259 अगर सचमुच इंतेज़ार कर रहे हैं तो...  https://hindi.khamenei.ir/news/8241 इंतेज़ार का तक़ाज़ा यह है कि इंसान ख़ुद को उसी हालत में ढाले और वही अख़लाक़ व अंदाज़ अख़्तियार करे जो उस ज़माने के लिए मुनासिब है जिसका उसे इंतेज़ार है। हमें चाहिए कि न्याय को सपोर्ट करें, ख़ुद को हक़ के सामने समर्पित रहने के लिए तैयार करें। इंतेज़ार इस तरह की हालत पैदा कर देता है।   इमाम ख़ामेनेई  09/07/2011 Fri, 25 Oct 2024 10:03:00 +0330 .. /news/8241 हम निष्ठावान मुजाहिदों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे https://hindi.khamenei.ir/news/8221 हम अल्लाह की मदद और तौफ़ीक़ से हमेशा की तरह निष्ठावान मुजाहिदों और जांबाज़ों के कांधे से कांधा मिलाए खड़े रहेंगे। Sun, 20 Oct 2024 16:39:00 +0330 .. /news/8221 यहया सिनवार के लिए शहादत ही मुनासिब अंजाम था https://hindi.khamenei.ir/news/8220 यहया सिनवार जैसा इंसान जिसने अपनी पूरी ज़िंदगी क़ाबिज़ व ज़ालिम दुश्मन के ख़िलाफ़ संघर्ष में बितायी, उसके लिए शहादत के अलावा कोई अंजाम मुनासिब नहीं था। Sun, 20 Oct 2024 15:07:00 +0330 .. /news/8220 मुजाहिद हीरो, सिनवार शहीद साथियों से जा मिले https://hindi.khamenei.ir/news/8218 वह रेज़िस्टेंस और जेहाद का चमकता चेहरा थे जो फ़ौलादी इरादे के साथ ज़ालिम व हमलावर दुश्मन के मुक़ाबले में डटे रहे, युक्तिपूर्ण कोशिशों और बहादुरी से उसके मुंह पर तमांचा मारा, इस क्षेत्र के इतिहास में 7 अक्तूबर जैसा वार यादगार के तौर पर छोड़ा, जिसकी भरपाई नामुमकिन है। Sun, 20 Oct 2024 12:27:00 +0330 .. /news/8218 हमास ज़िंदा है और ज़िंदा रहेगा https://hindi.khamenei.ir/news/8216 शैख़ अहमद यासीन, फ़त्ही शक़ाक़ी, रन्तीसी और इस्माईल हनीया जैसी प्रतिष्ठित हस्तियों की शहादत के बाद इस मोर्चे की प्रगति में कोई रुकावट नहीं आयी तो सिनवार की शहादत से भी इंशाअल्लाह तनिक भी रुकावट नहीं आएगी। Sun, 20 Oct 2024 09:23:00 +0330 .. /news/8216 इमाम महदी के ज़ाहिर होने का अक़ीदा सभी मतों में मौजूद है https://hindi.khamenei.ir/news/8205 इस्लाम में इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित अक़ीदा पूरी तरह मान्य अक़ीदों में है। सभी इस्लामी मतों का यह मानना है कि अंततः दुनिया में इमाम महदी के हाथों न्याय व इंसाफ़ का राज क़ायम होगा। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011 Fri, 11 Oct 2024 08:58:00 +0330 .. /news/8205 किस जुर्म में उन्हें क़त्ल किया गया... https://hindi.khamenei.ir/news/8204 अक्तूबर 2023 से ज़ायोनी सरकार ने ग़ज़ा में जातीय सफ़ाए की जंग में 16800 से ज़्यादा बच्चों को क़त्ल किया है। कल्पना से परे यह जुर्म, भेड़िया समान, बच्चों की हत्यारी ज़ायोनी सरकार की अस्लियत है कि जिसका हल उसका विनाश और अंत है। इमाम ख़ामेनेई 23 जुलाई 2014 Wed, 09 Oct 2024 16:15:00 +0330 .. /news/8204 किस जुर्म में क़त्ल किए गए... https://hindi.khamenei.ir/news/8202 अक्तूबर 2023 से ज़ायोनी सरकार ने ग़ज़ा में रोज़ाना अवसतन 45 से ज़्यादा बच्चों का क़त्ल किया है। कल्पना से परे यह जुर्म, भेड़िया समान, बच्चों की हत्यारी ज़ायोनी सरकार की अस्लियत है कि जिसका हल उसका विनाश और अंत है। इमाम ख़ामेनेई 23 जुलाई 2014   Tue, 08 Oct 2024 19:11:00 +0330 .. /news/8202 ज़ायोनी सरकार ने अमरीका की मदद से बमुश्किल अपना वजूद बचा रखा है। https://hindi.khamenei.ir/news/8192 ज़ायोनी सरकार ने अमरीका की मदद से बमुश्किल अपना वजूद बचा रखा है। इमाम ख़ामेनेई 4 अक्तूबर 2024 Fri, 04 Oct 2024 19:55:00 +0330 .. /news/8192 अगर इमाम महदी के ज़ाहिर होने का अक़ीदा न होता तो पैग़म्बरों का संघर्ष बेकार हो जाता https://hindi.khamenei.ir/news/8189 अगर इमाम महदी के प्रकट होने का अक़ीदा न हो तो इसका मतलब यह होगा कि पैग़म्बरों की सारी कोशिशें, यह सत्य की ओर दावत, ये पैग़म्बरों का भेजा जाना, ये सबके सब बेकार की कोशिश थी, बेफ़ायदा थी। इमाम ख़ामेनेई 09/07/2011 Fri, 04 Oct 2024 10:42:00 +0330 .. /news/8189 ख़ुदा की तरफ से मदद मिलेगी और अनक़रीब फ़तह होगी। https://hindi.khamenei.ir/news/8177 ख़ुदा की तरफ से मदद मिलेगी और अनक़रीब फ़तह होगी। सूरए सफ़, आयत 13 Tue, 01 Oct 2024 23:16:00 +0330 .. /news/8177 ज़ायोनी पागल कुत्ते की हैवानियत फिर सबके सामने आ गई https://hindi.khamenei.ir/news/8169 लेबनान के निहत्थे लोगों के जनसंहार ने जहाँ एक बार फिर ज़ायोनी पागल कुत्ते की हैवानियत को सबके सामने स्पष्ट कर दिया है, वहीं इससे अवैध क़ब्ज़े वाली सरकार के शासकों की छोटी सोच और मूर्खतापूर्ण नीति भी साबित हो गई है। Sat, 28 Sep 2024 18:34:00 +0330 .. /news/8169 हमें कोई ख़बर नहीं है, हमारा कोई रोल नहीं है। https://hindi.khamenei.ir/news/8167 (लेबनान और फ़िलिस्तीन की) इस जंग में भी काफ़िर और ख़बीस (ज़ायोनी) दुश्मन सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस है। अमेरिका उसकी पीठ पर है। अमेरिकी कहते हैं कि हमारा कोई दख़ल नहीं है, हमें ख़बर नहीं है, वे झूठ बोलते हैं। उन्हें ख़बर भी है और वे दख़ल भी दे रहे हैं। 25 सितम्बर 2024 Fri, 27 Sep 2024 11:13:00 +0330 .. /news/8167 इमाम महदी के ज़ाहिर होने के ज़माने में उच्च पाकीज़ा लक्ष्यों की ओर सफ़र आसान होगा https://hindi.khamenei.ir/news/8166 इंसानियत ने इन गुज़री हुयी सदियों के दौरान पैग़म्बरों की शिक्षाओं के प्रभाव में जो कुछ किया है वह हक़ीक़त में उस राजमार्ग की ओर बढ़ने की कोशिश है जो इमाम महदी अलैहिस्सलाम -अल्लाह उन्हें जल्द से जल्द ज़ाहिर करे- के ज़ाहिर होने के ज़माने में इंसानियत को उच्च लक्ष्यों की ओर ले जाएगी। इमाम ख़ामेनेई 09-07-2011 Fri, 27 Sep 2024 09:38:00 +0330 .. /news/8166 अपराधी गैंग की रक्त धमनी काट दी जाए https://hindi.khamenei.ir/news/8158 आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने मुल्क के आला अधिकारियों, विदेशी राजदूतों और इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में भाग लेने वालों से मुलाक़ात में, 21 सितम्बर 2024 को ज़ायोनी सरकार के अपराधों की ओर इशारा करते हुए इस्लामी जगत की ओर से फ़िलिस्तीनी क़ौम के प्रति मौजूदा सपोर्ट के अनेक पहलूओं का ज़िक्र किया, जिन्हें इन्फ़ोग्राफ़ में पेश किया जा रहा है। Wed, 25 Sep 2024 10:07:00 +0330 .. /news/8158 क़ुरआन की रौशनी में: फ़ौजी तैयारी की कोई हद नहीं है https://hindi.khamenei.ir/news/8155 ‘एदाद’ का मतलब अपनी क्षमता के मुताबिक़ तैयारी रखना, यानी किसी भी सीमा को काफ़ी न समझना, जिस क़द्र मुमकिन है यह तैयारी बढ़ाते रहिए। Tue, 24 Sep 2024 12:40:00 +0330 .. /news/8155