rss https://hindi.khamenei.ir/feed/service/13516 hi बिना औचित्य का और ग़ैर क़ानूनी https://hindi.khamenei.ir/news/9162 अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के बोर्ड ऑफ़ गवर्नर्ज़ ने शुक्रवार को वियना में आयोजित अपनी बैठक में योरोपीय ट्रॉयका और अमरीका की ओर से ईरान के परमाणु प्रतिष्ठान के बारे में पेश किए गए प्रस्ताव को वोटिंग के लिए पेश किया। Sat, 22 Nov 2025 17:30:00 +0330 .. /news/9162 नए वेस्ट एशिया से ग्रेटर इस्राईल तक; वर्चस्व के मॉडल और मुक़ाबले की रणनीति पर एक नज़र https://hindi.khamenei.ir/news/9161 "ग्रेटर इस्राईल" अब कट्टरपंथी ज़ायोनियों के चुनावी अभियानों में केवल एक धार्मिक मान्यता या वैचारिक आकांक्षा मात्र नहीं रह गया है, बल्कि व्यवहार में यह एक भू-राजनीतिक परियोजना बन गया है। इस विचार की लालची, नाजायज़ क़ब्ज़ा करने वाली और नस्लवादी प्रवृत्ति, जिसने अरब दुनिया और इस्लामी समुदायों की सुरक्षा, संप्रभुता और क्षेत्रीय संरचना को निशाना बनाया है, ऐसी है कि अगर इसके पहलुओं को खोलकर समझाया जाए, तो ज़ायोनीवाद की प्रवृत्ति और क्षेत्र और इस्लामी जगत के भविष्य के लिए पश्चिमी सभ्यता की साज़िश को उजागर करने में यह एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसीलिए, ज़ायोनी शासन के नेता क्षेत्रीय नई व्यवस्था, न्यू मिडिल ईस्ट, सामान्यीकरण जैसे कानूनी, सुरक्षा के पहलूओं पर आधारित और लोकप्रिय शब्दों के साथ इस अर्थ को बदलने की कोशिश करते हैं। Sat, 22 Nov 2025 14:25:00 +0330 .. /news/9161 हज़रत ज़हरा की बरकतों से भरी ज़िंदगी के कुछ पहलू https://hindi.khamenei.ir/news/9152 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा की ज़िंदगी के संबंध में सटीक पहचान होनी चाहिए, उनकी ज़िंदगी को नई नज़र से देखना चाहिए, पहचानना चाहिए और सही मानी में आदर्श क़रार देना चाहिए। 19 अप्रैल 2014, उनकी शख़्सियत ठीक जवानी में सभी ग़ैरतमंद, मोमिन और मुसलमान मर्दों और औरतों यहाँ तक कि ग़ैर मुसलमानों के लिए भी जो उनके दर्जे को पहचानते हैं, आदर्श है; हमें इस महान हस्ती की ज़िंदगी से सीखना चाहिए।(13 दिसम्बर 1989) Thu, 20 Nov 2025 08:19:00 +0330 .. /news/9152 ज़ायोनी सरकार के अपने वजूद के आग़ाज़ से ग्रेटर इस्राईल की कोशिश में https://hindi.khamenei.ir/news/9149 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई की वेबसाइट Khamenei.ir ने लेबनान के लेखक और राजनैतिक टीकाकार तारिक़ तरशीशी से एक इंटरव्यू किया है जिसमें उन्होंने कहा है कि ज़ायोनी अधिकारी, सन 1948 से ही पूरे फ़िलिस्तीन पर नाजायज़ क़ब्ज़े और ग्रेटर इस्राईल के गठन की कोशिश करते रहे हैं। उनका कहना है कि "टू स्टेट सोल्युशन" सिर्फ़ एक राजनैतिक वहम है और फ़िलिस्तीनी क़ौम को उसके अधिकार दिलाने और मक़बूज़ा इलाक़ों की आज़ादी का सिर्फ़ एक रास्ता है और वह है सशस्त्र रेज़िस्टेंस। इस इंटरव्यू के अहम हिस्से पेश किए जा रहे हैं। Tue, 18 Nov 2025 09:44:00 +0330 .. /news/9149 मुहम्मद अल-दुर्रह का ख़ून हिंद रजब की जान बचा सकता था, अगर... https://hindi.khamenei.ir/news/9114 ईरान में फ़िलिस्तीनी बच्चों और किशोरों के साथ एकजुटता के राष्ट्रीय दिवस पर Tue, 30 Sep 2025 16:00:00 +0330 .. /news/9114 ग्रेटर इस्राईल, ज़ायोनी शासन का विस्तारवादी सपना https://hindi.khamenei.ir/news/9102 22 अगस्त 2025 को ज़ायनी सरकार के प्रधान मंत्री बिनयामिन नेतनयाहू का एक इंटरव्यू आई-24 नेटवर्क पर प्रसारित हुआ जिसमें उन्होंने साफ़ तौर पर "ग्रेटर इस्राईल" के सपने का ज़िक्र किया और उसे अपना आध्यात्मिक और ऐतिहासिक मिशन कहा। Thu, 25 Sep 2025 17:18:00 +0330 .. /news/9102 किताबः फ़िलिस्तीन में रेफ़रेन्डम; आयतुल्लाह ख़ामेनेई का फ़िलिस्तीन के मसले पर नज़रिया https://hindi.khamenei.ir/news/9080 जो भी हल अब तक पश्चिमी ताक़तों और क्षेत्र के कुछ मध्यस्थता करने वालों की तरफ़ से पेश हुए, उसमें या तो साठगांठ को ध्रुव बनाया गया या फ़िलिस्तीन के धूर्ततापूर्ण बंटवारे के ज़रिए, उस पर नाजायज़ क़ब्ज़े की हक़ीक़त को छिपा दिया गया है। Sun, 14 Sep 2025 18:50:00 +0330 .. /news/9080 ईरानी सरेंडर होने वाले नहीं हैं https://hindi.khamenei.ir/news/9063 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट KHAMENEI.IR  ने ज़ायोनी सरकार की तरफ़ से थोपी गई हालिया बारह दिवसीय जंग में इस्लामी गणराज्य ईरान की फ़तह और मुल्क का नेतृत्व करने में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के रोल की व्यापक समीक्षा के लिए "फ़तह की रवायत" शीर्षक के तहत इंटरव्यूज़ का एक सिलसिला शुरू किया है, जिसमें मुल्क के अनेक विभागों के माहिरों से बात की गयी है। Tue, 09 Sep 2025 09:30:00 +0330 .. /news/9063 हज़रत ख़दीजाः क़ुरैश की मलिका किस तरह उम्मुल मोमेनीन में तबदील हो गयी? https://hindi.khamenei.ir/news/9052 हज़रत ख़दीजा सलामुल्लाह अलैहा के ज़िक्र के बिना इस्लाम के उदय के बारे में बात करना एक अधूरी बात है क्योंकि वे इस महान धर्म की संस्थापकों में से हैं। हज़रत ख़दीजा सलामुल्लाह अलैहा सिर्फ़ पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही वसल्लम की बीवी या पहली मुसलमान महिला नहीं थीं बल्कि वे इस्लाम की पहली मददगार, उसकी सबसे बड़ी सपोर्टर, पैग़म्बरे इस्लाम का भावनात्मक सहारा और अल्लाह के पैग़म्बर की आत्मिक व आध्यात्मिक साथी थीं। इन सबके बावजूद जैसा कि इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बल देकर कहा है कि इतिहास में उनकी महान शख़्सियत के संबंध में लापरवाही बरती गयी है और उसे नज़रअंदाज़ किया गया है।(1) Thu, 04 Sep 2025 20:24:00 +0330 .. /news/9052 ईरानी क़ौम के इरादे के ख़िलाफ़, आतंकवादी मिशन https://hindi.khamenei.ir/news/9045 इस्लामी गणराज्य ईरान, दुनिया में आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ितों में से एक है। इस्लामी इंक़ेलाब की कामयाबी से लेकर अब तक 17000 से ज़्यादा ईरानियों को आतंकवाद का निशाना बनाया जा चुका है जिनमें आम लोग भीं हैं जिन्हें मुनाफ़िक़ीन (एम के ओ) के आंतकवादियों ने सिर्फ़ धार्मिक रूप अपनाने की बुनियाद पर सड़कों पर गोलियों से भून दिया और जनरल क़ासिम सुलैमानी जैसे कमांडर भी जिन्हें अमरीकी राष्ट्रपति के सीधे हुक्म पर शहीद किया गया। ईरान के ख़िलाफ़ आतंकवाद मुख़्तलिफ़ रूप में सामने आया हैः चरमपंथी आतंकवाद, जो धार्मिक शिक्षा की ग़लत समझ का नतीजा था और "फ़ुर्क़ान" जैसे गिरोहों में ज़ाहिर हुआ और फ़ील्ड मार्शल मोहम्मद वली क़रनी और आयतुल्लाह मुर्तज़ा मुतह्हरी जैसी महान हस्तियों की शहादत का सबब बना। इसी तरह सरकारी आतंकवाद जो अमरीका और इस्राईल की सरकारों की ओर से अंजाम पाया कि जिसमें सिर्फ़ इसी 12 दिवसीय जंग में 1000 से ज़्यादी ईरानी शहीद हुए हैं। Sun, 31 Aug 2025 15:23:00 +0330 .. /news/9045 वह पत्रकार जो ग़ज़ा के अस्पताल पर बमबारी में शहीद हुयी https://hindi.khamenei.ir/news/9041 लेखकः माएदा ज़मान फ़श्मी, पत्रकार और शोधकर्ता "ग़ैस, तुम अपनी माँ का दिल व जान हो। मैं चाहती हूं कि तुम मुझसे वादा करो कि मेरे लिए रोओगे नहीं ताकि मैं ख़ुश रहूं, मेरा सिर फ़ख़्र से ऊंचा करो, समझदार व्यक्ति बनो और अपनी तमाम सलाहियत को इस्तेमाल करो और एक सफल व्यापारी बनो। मेरे प्यारे मुझे भूल न जाना, मेरे प्यारे मैंने तुम्हे ख़ुश रखने और तुम्हारे सुकून के लिए जो मुमकिन था किया, सभी कठिनाइयों को तुम्हारे लिए बर्दाश्त किया। जब बड़े होना और शादी करना और तुम बेटी के बाप बनो तो उसका नाम "मरयम" रखना मेरे नाम पर। तुम मेरे प्यारे, मेरा दिल, मेरा सहारा, मेरी जान और मेरे बेटे हो, मेरे लिए फ़ख़्र का सबब हो और तुम्हारे होने से मैं हमेशा ख़ुश रहती हूं। मैं तुम्हें वसीयत करती हूं कि तुम्हारी नमाज़ न छूटे, मेरे बेटे नमाज़ नमाज़। तुम्हारी माँ मरयम।" Thu, 28 Aug 2025 23:21:00 +0330 .. /news/9041 अरब इलाक़ों के खंडहरों पर "ग्रेटर इस्राईल" के निर्माण का सपना; इस्राईल सुरक्षा देने वाला है या छीनने वाला? https://hindi.khamenei.ir/news/9021 "सन 1948 का युद्ध अभी ख़त्म नहीं हुआ है। यह, उन युद्ध श्रृंखलाओं का सिर्फ़ एक चरण है जिनमें शामिल होने के लिए इस्राईल को पूरी तरह तैयार रहना चाहिए ताकि वह हर दिशा में अपनी सीमाओं को फैला सके।" इस वाक्य से, जो ज़ायोनी सेना के जनरल स्टाफ़ से संबंधित दस्तावेज़ों का एक हिस्सा है, पता चलता है कि "ग्रेटर इस्राईल" के सपने को पूरा करने के लिए "भूमि और सीमा विस्तार" कोई अस्थायी नीति नहीं बल्कि ज़ायोनी सरकार की एक बुनियादी रणनीति है; यह रणनीति क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार की स्थापना के समय से ही हमेशा उसके एजेंडे में शामिल रही है।(1) Wed, 20 Aug 2025 13:51:00 +0330 .. /news/9021 हिज़्बुल्लाह के सीनियर संस्थापक कमांडर शहीद फ़ोआद शुक्र की बेटी का इंटरव्यू https://hindi.khamenei.ir/news/8993 हिज़्बुल्लाह के कमांडर शहीद फ़ुआद शुक्र की बेटी आदरणीय ख़दीजा शुक्र ने वेबसाइट Khamenei.ir को विशेष इंटरव्यू में अपने पिता, उनके संघर्ष, हिज़्बुल्लाह में उनका शामिल होने, उनके रोल और उनकी शहादत के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि अगर ज़ायोनी शासन का लक्ष्य हिज़्बुल्लाह का अंत था, तो हालिया तजुर्बे से साबित हुआ कि कमांडरों की शहादत, हथियारों के भंडारों के नेष्ट होने और हिज़्बुल्लाह के बड़ी तादाद में शहीदों, आम नागरिकों को होने वाने नुक़सान के बावजूद, उसका कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। दुश्मन न तो रेज़िस्टेंस को ख़त्म कर पाया और न ही उसके जनाधार को कमज़ोर कर सका। यह हक़ीक़त सैयद हसन के अंतिम संस्कार में साफ़ तौर पर नज़र आयी। Fri, 01 Aug 2025 09:37:00 +0330 .. /news/8993 जंग जीत कर ईरान ने अमरीकी और ज़ायोनी विस्तारवाद का रास्ता रोक दिया https://hindi.khamenei.ir/news/8967 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 16 जूलाई 2025 को न्यायपालिका के अधिकारियों से मुलाक़ात में कहा, "हालिया थोपी गयी जंग में अवाम ने बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। यह बड़ा कारनामा फ़ौजी आप्रेशन नहीं, बल्कि इरादा था, संकल्प था और आत्मविश्वास था। एक वक़्त था, हम से पहले भी और हमारी नौजवानी के ज़माने में भी, इंक़ेलाब से पहले, अमरीका के नाम से ही लोग डर जाते थे, उसका सामना और मुक़ाबला करने की तो बात ही दूर थी। अब वही क़ौम है जो अमरीका की आँख में आँख डालकर खड़ी हो जाती है।" Tue, 22 Jul 2025 13:31:00 +0330 .. /news/8967 रहबरे इंक़ेलाब के फ़ैसले ने हमारे डिफ़ेंस को नई दिशा दे दी https://hindi.khamenei.ir/news/8948 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने ज़ायोनी सरकार के हमले के बाद, टीवी से प्रसारित अपने तीसरे संदेश में इस जंग में फ़तह पर ईरान की महान क़ौम को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा थाः "इतने शोर-शराबे, इतने दावों के बावजूद, ज़ायोनी शासन इस्लामी गणराज्य के वार से क़रीब क़रीब ढह गया और कुचल दिया गया। यह बात कि इस्लामी गणराज्य की ओर से ऐसे वार मुमकिन है इस शसान पर हों उनके मन में, उनके ख़याल में नहीं आती थी, जबकि ऐसा हुआ। अल्लाह का शुक्रगुज़ार हूं कि उसने हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की मदद की, जो उनके कई परतों वाले विकसित डिफ़ेंस को भेद सकीं और उनके बहुत से नगरीय और सैन्य इलाक़ों को अपने मीज़ाइलों की बौछार से अपने मज़बूत आधुनिक हथियारों से मिट्टी में मिला दिया। यह अल्लाह की बड़ी नेमतों में से एक है।" Tue, 15 Jul 2025 17:39:00 +0330 .. /news/8948 ईरान में ज़ुल्म का शिकार होने वाली औरतों के बारे में आपका विचार क्या है? https://hindi.khamenei.ir/news/8942 ज़हरा शाफ़ेई, रिसर्च स्कॉलर बग़दाद से काबुल तक और अब तेहरान के संबंध में, साम्राज्यवाद की शैतानी साज़िशों में कोई बदलाव नहीं आया हैः उस सरकार की छवि को शैतानी दिखाया जाता है जो साम्राज्यवाद की दुश्मन है, उन लोगों को इंसानियत के दायरे से बाहर दिखाया जाता है जो पश्चिम की साम्राज्यवादी नीतियों के मुक़ाबले में डट गए हैं। Sun, 13 Jul 2025 10:27:00 +0330 .. /news/8942 दूरदर्शी ख़त के एक साल बाद, अब भी "इतिहास की सही दिशा में" https://hindi.khamenei.ir/news/8821 एक साल पहले, इस्लामी क्रांति के नेता ने अमरीकी छात्रों के नाम एक पत्र लिखकर उनसे कहा था कि वे ग़ज़ा में हो रहे खुले अपराधों पर चुप न रहें। हालांकि, फ़िलिस्तीन के समर्थन की सराहना से अलग हट कर, यह ख़त अमरीकी समाज की स्थिति के गहन विश्लेषण पर आधारित था, जिसमें कहा गया था कि "आप छात्र इतिहास की सही दिशा में खड़े हैं और इतिहास इस पर गर्व करेगा।" Thu, 29 May 2025 14:31:00 +0330 .. /news/8821 अमरीका की प्रॉक्सी फ़ोर्स https://hindi.khamenei.ir/news/8724 सन 1956 में स्वेज नहर जंग पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ़्रीक़ा के इलाक़े में अमरीका की दख़लअंदाज़ी के लिए एक अहम मोड़ साबित हुयी। जब मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर ने पूर्व सोवियत संघ के सपोर्ट से वेस्ट एशिया में ब्रिटेन और फ़्रांस की ताक़त को कंट्रोल करने के लिए स्वेज़ नहर के राष्ट्रीयकरण का फ़ैसला किया तो उस वक़्त दुनिया की दो बड़ी ताक़तों के ज़रिए और ज़ायोनी सरकार के हस्तक्षेप से एक जंग हुयी जो इस इलाक़े में एक नए सिस्टम के सामने आने का सबब बनी। Sun, 13 Apr 2025 11:33:00 +0330 .. /news/8724 पश्चिम के अवाम ग़ज़ा के बारे में जो नहीं जानते; अगर जान जाएं तो क्या होगा? https://hindi.khamenei.ir/news/8717 पश्चिम के समकालीन इतिहास के एक भाग में योरोप और अमरीका के बड़े शहरों में सड़कें फ़िलिस्तीन के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों से भर गयीं जिसकी इतिहास में मिसाल नहीं मिलती। यह लहर सन 2023 में अक्तूबर महीने के मध्य में शुरू हुयी, जब लंदन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन से राजनेता और पर्यवेक्षक हैरत में पड़ गए। अलग अलग अंदाज़े थे- कुछ 1 लाख लोग कहते थे और कुछ 3 लाख- लेकिन कोई भी भीड़ के रूप में मौजूद उस विशाल फ़ोर्स का इंकार न कर सका जो फ़िलिस्तीन का परचम लिए हाइड पार्क से डाउनिंग स्ट्रीट तक मौजूद थी। Wed, 09 Apr 2025 16:48:00 +0330 .. /news/8717 बज़्म-ए-रहबर में शब-ए-शेर https://hindi.khamenei.ir/news/8691 जब मैं हुसैनिया इमाम ख़ुमैनी पहुंचा तो शाम के साढ़े चार बज रहे थे। मग़रिब की नमाज़ में अभी लगभग दो घंटे बाक़ी थे। हालांकि, सफ़ों को व्यवस्थित रखने के लिए कपड़े की पट्टियां बिछा दी गई थीं, जो सजदे और खड़े होने की जगह को दर्शाती थीं। पहली सफ़ आधी से थोड़ी कम भरी हुई थी और दूसरी सफ़ उससे भी छोटी थी। एक साहब ब्राउन रंग का कुर्दी लेबास पहने हुए नज़र आए, जो अहले सुन्नत फिरक़े से थे और अस्र की नमाज़ अदा कर रहे थे। मग़रिब की नमाज़ में वो मेरे सामने वाली सफ़ में थे। Sat, 29 Mar 2025 13:39:00 +0330 .. /news/8691 शहादत के बाद शहीद की ज़िंदगी का राज़ https://hindi.khamenei.ir/news/8609 शहीद नसरुल्लाह ज़िंदा हैं हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन हबीबुल्लाह बाबाई ने जो बाक़ेरुल उलूम यूनिवर्सिटी में सभ्यता व संस्कृति अध्ययन फ़ैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं, Khamenei.ir से इंटरव्यू में, शहीद नसरुल्लाह और शहीद सफ़ीउद्दीन के अंतिम संस्कार के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के संदेश में शहीदों के "इज़्ज़त की चोटी पर होने" और "शहीदों की रूह और उनके रास्ते की दिन ब दिन बढ़ती सरबुलंदी" के तात्पर्य की व्याख्या की। Sat, 01 Mar 2025 09:18:00 +0330 .. /news/8609 जनाब सैयद हसन नसरुल्लाह "फ़िलिस्तीन के शहीदों के सरदार" हैं और हम सबके दिलों में हैं https://hindi.khamenei.ir/news/8584 फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला ने तेहरान दौरे पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की इस मौक़े पर Khamenei.ir  Arabic द्वारा उनसे लिया गया विशेष इंटरव्यू पेश हैः Sat, 22 Feb 2025 16:37:00 +0330 .. /news/8584 फ़िलिस्तीनी क़ौम ने एक दिन में ट्रम्प की धमकी का अमली तौर पर जवाब दे दिया https://hindi.khamenei.ir/news/8572 फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश ने शनिवार 8 फ़रवरी 2025 को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की, जिसमें फ़िलिस्तीन के मौजूदा हालात और क्षेत्र के मुद्दों पर अहम बातचीत हुयी। इस मुलाक़ात के बाद, हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट Khamenei.ir को  एक्सक्लुसिव इंटरव्यू दिया, जिसके मुख्य अंश यहां पेश किए जा रहे हैं। Wed, 19 Feb 2025 11:42:00 +0330 .. /news/8572 ज़ायोनी शासन ग़ज़ा में क्यों हार गया? https://hindi.khamenei.ir/news/8569 औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। Sat, 08 Feb 2025 11:00:00 +0330 .. /news/8569 ज़ायोनी शासन ग़ज़ा में क्यों हार गया? https://hindi.khamenei.ir/news/8525 औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। Sat, 08 Feb 2025 08:39:00 +0330 .. /news/8525