rss https://hindi.khamenei.ir/feed/service/13516 hi अरब इलाक़ों के खंडहरों पर "ग्रेटर इस्राईल" के निर्माण का सपना; इस्राईल सुरक्षा देने वाला है या छीनने वाला? https://hindi.khamenei.ir/news/9021 "सन 1948 का युद्ध अभी ख़त्म नहीं हुआ है। यह, उन युद्ध श्रृंखलाओं का सिर्फ़ एक चरण है जिनमें शामिल होने के लिए इस्राईल को पूरी तरह तैयार रहना चाहिए ताकि वह हर दिशा में अपनी सीमाओं को फैला सके।" इस वाक्य से, जो ज़ायोनी सेना के जनरल स्टाफ़ से संबंधित दस्तावेज़ों का एक हिस्सा है, पता चलता है कि "ग्रेटर इस्राईल" के सपने को पूरा करने के लिए "भूमि और सीमा विस्तार" कोई अस्थायी नीति नहीं बल्कि ज़ायोनी सरकार की एक बुनियादी रणनीति है; यह रणनीति क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार की स्थापना के समय से ही हमेशा उसके एजेंडे में शामिल रही है।(1) Wed, 20 Aug 2025 13:51:00 +0330 .. /news/9021 हिज़्बुल्लाह के सीनियर संस्थापक कमांडर शहीद फ़ोआद शुक्र की बेटी का इंटरव्यू https://hindi.khamenei.ir/news/8993 हिज़्बुल्लाह के कमांडर शहीद फ़ुआद शुक्र की बेटी आदरणीय ख़दीजा शुक्र ने वेबसाइट Khamenei.ir को विशेष इंटरव्यू में अपने पिता, उनके संघर्ष, हिज़्बुल्लाह में उनका शामिल होने, उनके रोल और उनकी शहादत के बारे में विस्तार से बात की। उन्होंने इस इंटरव्यू में कहा कि अगर ज़ायोनी शासन का लक्ष्य हिज़्बुल्लाह का अंत था, तो हालिया तजुर्बे से साबित हुआ कि कमांडरों की शहादत, हथियारों के भंडारों के नेष्ट होने और हिज़्बुल्लाह के बड़ी तादाद में शहीदों, आम नागरिकों को होने वाने नुक़सान के बावजूद, उसका कोई भी लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। दुश्मन न तो रेज़िस्टेंस को ख़त्म कर पाया और न ही उसके जनाधार को कमज़ोर कर सका। यह हक़ीक़त सैयद हसन के अंतिम संस्कार में साफ़ तौर पर नज़र आयी। Fri, 01 Aug 2025 09:37:00 +0330 .. /news/8993 जंग जीत कर ईरान ने अमरीकी और ज़ायोनी विस्तारवाद का रास्ता रोक दिया https://hindi.khamenei.ir/news/8967 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 16 जूलाई 2025 को न्यायपालिका के अधिकारियों से मुलाक़ात में कहा, "हालिया थोपी गयी जंग में अवाम ने बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। यह बड़ा कारनामा फ़ौजी आप्रेशन नहीं, बल्कि इरादा था, संकल्प था और आत्मविश्वास था। एक वक़्त था, हम से पहले भी और हमारी नौजवानी के ज़माने में भी, इंक़ेलाब से पहले, अमरीका के नाम से ही लोग डर जाते थे, उसका सामना और मुक़ाबला करने की तो बात ही दूर थी। अब वही क़ौम है जो अमरीका की आँख में आँख डालकर खड़ी हो जाती है।" Tue, 22 Jul 2025 13:31:00 +0330 .. /news/8967 रहबरे इंक़ेलाब के फ़ैसले ने हमारे डिफ़ेंस को नई दिशा दे दी https://hindi.khamenei.ir/news/8948 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता और आर्म्ड फ़ोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने ज़ायोनी सरकार के हमले के बाद, टीवी से प्रसारित अपने तीसरे संदेश में इस जंग में फ़तह पर ईरान की महान क़ौम को मुबारकबाद पेश करते हुए कहा थाः "इतने शोर-शराबे, इतने दावों के बावजूद, ज़ायोनी शासन इस्लामी गणराज्य के वार से क़रीब क़रीब ढह गया और कुचल दिया गया। यह बात कि इस्लामी गणराज्य की ओर से ऐसे वार मुमकिन है इस शसान पर हों उनके मन में, उनके ख़याल में नहीं आती थी, जबकि ऐसा हुआ। अल्लाह का शुक्रगुज़ार हूं कि उसने हमारी आर्म्ड फ़ोर्सेज़ की मदद की, जो उनके कई परतों वाले विकसित डिफ़ेंस को भेद सकीं और उनके बहुत से नगरीय और सैन्य इलाक़ों को अपने मीज़ाइलों की बौछार से अपने मज़बूत आधुनिक हथियारों से मिट्टी में मिला दिया। यह अल्लाह की बड़ी नेमतों में से एक है।" Tue, 15 Jul 2025 17:39:00 +0330 .. /news/8948 ईरान में ज़ुल्म का शिकार होने वाली औरतों के बारे में आपका विचार क्या है? https://hindi.khamenei.ir/news/8942 ज़हरा शाफ़ेई, रिसर्च स्कॉलर बग़दाद से काबुल तक और अब तेहरान के संबंध में, साम्राज्यवाद की शैतानी साज़िशों में कोई बदलाव नहीं आया हैः उस सरकार की छवि को शैतानी दिखाया जाता है जो साम्राज्यवाद की दुश्मन है, उन लोगों को इंसानियत के दायरे से बाहर दिखाया जाता है जो पश्चिम की साम्राज्यवादी नीतियों के मुक़ाबले में डट गए हैं। Sun, 13 Jul 2025 10:27:00 +0330 .. /news/8942 दूरदर्शी ख़त के एक साल बाद, अब भी "इतिहास की सही दिशा में" https://hindi.khamenei.ir/news/8821 एक साल पहले, इस्लामी क्रांति के नेता ने अमरीकी छात्रों के नाम एक पत्र लिखकर उनसे कहा था कि वे ग़ज़ा में हो रहे खुले अपराधों पर चुप न रहें। हालांकि, फ़िलिस्तीन के समर्थन की सराहना से अलग हट कर, यह ख़त अमरीकी समाज की स्थिति के गहन विश्लेषण पर आधारित था, जिसमें कहा गया था कि "आप छात्र इतिहास की सही दिशा में खड़े हैं और इतिहास इस पर गर्व करेगा।" Thu, 29 May 2025 14:31:00 +0330 .. /news/8821 अमरीका की प्रॉक्सी फ़ोर्स https://hindi.khamenei.ir/news/8724 सन 1956 में स्वेज नहर जंग पश्चिम एशिया और उत्तरी अफ़्रीक़ा के इलाक़े में अमरीका की दख़लअंदाज़ी के लिए एक अहम मोड़ साबित हुयी। जब मिस्र के राष्ट्रपति जमाल अब्दुन्नासिर ने पूर्व सोवियत संघ के सपोर्ट से वेस्ट एशिया में ब्रिटेन और फ़्रांस की ताक़त को कंट्रोल करने के लिए स्वेज़ नहर के राष्ट्रीयकरण का फ़ैसला किया तो उस वक़्त दुनिया की दो बड़ी ताक़तों के ज़रिए और ज़ायोनी सरकार के हस्तक्षेप से एक जंग हुयी जो इस इलाक़े में एक नए सिस्टम के सामने आने का सबब बनी। Sun, 13 Apr 2025 11:33:00 +0330 .. /news/8724 पश्चिम के अवाम ग़ज़ा के बारे में जो नहीं जानते; अगर जान जाएं तो क्या होगा? https://hindi.khamenei.ir/news/8717 पश्चिम के समकालीन इतिहास के एक भाग में योरोप और अमरीका के बड़े शहरों में सड़कें फ़िलिस्तीन के समर्थन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों से भर गयीं जिसकी इतिहास में मिसाल नहीं मिलती। यह लहर सन 2023 में अक्तूबर महीने के मध्य में शुरू हुयी, जब लंदन में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन से राजनेता और पर्यवेक्षक हैरत में पड़ गए। अलग अलग अंदाज़े थे- कुछ 1 लाख लोग कहते थे और कुछ 3 लाख- लेकिन कोई भी भीड़ के रूप में मौजूद उस विशाल फ़ोर्स का इंकार न कर सका जो फ़िलिस्तीन का परचम लिए हाइड पार्क से डाउनिंग स्ट्रीट तक मौजूद थी। Wed, 09 Apr 2025 16:48:00 +0330 .. /news/8717 बज़्म-ए-रहबर में शब-ए-शेर https://hindi.khamenei.ir/news/8691 जब मैं हुसैनिया इमाम ख़ुमैनी पहुंचा तो शाम के साढ़े चार बज रहे थे। मग़रिब की नमाज़ में अभी लगभग दो घंटे बाक़ी थे। हालांकि, सफ़ों को व्यवस्थित रखने के लिए कपड़े की पट्टियां बिछा दी गई थीं, जो सजदे और खड़े होने की जगह को दर्शाती थीं। पहली सफ़ आधी से थोड़ी कम भरी हुई थी और दूसरी सफ़ उससे भी छोटी थी। एक साहब ब्राउन रंग का कुर्दी लेबास पहने हुए नज़र आए, जो अहले सुन्नत फिरक़े से थे और अस्र की नमाज़ अदा कर रहे थे। मग़रिब की नमाज़ में वो मेरे सामने वाली सफ़ में थे। Sat, 29 Mar 2025 13:39:00 +0330 .. /news/8691 शहादत के बाद शहीद की ज़िंदगी का राज़ https://hindi.khamenei.ir/news/8609 शहीद नसरुल्लाह ज़िंदा हैं हुज्जतुल इस्लाम वलमुस्लेमीन हबीबुल्लाह बाबाई ने जो बाक़ेरुल उलूम यूनिवर्सिटी में सभ्यता व संस्कृति अध्ययन फ़ैकल्टी में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं, Khamenei.ir से इंटरव्यू में, शहीद नसरुल्लाह और शहीद सफ़ीउद्दीन के अंतिम संस्कार के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के संदेश में शहीदों के "इज़्ज़त की चोटी पर होने" और "शहीदों की रूह और उनके रास्ते की दिन ब दिन बढ़ती सरबुलंदी" के तात्पर्य की व्याख्या की। Sat, 01 Mar 2025 09:18:00 +0330 .. /news/8609 जनाब सैयद हसन नसरुल्लाह "फ़िलिस्तीन के शहीदों के सरदार" हैं और हम सबके दिलों में हैं https://hindi.khamenei.ir/news/8584 फ़िलिस्तीन के इस्लामी जेहाद संगठन के महासचिव ज़्याद अन्नख़ाला ने तेहरान दौरे पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की इस मौक़े पर Khamenei.ir  Arabic द्वारा उनसे लिया गया विशेष इंटरव्यू पेश हैः Sat, 22 Feb 2025 16:37:00 +0330 .. /news/8584 फ़िलिस्तीनी क़ौम ने एक दिन में ट्रम्प की धमकी का अमली तौर पर जवाब दे दिया https://hindi.khamenei.ir/news/8572 फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख मोहम्मद इस्माईल दरवीश ने शनिवार 8 फ़रवरी 2025 को एक प्रतिनिधिमंडल के साथ इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई से मुलाक़ात की, जिसमें फ़िलिस्तीन के मौजूदा हालात और क्षेत्र के मुद्दों पर अहम बातचीत हुयी। इस मुलाक़ात के बाद, हमास की नेतृत्व परिषद के प्रमुख ने इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की वेबसाइट Khamenei.ir को  एक्सक्लुसिव इंटरव्यू दिया, जिसके मुख्य अंश यहां पेश किए जा रहे हैं। Wed, 19 Feb 2025 11:42:00 +0330 .. /news/8572 ज़ायोनी शासन ग़ज़ा में क्यों हार गया? https://hindi.khamenei.ir/news/8569 औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। Sat, 08 Feb 2025 11:00:00 +0330 .. /news/8569 ज़ायोनी शासन ग़ज़ा में क्यों हार गया? https://hindi.khamenei.ir/news/8525 औरतों और बच्चों को क़त्ल करना फ़तह नहीं है ग़ज़ा जंग से अगरचे इस इलाक़े के लोगों को बहुत ज़्यादा तबाही और नुक़सान का सामना हुआ लेकिन इसका नतीजा ज़ायोनी शासन की कल्पना के बिल्कुल ख़िलाफ़ रेज़िस्टेंस के हित में आया। जंग में कामयाबी सिर्फ़ मरने वालों की तादाद या तबाही के स्तर से आंकी नहीं जाती, बल्कि हर जंग का अंतिम लक्ष्य स्ट्रैटेजिक उपलब्धियों तक पहुंच होता है। ज़ायोनी शासन इस जंग में अपने घोषित लक्ष्य को न सिर्फ़ यह कि हासिल नहीं कर पाया, बल्कि बहुत से मैदानों में उसे ऐसी हार हुयी है जिसकी भरपाई मुमकिन नहीं है। Sat, 08 Feb 2025 08:39:00 +0330 .. /news/8525 ग़ज़ा की महिलाओं का ऐतिहासिक रेज़िस्टेंस https://hindi.khamenei.ir/news/8494 बरसों से पश्चिमी जगत ने मुसलमान औरतों की ऐसी छवि पेश की है जो पश्चिमी सरकारों के वैचारिक और भूराजनैतिक लक्ष्यों से प्रभावित रही है। इस छवि के तहत मुसलमान औरतों को एक असहाय, मज़लूम और बिना पहचान वाली औरत के तौर पर पेश किया जाता है जो मर्दों के प्रभुत्व वाले सिस्टम की जेल में और धार्मिक आस्था की बेड़ियों में क़ैद है। Tue, 28 Jan 2025 20:04:00 +0330 .. /news/8494 विजय की ख़ुशख़बरी https://hindi.khamenei.ir/news/8465 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से क़ुम के अवाम की मुलाक़ात जो बुधवार 8 जनवरी 2025 को हुयी, क़ुम के लोगों के निर्णायक आंदोलन की बरसी के उपलक्ष्य में थी। इस मौक़े पर आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने इस आंदोलन की क़द्रदानी करने के साथ ही, नीतियों और समीक्षा का एक ख़ाका पेश किया जो रोडमैप के समान था और वाक़यात की गहरी समीक्षा का तरीक़ा बताने वाला था।  Sun, 19 Jan 2025 14:14:00 +0330 .. /news/8465 अफ़्रीक़ा की जंगः अफ़्रीक़ा महाद्वीप के भविष्य के लिए अफ़्रीक़ी महिलाएं पश्चिमी पूंजीवाद के ख़िलाफ़ सक्रिय https://hindi.khamenei.ir/news/8449 पश्चिमी पूंजीवाद किस तरह अफ़्रीक़ा महाद्वीप में पारिवारिक सिस्टम को तबाह करने और वहाँ अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश में लगा है। इस बारे में एक लेख  पेश है। Mon, 13 Jan 2025 14:18:00 +0330 .. /news/8449 औरत, पूंजीवाद और धोखा https://hindi.khamenei.ir/news/8416 सन 1920 में, ठीक उस वक़्त जब चुनाव में अमरीकी महिलाओं ने पहली बार भाग लिया, संयुक्त राज्य अमरीका में शराब बनाने, उसके परिवहन और बेचने पर रोक का क़ानून, संघीय क़ानून बन गया। अमरीकी औरतों की ओर से शराब पीने पर पाबंदी को सपोर्ट, इस तरह के पेय की लत के नुक़सान और अमरीका के पारंपरिक कल्चर के संबंध में उनकी सामाजिक सूझबूझ को दर्शाती थी। उसी साल ओलियो थामस, कमेडी फ़िल्म फ़्लीपर में शराब और सिगरेट पी रहा था और साथ ही उसे अपने पारंपरिक परिवार के ज़ुल्म का शिकार दिखाया जा रहा था। एक ही चीज़ के बारे में समाज की आम इच्छा और मीडिया की ओर से पेश की गयी छवि के बीच यह खुला विरोधाभास, उस बड़े संघर्ष का एक छोटा सा मंज़र था जो अमरीकी कल्चर में जारी था यानी सामाजिक परंपरा और पूंजीवाद की कभी न मिटने वाली भूख के बीच संघर्ष। Tue, 31 Dec 2024 11:18:00 +0330 .. /news/8416 दूसरे मुल्कों के इलाक़ों पर क़ब्ज़े के संबंध में अमरीका का दोहरा मापदंड https://hindi.khamenei.ir/news/8410 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 11 दिसम्बर 2024 को अपनी स्पीच में कहा कि ज़ायोनी शासन ने सीरिया के इलाक़ों पर क़ब्ज़ा तो किया ही, साथ ही उसके टैंक दमिश्क़ के क़रीब तक पहुंच गए। गोलान हाइट्स के अलावा, जो दमिश्क़ का था और बरसों से उसके हाथ में था, दूसरे इलाक़ों पर भी क़ब्ज़ा करना शुरू कर दिया। अमरीका, योरोप और वे सरकारें, जो दुनिया के दूसरे मुल्कों में इन चीज़ों पर बहुत संवेदनशील हैं और एक मीटर और दस मीटर पर भी संवेदनशीलता दिखाती हैं, इस मसले पर न सिर्फ़ यह कि ख़ामोश हैं, एतेराज़ नहीं कर रही हैं बल्कि मदद भी कर रही हैं। यह उन्हीं का काम है। अब सवाल यह है कि अंतर्राष्ट्रीय क़ानून के मुताबिक़, दूसरे मुल्कों की सरज़मीन पर इस तरह के क़ब्ज़े का क्या हुक्म है और इस सिलसिले में अमरीका और योरोप की उदासीनता की वजह क्या है? Sat, 28 Dec 2024 18:24:00 +0330 .. /news/8410 सिविल वॉर या विदेशी हस्तक्षेप? सीरिया के संकट में अमरीका का हाथ https://hindi.khamenei.ir/news/8384 सीरिया में सिविल वार की आग, जिसके शोले सन 2011 में भड़के थे, बड़ी तेज़ी से विश्व की बड़ी ताक़तों के हस्तक्षेप के मैदान में बदल गयी। इस संकट में बुनियादी और क्रूर रोल अदा करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त अमरीका था। Sun, 15 Dec 2024 12:39:00 +0330 .. /news/8384 मानवाधिकार का ध्वजवाहक या सबसे बड़ा दुश्मन? अमरीका की करतूतों पर एक नज़र https://hindi.khamenei.ir/news/8370 मानवाधिकार ऐसा विषय है कि अमरीका पूरी दुनिया में उसकी रक्षा का सबसे बड़ा दावेदार रहा है और पिछले दशकों में उसे उसने अपनी चौधराहट को फैलाने और दूसरी सरकारों की आलोचना के लिए हथकंडे के तौर पर इस्तेमाल करता रहा है। ऐसे राष्ट्रों की तादाद बहुत ज़्यादा है जिन पर पिछले दशकों में अमरीकी सरकार ने मानवाधिकार के उल्लंघनकर्ता का इल्ज़ाम लगाया और ऐसी सरज़मीनें भी बहुत हैं जहाँ अमरीका ने प्रजातंत्र और मानवाधिकार क़ायम करने के नाम पर चढ़ाई की। लेकिन हक़ीक़त में बहुत सी रिपोर्टें और ठोस डेटा इस बात के गवाह हैं कि आज अमरीका पूरी दुनिया में मानवाधिकार का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है।  Tue, 10 Dec 2024 12:37:00 +0330 .. /news/8370 अमरीका में दास प्रथा का अंत हुआ ही नहीं https://hindi.khamenei.ir/news/8353 2 दिसम्बर को दास प्रथा के अंत का विश्व दिवस मनाया जाता है। इस दिन कोशिश की जाती है कि मानव तस्करी, लोगों के यौन शोषण, बाल शोषण, बच्चों की जबरन शादी और जंगों में उनके इस्तेमाल जैसी इस दौर की ग़ुलामी के रूपों पर ध्यान केन्द्रित किया जाए ताकि इन चीज़ों के ख़िलाफ़ विश्व स्तर पर आंदोलन शुरू हो सके।  इस बात में कोई शक नहीं है कि उक्त अपराध, इंसानों के ख़िलाफ़ होने वाले सबसे घिनौने अपराधों में शामिल हैं लेकिन क्या किसी काम के लिए इंसान को मजबूर किया जाना सिर्फ़ ग़ुलामी के रूप में ही होता है? क्या वैचारिक, आर्थिक और सांस्कृतिक जंजीरें, इंसान को ग़ुलामी में नहीं जकड़ सकतीं? Tue, 03 Dec 2024 18:20:00 +0330 .. /news/8353 युद्ध विराम और सरहद के दोनों तरफ़ दो अलग हक़ीक़तें https://hindi.khamenei.ir/news/8343 जब दक्षिणी लेबनान के पहाड़ी टीलों पर सुबह का सूरज प्रकट हुआ तो गाड़ियों का एक क़ाफ़िला आगे की तरफ़ बढ़ने लगा और उनके हार्न से वतन वापसी के नग़में की गूंज सुनाई देने लगी। लेबनान के लोग, जो ज़ायोनिस्ट रेजीम की आक्रामकता की वजह से एक मुद्दत से बेघर हो गए थे, बुधवार की सबुह स्थानीय वक़्त के मुताबिक़ 4 बजे युद्ध विराम शुरू होने के फ़ौरन बाद अपने अपने गांवों की ओर तेज़ी से वापस लौटने लगे। खिड़कियां खुलने लगीं और हाथों में हिज़्बुल्लाह के पीले रंग के परचम लहराने लगे जो चैन और रिहाई का चिन्ह है। Sun, 01 Dec 2024 09:18:00 +0330 .. /news/8343 जो मनोबल मैंने हिज़्बुल्लाह के जांबाज़ों में देखा, वह निश्चित फ़तह की ख़ुशख़बरी है https://hindi.khamenei.ir/news/8341 लेबनान और सीरिया के ताज़ा सफ़र से लौटने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता के सलाहकार डाक्टर लारीजानी का KHAMENEI.IR से विशेष इटरव्यू Fri, 29 Nov 2024 09:28:00 +0330 .. /news/8341 इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की ख़ुशख़बरी ने स्वयंसेवियों का संकल्प और मज़बूत कर दिया https://hindi.khamenei.ir/news/8335 मुल्क भर से आए हुए हज़ारों स्वयंसेवियों ने सोमवार 25 नवम्बर 2024 को तेहरान में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की। जोश व श्रद्धा से भरे इस प्रोग्राम के माहौल, लोगों के जज़्बात और दूसरी अहम बातों के बारे में एक रिपोर्ट पेश है।  लेखकः मोहसिन बाक़ेरीपूर Wed, 27 Nov 2024 14:54:00 +0330 .. /news/8335