rss https://hindi.khamenei.ir/feed/service/all تولید شده توسط نرم افزار خبری سینا - عصر پایش اطلاعات hi पैग़म्बरे इस्लाम की सीरत से हज़रत फ़ातेमा ज़हरा की महानता की पहचान https://hindi.khamenei.ir/news/9170 यह महान महिला एक ओर पैग़म्बरे इस्लाम की महान बेटी हैं, ऐसी बेटी कि पैग़म्बर जिसके हाथ चूमते हैं, उनके आने पर पूरी तरह खड़े हो जाते हैं, जब भी कहीं सफ़र पर जाते हैं तो सबसे आख़िरी घर जिसका वह दीदार करते हैं, हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का घर है और वहीं से वह सफ़र पर जाते हैं, जब सफ़र से लौटते हैं तो सबसे पहले जहाँ जाते और सलाम करते हैं वह हज़रत ज़हरा का घर है; ऐसी बेटी हैं वह। इमाम ख़ामेनेई  3 फ़रवरी 2021 Mon, 24 Nov 2025 08:36:00 +0330 .. /news/9170 क़ुरआन की रौशनी मेंः सब्र का मतलब जोश व जज़्बे के साथ बढ़ना और बढ़ते जाना है https://hindi.khamenei.ir/news/9171 अल्लाह ने दुश्मनियों से मुक़ाबले के लिए पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम को निर्देश दिए। पैग़म्बरी पर नियुक्ति के आग़ाज़ से ही अल्लाह ने पैग़म्बरे इस्लाम को सब्र का हुक्म दिया। सूरए मुद्दस्सिर में जो पैग़म्बरी का मनसब देने के समय के सूरों में से एक है, अल्लाह फ़रमाता हैः “और अपने परवरदिगार के लिए सब्र करो” (सूरए मुद्दस्सिर, आयत-10) और सूरे मुज़्ज़म्मिल में भी जो क़ुरआन नाज़िल होने की शुरुआत के सूरों में से ही है, अल्लाह फ़रमाता हैः “ और इन (कुफ़्फ़ार) की बातों पर सब्र कीजिए!” (सूरए मुज़्ज़म्मिल, आयत-10) क़ुरआन में दूसरी जगहों पर भी इसी बात को दोहराया गया है, मगर दो जगहों पर फ़रमाता हैः “(मेरे फ़रमान के मुताबिक़) इस्तेक़ामत से काम लो” (सूरए शूरा, आयत-15) सब्र यानी उन लक्ष्यों और मक़सद पर डटा रहना है जो हमने निर्धारित किए हैं। सब्र यानी जोश व जज़्बे के साथ बढ़ना और बढ़ते जाना, यही सब्र का मतलब है। इमाम ख़ामेनेई 22/03/2020 Mon, 24 Nov 2025 08:54:00 +0330 .. /news/9171 तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) के शहादत दिवस की पूर्व संध्या की  मजलिस https://hindi.khamenei.ir/news/9168 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) के शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर, रविवार 23 नवम्बर 2025 की रात को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में, तीनों पालिकाओं के प्रमुखों और हज़ारों की तादाद में श्रद्धालुओं की शिरकत से मजलिस का आयोजन हुआ।   Sun, 23 Nov 2025 21:54:00 +0330 .. /news/9168 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का वजूद इंसान को हैरत में डाल देता है https://hindi.khamenei.ir/news/9166 हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के बारे में इंसान जितना सोचता है, इस महान हस्ती के हालात के बारे में ग़ौर करता है, उतना ही हैरत में पड़ जाता है। इंसान न सिर्फ़ इस आयाम से हैरत करता है कि किस तरह एक इंसान नौजवानी में अध्यात्मिक और भौतिक लेहाज़ से महानता के ऐसे दर्जे पर पहुंच सकता है! यह अपने आप में एक हैरत अंगेज़ हक़ीक़त है, लेकिन इस आयाम से और ज़्यादा हैरत होती है कि इस्लाम तरबियत की इतनी हैरतअंगेज़ ताक़त से इतने ऊंचे स्थान पर है कि एक जवान महिला, इतने कठिन हालात में, इस ऊंचे स्थान को हासिल कर सकती है! इस हस्ती, इस महान इंसान की अज़मत भी हैरतअंगेज़ है, उस मत की अज़मत भी हैरतअंगेज़ व आश्चर्यजनक है जिसने ऐसी महान व गरिमापूर्ण हस्ती को पैदा किया। इमाम ख़ामेनेई 16 दिसम्बर 1992 Sun, 23 Nov 2025 16:26:00 +0330 .. /news/9166 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा का इंसानियत को सबक़ https://hindi.khamenei.ir/news/9167 साहस का पाठ, त्याग का पाठ, दुनिया में परहेज़गारी का पाठ, ज्ञानार्जन का पाठ और ज्ञान को श्रोताओं एवं अन्य लोगों के दिमाग़ तक पहुँचाना, एक महान शिक्षक का रोल निभाना- यह सारी इंसानियत के लिए हज़रत फ़ातेमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के पाठ हैं। इमाम ख़ामेनेई 18 फ़रवरी 2018 Sun, 23 Nov 2025 18:02:00 +0330 .. /news/9167 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) के शहादत दिवस की पूर्व संध्या की  मजलिस https://hindi.khamenei.ir/news/9169 हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (सलामुल्लाह अलैहा) के शहादत दिवस की पूर्व संध्या पर, रविवार 23 नवम्बर 2025 की रात को तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में, तीनों पालिकाओं के प्रमुखों और हज़ारों की तादाद में श्रद्धालुओं की शिरकत से तीसरी मजलिस का आयोजन हुआ। Sun, 23 Nov 2025 22:12:00 +0330 .. /news/9169