29/07/2024
अमरीकी कांग्रेस के ऊपर परसों कितना बड़ा कलंक लगा जब वह इस अपराधी की तक़रीर सुनने के लिए बैठी और उसकी बातें सुनीं। यह बहुत बड़ा कलंक है।
28/07/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने 28 जुलाई 2024 की सुबह तेहरान के इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में मुल्क के सिविल व सैन्य अधिकारियों, कुछ शहीदों के घर वालों और तेहरान में तैनात कुछ विदेशी राजदूतों की मौजूदगी में आयोजित होने वाले समारोह में, संविधान की धारा 110 के नवें अनुच्छेद के तहत जनाब डाक्टर मसऊद पिज़िश्कियान को राष्ट्रपति चुनाव में मिले जनादेश को अनुमोदित किया और उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए नियुक्त किया। 
28/07/2024
अमरीका कांग्रेस से लेकर यूएनओ तक, पेरिस ओलंपिक तक और दूसरी सभी जगहों तक आज यह विषय सामने है और फैलता जा रहा है।
27/07/2024
ग़ज़ा की घटना में अमरीका निश्चित तौर पर अपराधियों के साथ शरीक है, यानी इस अपराध में अमरीका के हाथ कोहनियों तक मज़लूमों और बच्चों के ख़ून से सने हुए हैं। हक़ीक़त में...अमरीका ही संचालन कर रहा  है। इमाम ख़ामेनेई  25/10/2023
22/07/2024
क़ाबिज़ ज़ायोनी सरकार की पीठ पर अमरीका जैसी एक बड़ी फ़ौजी, राजनैतिक और आर्थिक ताक़त, प्रतिरोध करने वाले एक गिरोह से लड़ रही है लेकिन वह उसे घुटने टेकने पर मजबूर न कर सकी। वे अपनी भड़ास आम लोगों पर निकाल रहे हैं।
ग़ज़ा के मसले को पहली प्राथमिकता बताते हुए आयतुल्लाह ख़ामेनेईः

ग़ज़ा के मामले में चैन से न बैठिए

21/07/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने रविवार 21 जुलाई 2024 की सुबह तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में संसद सभापति और सांसदों से मुलाक़ात की। 
21/07/2024
इस मसले की वही पहले दिन जैसी अहमियत अब भी है बल्कि उससे ज़्यादा। दुनिया के लोग अब हक़ीक़त में दुष्ट क़ाबिज़ सरकार के ख़िलाफ़ फ़ैसला कर रहे हैं।
21/07/2024
यह ज़ालिम व ख़ूख़ार दुश्मन, क़ाबिज़ आतंकवादी सरकार, जुर्म की किसी हद पर रुकना नहीं जानती इमाम ख़ामेनेई 25/10/2023
13/07/2024
किस तरह ग़ज़ा की स्थिति से पश्चिम के प्रजातंत्र, मानवाधिकार और सबसे बढ़कर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे अर्थों की पोल खुल गयी है? इस बारे में लेख पेश है।
10/07/2024
इस्राईल ने ग़ज़ा में पानी पहुंचाने वाली सभी पाइप लाइनों को बंद कर, फ़िलिस्तीनियों को समुद्र का खारा पानी पीने पर मजबूर कर दिया है जिसके स्वास्थय के लेहाज़ से बहुत नुक़सान हैं। इस्राईल की यह करतूत, फ़िलिस्तीनियों के जातीय सफ़ाए का नया हथकंडा है। इस बारे में एक लेख पेश है।  
22/05/2024
आपको सलाम कि दुनिया की सबसे ज़्यादा हथियारों से लैस सेनाओं में से एक और धरती के सबसे घटिया लोगों के मुक़ाबले में आज अपकी दृढ़ता ने हमें, प्रतिरोध का अर्थ समझाया।
15/05/2024
ग़ज़ा में पश्चिमी सभ्यता बेनक़ाब हो गई... 30 हज़ार लोग ज़ायोनी सरकार के हाथों मारे जाते हैं, ये लोग अपनी आँखें बंद कर लेते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो! इनमें से कुछ तो मदद भी करते हैं, हथियार देते हैं... यह पश्चिम की लिबरल डेमोक्रेसी है, यह न तो लिबरल हैं और न ही डेमोक्रेट, ये झूठ बोलते हैं।  इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
11/05/2024
इस साल हमारा हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है... इसकी वजह इन दिनों ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन में होने वाली घटनाएं हैं। इमाम ख़ामेनेई 06/05/2024
08/05/2024
ग़ौर कीजिए कि अमरीकी, इस्राईल का ज़बानी विरोध किए जाने पर क्या कार्यवाही कर रहे हैं?! अमरीकी स्टूडेंट्स के साथ इस तरह का सुलूक किया जा रहा है। यह वाक़या अमली तौर पर यह दिखाता है कि ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के बड़े अपराध में अमरीका, ज़ायोनी हुकूमत का शरीके जुर्म है।  इमाम ख़ामेनेई 1/5/2024
06/05/2024
हज़रत इब्राहीम की शिक्षाओं की बुनियाद पर इस साल का हज ख़ास तौर पर बराअत का हज है, क्योंकि एक तरफ़ ख़ूंख़ार ज़ायोनी है तो दूसरी ओर ग़ज़ा के मुसलमान अवाम का इतनी मज़लूमियत के साथ प्रतिरोध है।
06/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने 6 मई 2024 को हज संस्था के अधिकारियों, सदस्यों और हज के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं से मुलाक़ात में हज के विषय पर अहम गुफ़तगू की और ग़ज़ा पर ज़ायोनियों के हमलों के परिप्रेक्ष्य में मुसलमानों की ज़िम्मेदारियों को रेखांकित किया। (1)
05/05/2024
छात्रों से पेश आने का अमरीकी सरकार का तरीक़ा अमली तौर पर ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के भयानक जुर्म में ज़ायोनी हुकूमत के साथ अमरीका के लिप्त होने का सुबूत है। इमाम ख़ामेनेई 01/05/2024
03/05/2024
ग़ज़ा आज दुनिया का सबसे अहम मुद्दा है। ज़ायोनी और उनके अमरीकी व यूरोपीय समर्थक दुनिया के जनमत के एजेंडे से ग़ज़ा को बाहर निकालने की जितनी भी कोशिशें कर रहे हैं सब व्यर्थ हैं। आप अमरीका और यूरोप की युनिवर्सिटियों की हालत देखिए।
01/05/2024
ग़ज़ा, दुनिया का सबसे बड़ा मुद्दा है। हमें इस मुद्दे को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने नहीं देना चाहिए, ये मुद्दा नंबर एक की पोज़ीशन से दुनिया के लोगों की नज़रों से हटने न पाए।
01/05/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने बुधवार की सुबह मशहूर विचारक उस्ताद शहीद आयतुल्लाह मुर्तज़ा मुतह्हरी की शहादत की बरसी और शिक्षक दिवस पर मुल्क भर से आए हुए टीचरों से मुलाक़ात की।
01/05/2024
छात्रों से पेश आने का अमरीकी सरकार का तरीक़ा अमली तौर पर ग़ज़ा में नस्लीय सफ़ाए के भयानक जुर्म में ज़ायोनी हुकूमत के साथ अमरीका के लिप्त होने का सुबूत है। इमाम ख़ामेनेई 01/05/2024
24/04/2024
हम बरसों से अमरीका और यूरोप की सख़्त पाबंदियों का सामना कर रहे हैं। पाबंदियों का लक्ष्य क्या है? झूठ बोलते हैं कि एटमी हथियार और मानवाधिकार की वजह से लगई गईं। ऐसा नहीं है। ईरान पर पाबंदी लगाते हैं आतंकवाद के समर्थन के कारण। उनकी नज़र में आतंकवाद क्या है? #गज़ा के अवाम। 
13/04/2024
इस साल रमज़ान के महीने में ग़ज़ा के ख़ूंरेज़ वाक़यात ने सारी दुनिया में मुसलमानों को रंजीदा कर दिया। अल्लाह की लानत हो क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत पर। ज़ायोनी हुकूमत ने एक और ग़लती अपनी ग़लतियों में बढ़ा ली और वो सीरिया में ईरान की काउंसलेट पर हमला था। घटिया हुकूमत को सज़ा मिलेगी।
10/04/2024
तेहरान में ईदे फ़ित्र की मुख़्य नमाज़ इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला में बुधवार की सुबह अवाम की बड़ी तादाद की शिरकत से इस्लामी इंक़ेलाब के नेता सैयद अली ख़ामेनेई की इमामत में अदा की गयी।
10/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने बुधवार 10 अप्रैल 2024 की सुबह मुल्क के आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी देशों के राजदूतों और अवाम के विभिन्न वर्गों की एक तादाद से मुलाक़ात की।
10/04/2024
तेहरान के इमाम ख़ुमैनी मुसल्ला काम्पलेक्स में 10 अप्रैल 2024 को ईदुल फ़ित्र की नमाज़ अदा की गई। नमाज़ के ख़ुतबों में रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने रमज़ानुल मुबारक की ख़ास रूहानी फ़ज़ा के बारे में बात की और ईरान के दूतावास पर इस्राईल के हमले के बारे में अहम एलान किया। (1)
09/04/2024
यूनिवर्सिटी के तीन मुख़्य फ़रीज़े हैं। विद्वान की तरबियत करे, दूसरे ये कि इल्म का प्रोडक्शन करे और तीसरे ये कि विद्वान की तरबियत और इल्म के प्रोडक्शन को दिशा दे। दुनिया की यूनिवर्सिटियां विद्वान की तरबियत करती हैं, इल्म का प्रोडक्शन भी करती हैं लेकिन इस तीसरे फ़रीज़ें में लड़खड़ा जाती हैं। नतीजा क्या होता है? नतीजा ये होता है कि उनके इल्म की तरबियत, इल्म का प्रोडक्शन और विद्वान की तरबियत का प्रोडक्ट दुनिया ज़ायोनी और साम्राज्यवादी ताक़तों के हाथों का खिलौना बन जाता है। इस बारे में एक लेख पेश है। 
08/04/2024
पश्चिम के महिला अधिकार के झूठे दावे को ज़ायोनियों के अपराध भुलाए नहीं जा सकेंगे यहाँ तक कि ज़ायोनी शासन के तबाह हो जाने के बाद भी। लेखक किताबों में लिखेंगे कि इन लोगों ने कुछ हफ़्तों में हज़ारों बच्चों और औरतों को मार डाला। इमाम ख़ामेनेई 09/01/2024
09/04/2024
अमरीका बड़ी बेशर्मी से युद्ध विराम के प्रस्ताव को बार बार वीटो करता है। ये पश्चिमी सभ्यता का अस्ल स्वभाव है। इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
06/04/2024
पश्चिमी सभ्यता ने अपनी धूर्तता, पाखंड और झूठ को ज़ाहिर कर दिया। जब तीन या चार महीने में ज़ायोनी शासन के हाथों 30000 लोग मारे जाते हैं तो वो अपनी आँखें बंद कर लेते हैं मानो कुछ हुआ ही न हो। इमाम ख़ामेनेई 24/02/2024
03/04/2024
अगर सारे बच्चों को भी क़त्ल कर दिया तो कोई ग़म नहीं फ़िरऔन को क़त्ल करने के लिए मूसा ज़िंदा रहेगा
03/04/2024
ग़ज़ा पट्टी में ज़ायोनी हुकूमत के जुर्म से संबंधित ख़बरें रोज़ाना ही न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में आती रहती हैं। इसी तरह ग़ज़ा का संकट टॉक शोज़, राजनैतिक समीक्षाओं और न्यूज़ डिबेट का दैनिक विषय बन गया है। इस सिलसिले में जो सबसे अहम सवाल पाए जाते हैं उनमें से एक, ग़ज़ा के मौजूदा संकट से बाहर निकलने और इस क्षेत्र में जारी भयानक क़त्ले आम और विध्वंसक गतिविधियों के अंत के रास्ते के बारे में है।
जनमत में ग़ज़ा के मसले को प्राथमिकता के तौर पर बाक़ी रखने पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता की ताकीद

इस साल का विश्व क़ुद्स दिवस क़ाबिज़ ज़ायोनी हुकूमत के ख़िलाफ़ एक अंतर्राष्ट्रीय दहाड़ होगा

04/04/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने बुधवार 3 अप्रैल 2024 की शाम को मुल्क के आला अधिकारियों व ओहदेदारों से मुलाक़ात में ग़ज़ा के हालात की ओर इशारा करते हुए कहा कि ग़ज़ा के मसले को विश्व जनमत की प्राथमिकता के दायरे से बाहर नहीं होने देना चाहिए। 
30/03/2024
फ़िलिस्तीनी रेज़िस्टेंस के जवानों ने पैग़ाम दिया जो हमारे कानों तक भी पहुंचा कि हमारे बारे में फ़िक्रमंद होने की ज़रूरत नहीं है। हमारे लगभग 90 प्रतिशत संसाधन और क्षमताएं सुरक्षित हैं। इमाम ख़ामेनेई 12 मार्च 2024
29/03/2024
आप अल्लाह के फ़ज़्ल से ग़ज़ा के अवाम की आख़िरी फ़तह को देखेंगे। इमाम ख़ामेनेई  28 मार्च 2024
29/03/2024
इस छह महीने की जंग में ग़ज़ा और फ़िलिस्तीन के अवाम की प्रतिष्ठा और दृढ़ता का चरम  बिंदु और ज़ायोनी हुकूमत की नाकामियां एक इलाही वाक़या और हक़ीक़त है।
28/03/2024
पश्चिम के समर्थन से अंजाम पाने वाले ज़ायोनी सरकार के अपराध और दरिंदगी पर ग़ज़ा के अवाम का तारीख़ी सब्र एक अज़ीम हक़ीक़त है जिसने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई।
28/03/2024
ज़ायोनी हुकूमत केवल अपनी सुरक्षा के मसले में ही संकट का शिकार नहीं बल्कि संकट से बाहर निकलने के मसले में भी संकट में घिरी है। दलदल में फंसी है, बाहर नहीं निकल सकती। अगर ग़ज़ा से निकल जाए तो उसकी हार है और न निकले तब भी उसकी हार है। इमाम ख़ामेनेई 20 मार्च 2024
28/03/2024
पश्चिम के समर्थन से अंजाम पाने वाले ज़ायोनी सरकार के अपराध और दरिंदगी पर ग़ज़ा के अवाम का तारीख़ी सब्र एक अज़ीम हक़ीक़त है जिसने इस्लाम की मर्यादा बढ़ाई। ग़ज़ा वासियों के सब्र की अज़ीम हक़ीक़त ने फ़िलिस्तीन के विषय को दुश्मन की इच्छा के विपरीत दुनिया का सबसे अहम मुद्दा बना दिया। इमाम ख़ामेनेई   25 मार्च 2024
इस्माईल हनीया से मुलाक़ात में रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ और ग़ज़ा के अवाम की दृढ़ता की सराहना के साथ आयतुल्लाह ख़ामेनेईः 

ईरान ग़ज़ा के मज़लूम व मुजाहिद अवाम के समर्थन में कोई शक और हिचकिचाहट अपने क़रीब नहीं आने देगा

27/03/2024
रहबरे इंक़ेलाब आयतुल्लाह ख़ामेनेई ने मंगलवार 26 मार्च 2024 को हमास आंदोलन के पोलित ब्योरो चीफ़ इस्माईल हनीया और उनके साथ आए प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में फ़िलिस्तीन की रेज़िस्टेंस फ़ोर्सेज़ और ग़ज़ा के अवाम की ऐतिहासिक दृढ़ता की सराहना की।