उन्होंने सृष्टि के हैरत अंगेज़ तथ्यों में से एक के रूप में हज़रत फ़ातेमा ज़हरा के पवित्र वुजूद के कुछ पहलुओं पर रौशनी डालने के साथ ही औरत के बारे में विभिन्न दृष्टिकोणों की भी चर्चा की।
आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने क्षेत्र और प्रतिरोध मोर्चे की स्थिति और सीरिया की घटनाओं का ज़िक्र करते हुए कहा कि सीरिया में जो कुछ हुआ और ज़ायोनी सरकार और अमेरिका ने जो अपराध किए और इसी के साथ दूसरों ने जो उनकी मदद की उसकी वजह से शत्रुओं ने सोचा कि प्रतिरोध का काम तमाम हो गया मगर वे बहुत बड़ी ग़लतफ़हमी में हैं।
उन्होंने इस बात पर ज़ोर देते हुए कि सैयद हसन नसरुल्लाह और यह्या सिनवार की आत्मा जीवित है, कहा कि उनके शरीर चले गए लेकिन शहादत ने उन्हें अस्तित्व के मैदान से बाहर नहीं किया है और उनकी आत्मा व विचार जीवित हैं और उनका मार्ग जारी है।
इस्लामी क्रांति के नेता ने ज़ायोनियों के प्रतिदिन के हमलों पर ग़ज़ा के डटे रहने और लेबनान का प्रतिरोध जारी रहने की तरफ़ इशारा करते हुए कहा कि ज़ायोनी सरकार अपने विचार में सीरिया के रास्ते हिज़्बुल्लाह को घेरने और उसे जड़ से ख़त्म करने के लिए तैयार हो रही है लेकिन जो उखाड़ फेंका जाएगा वह इस्राईल है।
उन्होंने फ़िलिस्तीन और हिज़्बुल्लाह के मुजाहेदीन के साथ ईरान के खड़े रहने और उनका हर संभव समर्थन जारी रखने पर बल देते हुए कहा कि उम्मीद है कि मुजाहेदीन वह दिन देखेंगे जब दुष्ट दुश्मन उनके पैरों के नीचे कुचला जाएगा।