21/09/2024
पैग़म्बरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद मुस्तफ़ा सल्लललाहो अलैहि वआलेही वसल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के शुभ जन्म दिवस के मौक़े पर मुल्क के कुछ आला अधिकारियों, तेहरान में नियुक्त इस्लामी मुल्कों के राजदूतों और 38वीं इस्लामी एकता कान्फ़्रेंस में शिरकत करने वालों ने शनिवार 21 सितंबर 2024 की सुबह इस्लामी इंक़ेलाब के नेता से मुलाक़ात की।
20/09/2024
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने सज़ा पाने वाले क़रीब 3000 लोगों सज़ा माफ़ करने या उसमें कमी की दरख़ास्त मंज़ूरी की।
12/02/2024
आज भी और हर दौर में पैग़म्बरे इस्लाम की शिक्षाएं सारी इंसानियत के लिए हैं। जिस तरह उस ज़माने में पैग़म्बर ने लोगों को बुतों से दूरी और बुतों को तोड़ देने की दावत दी आज भी यही दावत मौजूद है। यह ख़ुद हमसे रसूले इस्लाम और बेसत का मुतालबा है। 
 इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 2024
06/10/2023
पैग़म्बरे इस्लाम ने इंसानियत की सारी बुनियादी समस्याओं और दर्द के इलाज का नुस्ख़ा पेश कर दिया। इमाम ख़ामेनेई 3 अक्तूबर 2023
01/10/2023
कहकशां यानी वह समूह जिसमें हज़ारों सौरमंडल और हज़ारों सूरज हैं। पैग़म्बरे इस्लाम का वजूद आकाशगंगा जैसा है जिसमें महानताओं के हज़ारों चमकते बिन्दु पाए जाते हैं। इमाम ख़ामेनेई 21/03/2006
29/09/2023
अगर हम मुसलमान पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत पर ध्यान दें, ग़ौर करें और सबक़ हासिल करना चाहें तो यह हमारी दुनिया और आख़ेरत के लिए काफ़ी है। इमाम ख़ामेनेई 2/10/2012
28/09/2023
इब्ने अब्बास से रिवायत है कि पैग़म्बरे इस्लाम ज़मीन पर बैठ जाते थे, ज़मीन पर बैठ कर खाते थे, चौपाये की रस्सी अपने हाथ में पकड़े रहते थे, ग़ुलाम की जौ की रोटी पर दावत को क़ुबूल कर लेते थे।
14/09/2023
पैग़म्बरे इस्लाम ने अपना पैराहन उठाया और फ़रमाया कि आओ अभी अपना इंतेक़ाम पूरा करो! इसे क़यामत के लिए न छोड़ो! इमाम ख़ामेनेई
27/12/2022
रवायतों में नज़र आता है कि हज़रत ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा के पास बस नबूवत व इमामत की ज़िम्मेदारी नहीं थी वरना रूहानी बुलंदी के एतेबार से उनमें और पैग़म्बर व अमीरुल मोमेनीन अलैहिमुस्सलाम में कोई फ़र्क़ न था। इससे औरत के बारे में इस्लाम के नज़रिए का पता चलता है। एक औरत इस मक़ाम पर पहुंच सकती है वह भी इस नौजवानी की उम्र में। इमाम ख़ामेनेई 29 नवम्बर 1993
14/10/2022
युनिटी सप्ताह और पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम और इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम के मुबारक जन्म दिन  के मौक़े पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने 14 अक्तूबर को मुल्क के आला ओहदेदारों और इस्लामी एकता कॉन्फ़्रेंस के मेहमानों को संबोधित किया। अपनी तक़रीर में इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने पैग़म्बरे इस्लाम की शख़्सियत, मुल्क और दुनिया के हालात और मुसलमानों के बीच युनिटी जैसे विषयों पर रौशनी डाली। (1) तक़रीर पेश हैः
12/10/2022
मदीने में इस्लाम की हुक्मरानी का दौर इस्लामी सिस्टम का निचोड़ पेश करने और इंसानी तारीख़ के हर दौर और हर जगह के लिए इस्लाम की हुक्मरानी का नमूना और नज़ीर तैयार करने का ज़माना है। पैग़म्बरे इस्लाम का मक़सद सिर्फ़ मक्के के काफ़िरों से जेहाद करना नहीं था। यह एक आलमी मिशन का मामला था। मक़सद यह था कि इंसान की आज़ादी, बेदारी और ख़ुशक़िस्मती का पैग़ाम हर दिल में उतर जाए। यह मक़सद एक आइडियल सिस्टम की रचना के बग़ैर पूरा नहीं हो सकता था। इमाम ख़ामेनेई 18 मई 2001
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