#हज के लिए #इब्राहीमी एलान और उनकी वैश्विक दावते-आम ने एक बार फिर इतिहास की गहराइयों से पूरी धरती को संबोधित किया है और आमादा और ज़िक्र में मसरूफ़ दिलों में शौक़ और हलचल पैदा कर दी है।
इमाम ख़ामेनेई
25 जून 2023
#हज का सिस्टम इंसानी समाज की बुलंदी और सारे इंसानों की सेहत और सलामती में मददगार बन सकता है। हज सारी इंसानियत को आध्यात्मिक बुलंदी और रूहानी व अख़लाक़ी ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है और यह मौजूदा दौर के इंसान की अहम ज़रूरत है।
इमाम ख़ामेनेई
25 जून 2023
इमाम ख़ुमैनी रहमतुल्लाह अलैह ने इस्लामी तहरीक के आग़ाज़ के वक़्त ही दिल के ईमान और अक़ीदे की बुनियाद पर फ़िलिस्तीन की हिमायत की और इस्लामी जमहूरिया की तरफ़ से भी इस हिमायत की बुनियाद इस्लामी शरीअत और फ़िक़्ह है टैकटिक और डिप्लोमैसी नहीं।
इमाम ख़ामेनेई
21 जून 2023
दुआ करता हूं कि नौजवान जोड़े मधुर जीवन गुज़ारें। आपस में मेल मोहब्बत से रहें, पाकीज़गी और सच्चाई का माहौल रहे ताकि ज़िंदगी मिठास से भर जाए।
इमाम ख़ामेनेई
20 जून 2023
इस्लाम नस्लों के बीच समानता का अमली तौर पर पैग़ाम देता है। हज में काले भी हैं, गोरे भी हैं। दुनिया के मुख़्तलिफ़ इलाक़ों, दुनिया की मुख़्तलिफ़ तहज़ीबों और अलग अलग ऐतिहासिक बैक ग्राउंड के लोग सब एक दूसरे के साथ होते हैं। यह हज के अहम रहस्यों में से है।
इमाम ख़ामेनेई
17 मई 2023
क़ुरआन में हज के बारे में कई आयतें हैं। एक सूरए मायदा की आयत है जिसमें अल्लाह कहता है किः "ख़ुदा ने काबा को जो एहतेराम वाला घर है लोगों की मज़बूती और कामयाबी का मरकज़ बनाया है।" मायदा 97
ख़ुदा ने काबे को समाज की बक़ा और मज़बूती का ज़रिया बनाया है। यह बहुत अहम है। यानी अगर हज का वजूद न हो और हज अंजाम न पाए तो इस्लामी उम्मत और इस्लामी समाज बिखर जाएगा।
दूसरी सूरए हज की आयत हैः "और लोगों में हज का एलान कर दो कि लोग (आपकी आवाज़ पर लब्बैक कहते हुए) आपके पास आएंगे। पैदल और हर दुबली सवारी पर कि वो सवारियां दूरदराज़ से आई हुई होंगी। ताकि वो अपने फ़ायदों के लिए हाज़िर हों।" सूरए हज 27 व 28
क़ौम, उम्मते इस्लामी, अवाम, दुनिया के कोने कोने से हज के लिए आएं ताकि अपनी आंखों से अपने फ़ायदों को देखें। फ़ायदों की आमाजगाह में ख़ुद मौजूद हों।
इमाम ख़ामनेई
17 मई 2023
अमरीकी इराक़ के दोस्त नहीं हैं। अमरीकी किसी के दोस्त नहीं हैं, वो अपने यूरोपीय दोस्तों तक के वफ़ादार नहीं हैं। इराक़ में एक अमरीकी की मौजूदगी भी ज़्यादा है। इमाम ख़ामेनेई29 अप्रैल 2023
दुश्मनों ने लेबर वर्ग को ईरान की हुकूमत के ख़िलाफ़ उकसाने की बड़ी कोशिशें कीं मगर नाकाम रहे। बेशक मज़दूर तबक़ों में कुछ एतेराज़ थे और वो सही एतेराज़ भी थे लेकिन मज़दूर तबक़े ने दुश्मन से अपनी दूरी क़ायम रखी और दुश्मन को एतेराज़ का ग़लत फ़ायदा उठाने का मौक़ा नहीं दिया।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
काम और मेहनत समाज की ज़िंदगी है। काम न हो तो कुछ नहीं होगा। खाना, लेबास और वह सामान जो हम ज़िंदगी में इस्तेमाल करते हैं सब कुछ काम से तैयार होता है। काम कौन करता है? लेबर। तो फिर मज़दूर की कितनी अहमियत है? लेबर की अहमियत समाज की ज़िंदगी के महत्व के बराबर है।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
मुल्क की अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्डी प्रोडक्शन है और प्रोडक्शन की रीढ़ की हड्डी लेबर है। हमें लेबर वर्ग को कमज़ोर नहीं होने देना चाहिए। प्रोडक्शन के विस्तार का बड़ा हिस्सा लेबरों पर निर्भर है।
इमाम ख़ामेनेई
29 अप्रैल 2023
ईरान के मोमिन अवाम ने शबे क़द्र (बेदारी और इबादतों में) बसर करने के बाद अगले दिन रोज़े के आलम में पूरे मुल्क में क़ुद्स दिवस की शानदार और व्यापक रैलियां निकालीं और साबित कर दिया कि यह सब अल्लाह की तौफ़ीक़ और लुत्फ़ है।
इमाम ख़ामेनेई
22 अप्रैल 2023
दुश्मन की शिकस्त का यक़ीन रखने के साथ साथ उसकी तरफ़ से ग़ाफ़िल न होना भी बहुत अहम है। किसी भी मरहले पर दुश्मनों की चालबाज़ी और साज़िशों से ग़ाफ़िल नहीं होना चाहिए।
इमाम ख़ामेनेई
16 अप्रैल 2023
ज़ायोनी हुकूमत अपनी 75 साल की उम्र में कभी इतनी ख़ौफ़नाक मुसीबतों में नहीं फंसी जिनका आज उसे सामना है। संगीन सियासी अस्थिरता में गिरफ़तार है। चार साल में चार प्रधानमंत्री बदल गए। राजनैतिक एलायंस बनने से पहले टूट जाते हैं।
इमाम ख़ामेनेई
4 अप्रैल 2023
हम क्यों कह रहे हैं कि अमरीका कमज़ोर हो गया?
1. अमरीका भीतर से दो धड़ों में विभाजित है।
2. अमरीका ज़ायोनी हुकूमत का राजनैतिक संकट हल न कर सका।
3. अमरीका ईरान विरोधी संयुक्त अरब मोर्चा बनाने की कोशिश में था मगर इसका उल्टा हो रहा है।
इमाम ख़ामेनेई
4 अप्रैल 2023
क़ुरआन ज़िंदगी की किताब, अक़्ल व दानिश की किताब और सीख देने वाली किताब है। ज़िदगी के हर पहलू के लिए क़ुरआन में सबक़ मौजूद हैं। ज़िंदगी के लिए दर्जनों बुनियादी बिंदु क़ुरआन के हर पेज पर इंसान तलाश कर सकता है।
इमाम ख़ामेनेई
23 मार्च 2023
हम #यूरोप से नाराज़ नहीं हैं। जो भी यूरोपीय देश और हुकूमत अमरीका की पालीसियों का अंधा अनुसरण न करे हम उसके साथ काम करने के लिए तैयार हैं।
इमाम ख़ामेनेई
21 मार्च 2023
आप किस मुल्क और इंक़ेलाब से वाक़िफ़ हैं जो दुनिया के मुल्कों के शदीद हमलों के सामने बरसों डटा रहा? ईरानी क़ौम दुश्मन की साज़िशों जैसे बग़ावत, पाबंदियों और प्रचारिक हमलों के लंबे सिलसिले के सामने मज़बूती से खड़ी है।
इमाम ख़ामेनेई
13 मार्च 2023
जो मुल्क अमरीका की पाबंदियों का निशाना बने हैं वो आपसी सहयोग से और एक संयुक्त ब्लाक बनाकर पाबंदियों के इस हथियार को मिटा दें और यह मुमकिन भी है।
इमाम ख़ामेनेई
13 मार्च 2023
कितना अच्छा है कि हम और आप स्पैनिश भाषियों और सारे इंसाफ़ पसंदों के दरमियान पहले से ज़्यादा परिचय हो और आपसी सहयोग बढ़े। अल्लाह से आपकी ख़ुशक़िस्मती की दुआ करता हूं।
इमाम ख़ामेनेई
10 मार्च 2023
वृक्षारोपण और पर्यावरण की हिफ़ाज़त का विषय बेहद अहम विषय है और यह केवल हमारे मुल्क का मसला नहीं है। इंशाअल्लाह अवाम के हौसले और इदारों की मदद से हर साल ‘हर ईरानी तीन पौधे’ का नारा अमली जामा पहनेगा और आइंदा चार साल में एक अरब पेड़ लगाने का काम पूरा होगा।
इमाम ख़ामेनेई
6 मार्च 2023
इस्लामी जुम्हूरिया जब क़ायम होती है तो अपने साथ जुम्हूरियत भी लाती है, आज़ादी भी लाती है और दीन को भी साथ रखती है और दुनिया पर क़ब्ज़ा करने के लिबरल डेमोक्रेसी के ज़िम्मेदारों के मंसूबों को नाकाम कर देती है।
इमाम ख़ामेनेई
23 फ़रवरी 2023
पैग़म्बरे इस्लाम की बेसत के ख़ज़ानों में से एक दृढ़ता है। दृढ़ता मंज़िल तक पहुंचने का राज़ है। आप की दुनियावी या आख़ेरत से मुतल्लिक़ जो भी मंज़िल है दृढ़ता के ज़रिए वहां तक पहुंचना मुमकिन है। इसके बग़ैर मुमकिन नहीं।
इमाम ख़ामेनेई
18 फ़रवरी 2023
आज फिर एक अहम मसला फ़िलिस्तीन का है। एक क़ौम, एक मुल्क मुकम्मल तौर पर क़ब्ज़े में है वह भी आम इंसानों नहीं बल्कि वहशी, ख़बीस और शैतानी फ़ितरत के इंसानों के क़ब्ज़े में। इस्लामी हुकूमतें सिर्फ़ देख रही हैं, तमाशबीन बनी हुई हैं।
इमाम ख़ामेनेई
18 फ़रवरी 2023
इस साल 11 फ़रवरी को इस्लामी इंक़ेलाब की सालगिरह पर इंशाअल्लाह यह स्पष्ट पैग़ाम दुश्मनों तक पहुंचे कि राष्ट्रीय एकता को ख़त्म करने की कोशिशें नाकाम रहीं, अवाम को एक दूसरे से और उन्हें हुकूमत से अलग करना मुमकिन नहीं।
इमाम ख़ामेनेई 8 फ़रवरी 2023
आप प्यारी बच्चियों को यह सिफ़ारिश करना चाहता हूं कि इसी बचपन के दौर से ख़ुदा-ए-मेहरबान की दोस्त बन जाइए। अल्लाह से कैसे दोस्ती की जाती है? अल्लाह से दोस्ती का एक रास्ता यही है कि आप नमाज़ में तवज्जो रखिए कि आप अल्लाह से बात कर रही हैं।
इमाम ख़ामेनेई
3 फ़रवरी 2023
इराक़ को उसके वास्तविक मक़ाम तक पहुंचाने के लिए मुल्क के अंदरूनी गलियारों और धड़ों का इत्तेहाद व तालमेल और जोश व जज़्बे से भरे इराक़ी नौजवानों की सलाहियतों का भरपूर इस्तेमाल ज़रूरी है।
इमाम ख़ामेनेई
29 नवम्बर 2022