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ग़ज़ा में ज़ायोनियों के हाथों जातीय सफ़ाए और लिब्रल सरकारों द्वारा उसके समर्थन की तरफ़ इशारा करते हुए इमाम ख़ामेनेई:

पूरी दुनिया के ज़िंदा ज़मीर लोगों को हमारी सार्वजनिक दावत है कि वे धार्मिक अध्यात्म से ख़ाली सिस्टमों के ज़ुल्म को देखें और इस्लामी शासन की युक्ति पर विचार करें