मौला का नाम और ज़िक्र हमेशा हमें यह याद दिलाता है कि इस अंधेरी रात की समाप्ति पर सत्य का सूरज ज़रूर ‎निकलेगा। बहुत से इंसान कभी कभी तारीकी के घटाटोप बादलों को देखते हैं तो मायूस होने लगते हैं। इमाम महदी ‎अलैहिस्सलाम की याद इस बात की अलामत है कि सूरज ज़रूर निकलेगा और उजाला फैलेगा। इमाम ख़ामेनेई ‎ ‎10 मई 2017‎