इस्लामी इंक़ेलाब के नेता ने "माबदे ज़ीरज़मीनी" नामक किताब पर रिव्यू लिखा जिसका हिंदी रुपांतरण "भूमिगत इबादतगाह" है।
"माबदे ज़ीरज़मीनी" नामक किताब पर इस्लामी इंक़ेलाब के नेता आयतुल्लाह ख़ामेनेई का रिव्यू गुरूवार की सुबह यज़्द प्रांत के मैबुद ज़िले के रुक्नाबाद गांव में, ईरान के संसद सभापति डाक्टर मोहम्मद बाक़िर क़ालीबाफ़ की मौजूदगी में जारी किया गया। यह उपन्यास, शहीद ग़ुलाम हुसैन रईयत रुक्नाबादी की ज़िंदगी से प्रेरित है। यह रिव्यू, यज़्द के क़नात यानी भूमिगत नहर खोदने वालों के बलिदान की याद में, रेज़िस्टेंस और जेहाद के साहित्य को बढ़ावा देने के अट्ठारहवें कार्यक्रम में जारी हुआ।
इस्लामी इंक़ेलाब के नेता का रिव्यू इस प्रकार है:अल्लाह के नाम से
इस नावेल का विषय नया और इनोवेटिव है, इसके लिखने का अंदाज़ भी मीठा और आकर्षक है। पाकीज़ा डिफ़ेंस के अहम व प्रभावी हाशिए की बातों को लिखना ज़रूरी काम है कि जिसे इस भावपूर्ण नावेल के लेखक ने अंजाम दिया है। यज़्द के क़नात खोदने वालों पर आधारित प्लाट, शहीद सय्याद शीराज़ी ने कई बार पेश किया था और हमें इसकी जानकारी थी लेकिन इसकी अहमियत, सूक्ष्मता और कठिनाई कि जिसका इस किताब में उल्लेख हुआ है, हमारे और हमारे जैसों के लिए अज्ञात थी। अल्लाह की रहमत और रज़ामंदी शामिले हाल हो हाथ में कुदाल लेने वाले इन कलाकारों पर। अगस्त 2023